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सर्वसम्मति से भांवर गांव के कार्यवाहक सरपंच बने विजय कुमार - Sarpanch election Bhanwar Village

गन्नौर के भांवर गांव के सरपंच के निलंबित होने के बाद सर्वसम्मति से विजय कुमार को भांवर गांव के कार्यवाहक सरपंच बनाया गया.

Unanimously Vijay Kumar became the acting sarpanch of Bhanwar village
सर्वसम्मति से भांवर गांव के कार्यवाहक सरपंच बने विजय कुमार
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Published : Jul 7, 2020, 12:05 PM IST

सोनीपत: गन्नौर के भांवर गांव के सरपंच के निलंबित होने के बाद ग्राम पंचायत का काम सुचारू रूप से चलाने के लिए सोमवार को बीडीपीओ कार्यालय में कार्यवाहक सरपंच का चुनाव हुआ. चुनाव बीडीपीओ जितेंद्र सिंह के निर्देशानुसार एसईपीओ जयभगवान की देखरेख में किया गया.

सोमवार को कार्यवाहक सरपंच के चुनाव के लिए बीडीपीओ कार्यालय में 7 में से कुल 5 पंच पहुंचे. जिनमें विजय कुमार, कविता, बिमला, अनुज, नरेंद्र शामिल थे. वहीं नवीन और सुनीता पंच चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. बताया जा रहा है कि कार्यवाहक सरपंच के चुनाव के लिए बीडीपीओ की तरफ से सभी सात पंचो को चुनाव के लिए तीन बार नोटिस दिया गया था.

जिसके चलते सोमवार को पांच पंचो की उपस्थिति में ही चुनाव प्रक्रिया आरंभ की गई. पंच विजय कुमार ने कार्यवाहक सरपंच बनने के लिए दावेदारी जताई थी. जिसका चुनाव में उपस्थित बाकी सभी चार पंचों ने अपना-अपना समर्थन किया. जिसके बाद सर्वसम्मति से विजय कुमार को कार्यवाहक सरपंच चुन लिया गया. कार्यवाहक सरपंच बनने पर पंचो ने विजय कुमार को बधाई दी. विजय कुमार ने कहा कि वे पंचायत का काम सुचारू रूप से चलाएंगे ताकि गांव का विकास हो सके.

बताया जा रहा है कि निलंबित गांव के सरपंच पर गांव एक व्यक्ति ने आरोप लगाए थे कि सरपंच बिजेंद्र सिंह अपनी मनमानी करते हुए ग्राम पंचायत को नुकसान पहुंचा रहा है. शिकायत मिलने के बाद प्रशासन द्वारा जांच की गई तो सामने आया कि सरपंच ने वर्ष 2017 में विभाग की अनुमति के बगैर ही गांव की पंचायती भूमि की बोली कर दी. इसके साथ ही सरपंच ने करीब 11 लाख 92 हजार रूपये का फंड भी किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर खर्च कर दिया.

ये भी पढ़िए: निजी कंपनियों में हरियाणवी युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण को कैबिनेट की मंजूरी, जानें सभी नियम-कानून

साथ ही हैंडपंप रिपेयर का खर्च 48 हजार रूपये दिखाया गया, जिसको किसी तकनीकी अधिकारी से वैरिफाई भी नहीं करवाया गया. वहीं कई जगहों पर लाइटें नहीं मिली जिससें चलते सरपंच को ग्राम पंचायत का नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया है. जिसके बाद उपायुक्त अंशज सिंह ने सरपंच को पंचायती राज एक्ट 1994 की धारा 51-3 के तहत शक्तियों को प्रयोग करते हुए सरपंच को निलंबित करने के आदेश देते हुए, ग्राम पंचायत की सभी चल-अचल सम्पति तुरंत बहुमत वाले पंच को देने के आदेश दिए थे.

सोनीपत: गन्नौर के भांवर गांव के सरपंच के निलंबित होने के बाद ग्राम पंचायत का काम सुचारू रूप से चलाने के लिए सोमवार को बीडीपीओ कार्यालय में कार्यवाहक सरपंच का चुनाव हुआ. चुनाव बीडीपीओ जितेंद्र सिंह के निर्देशानुसार एसईपीओ जयभगवान की देखरेख में किया गया.

सोमवार को कार्यवाहक सरपंच के चुनाव के लिए बीडीपीओ कार्यालय में 7 में से कुल 5 पंच पहुंचे. जिनमें विजय कुमार, कविता, बिमला, अनुज, नरेंद्र शामिल थे. वहीं नवीन और सुनीता पंच चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए. बताया जा रहा है कि कार्यवाहक सरपंच के चुनाव के लिए बीडीपीओ की तरफ से सभी सात पंचो को चुनाव के लिए तीन बार नोटिस दिया गया था.

जिसके चलते सोमवार को पांच पंचो की उपस्थिति में ही चुनाव प्रक्रिया आरंभ की गई. पंच विजय कुमार ने कार्यवाहक सरपंच बनने के लिए दावेदारी जताई थी. जिसका चुनाव में उपस्थित बाकी सभी चार पंचों ने अपना-अपना समर्थन किया. जिसके बाद सर्वसम्मति से विजय कुमार को कार्यवाहक सरपंच चुन लिया गया. कार्यवाहक सरपंच बनने पर पंचो ने विजय कुमार को बधाई दी. विजय कुमार ने कहा कि वे पंचायत का काम सुचारू रूप से चलाएंगे ताकि गांव का विकास हो सके.

बताया जा रहा है कि निलंबित गांव के सरपंच पर गांव एक व्यक्ति ने आरोप लगाए थे कि सरपंच बिजेंद्र सिंह अपनी मनमानी करते हुए ग्राम पंचायत को नुकसान पहुंचा रहा है. शिकायत मिलने के बाद प्रशासन द्वारा जांच की गई तो सामने आया कि सरपंच ने वर्ष 2017 में विभाग की अनुमति के बगैर ही गांव की पंचायती भूमि की बोली कर दी. इसके साथ ही सरपंच ने करीब 11 लाख 92 हजार रूपये का फंड भी किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर खर्च कर दिया.

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साथ ही हैंडपंप रिपेयर का खर्च 48 हजार रूपये दिखाया गया, जिसको किसी तकनीकी अधिकारी से वैरिफाई भी नहीं करवाया गया. वहीं कई जगहों पर लाइटें नहीं मिली जिससें चलते सरपंच को ग्राम पंचायत का नुकसान पहुंचाने का दोषी पाया गया है. जिसके बाद उपायुक्त अंशज सिंह ने सरपंच को पंचायती राज एक्ट 1994 की धारा 51-3 के तहत शक्तियों को प्रयोग करते हुए सरपंच को निलंबित करने के आदेश देते हुए, ग्राम पंचायत की सभी चल-अचल सम्पति तुरंत बहुमत वाले पंच को देने के आदेश दिए थे.

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