सोनीपत: लघु सचिवालय में जिला स्तरीय क्लीयरेंस कमेटी (डीएलसीसी) की बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कड़े निर्देश दिए कि औद्योगिक इकाइयों का कोई भी कार्य लंबित नहीं रहना चाहिए. निर्धारित समयावधि से अधिक लंबित रहने पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उपायुक्त पूनिया ने डीएलसीसी की बैठक में विशेष रूप से लंबित कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने इसकी शुरुआत सीएलयू से की. विभिन्न इकाइयों की ओर से की गई सीएलयू की मांग के संदर्भ में उन्होंने विस्तार से रिपोर्ट ली. डीआईसी के अतिरिक्त निदेशक आरके राणा ने इस दौरान बताया कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से तीन सीएलयू लंबित हैं. अन्य विभाग की ओर से अब ऐसी कोई पेंडेंसी नहीं है. उपायुक्त ने निर्देश दिए कि जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करवाकर पेंडेंसी को दूर किया जाए.
उपायुक्त ने फायर एनओसी की भी विस्तृत समीक्षा की. उन्होंने न्यू फायर फाइटिंग स्कीम के तहत दी जाने वाली एनओसी की समीक्षा करते हुए कहा कि तकनीकी दिक्कतों को दूर किया जाए. इस स्कीम के अंतर्गत 5 मामले लंबित हैं, जिनमें से 1 मामले का समाधान मुख्यालय स्तर पर होगा. शेष मामलों के लिए उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे संबंधित उद्यमी से संपर्क कर समस्या का समाधान करें.
उन्होंने बिजली की समस्या के संदर्भ में संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट ली. साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि औसत आधार पर दिए गए औद्योगिक इकाइयों के बिजली बिलों से संबंधित समस्या का समाधान शीघ्र करें. उन्होंने रेगुलर इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन की रिपोर्ट भी ली. उपायुक्त ने विभिन्न कंपनियों के टावरों की स्थापना को लेकर भी रिपोर्ट लेते हुए जरूरी निर्देश दिए.
इस दौरान उद्योगपति श्रीभगवान गुप्ता ने शहर के पुराना औद्योगिक क्षेत्र में जरूरी सुविधाओं को दुरूस्त करवाने की मांग की. उनकी मांग की सुनवाई करते हुए उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे क्षेत्र का दौरा कर उन्हें रिपोर्ट दें. सभी समस्याओं का समाधान शीघ्रातिशीघ्र करवाया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने विभिन्न औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं की सुनवाई करते हुए मौके पर ही समाधान के निर्देश दिए.
ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस का अर्धनग्न प्रदर्शन