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सिखों के गौरवशाली इतिहास को दर्शाता सिंघु बॉर्डर पर बना ये खास म्यूजियम

म्यूजियम को प्रदर्शन की मुख्य जगह से करीब 50 फीट की दूरी पर रखा गया है. इस म्यूजियम से किसानों को प्रेरणा दी जा रही है कि जब सिखों ने मुगलों के सामने अपने हथियार नहीं डाले और अपने बच्चों को भी कुर्बान कर दिया तो सिख इस बार भी पीछे हटने वाले नहीं है.

sikh museum singhu border
सिंघु बॉर्डर पर आकर्षण का केंद्र बना खास म्यूजियम
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Published : Jan 16, 2021, 7:44 AM IST

Updated : Jan 18, 2021, 3:01 PM IST

सोनीपत: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. बात अगर सिंघु बॉर्डर की करें तो यहां काफी संख्या में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच सिंघु बॉर्डर पर सिख संस्कृति और इतिहास को लेकर दो खुले ट्रकों पर बनाया गया म्यूजियम आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस म्यूजियम को मोहाली के एक कलाकार ने बनाया है.

सिंघु बॉर्डर पर खोला गया खास म्यूजियम

म्यूजियम में जो फोटो लगाई गई हैं, उनमें एक फोटो सिख शहीद बाबा दीप सिंह की है, जिन्होंने पठानों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था और गर्दन पर हमले के बावजूद लड़ते रहे. वहीं एक दूसरी फोटो में भाई दयाला के जीवन को दिखाया गया है, जिन्हें औरंगजेब के शासनकाल के दौरान मौत के लिए यातना दी गई थी. इस म्यूजियम को प्रदर्शन की मुख्य जगह से करीब 50 फीट की दूरी पर रखा गया है.

सिंघु बॉर्डर पर आकर्षण का केंद्र बना खास म्यूजियम

ये भी पढ़िए: टिकरी बॉर्डर पर बोले दीपेंद्र हुड्डा, 'किसानों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार'

सोनीपत सिंघु बॉर्डर पर खुले इस म्यूजियम से किसानों को प्रेरणा दी जा रही है कि जब सिखों ने मुगलों के सामने अपने हथियार नहीं डाले और अपने बच्चों को भी कुर्बान कर दिया तो सिख इस बार भी पीछे हटने वाले नहीं है. सिख दिल्ली से कृषि कानून वापस होने के बाद ही हटेंगे.

म्यूजियम से सिखों को दी जा रही प्रेरणा

म्यूजियम बनाने वाले कलाकार परविंदर सिंह ने कहा कि ये आइडिया सिख इतिहास और वर्तमान विरोध के बीच समानताएं दिखाने का था. परविंदर सिंह ने कहा कि म्यूजियम में दिखाए गए लीडर्स अपने धर्म की पवित्रता को बनाए रखने के लिए अत्याचारी शासन से लड़े. किसान आज योद्धाओं से कम नहीं हैं. इस विरोध में हर दिन एक लड़ाई की तरह है, फर्क सिर्फ इतना है कि वो शांतिपूर्ण हैं और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.

सोनीपत: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. बात अगर सिंघु बॉर्डर की करें तो यहां काफी संख्या में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच सिंघु बॉर्डर पर सिख संस्कृति और इतिहास को लेकर दो खुले ट्रकों पर बनाया गया म्यूजियम आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इस म्यूजियम को मोहाली के एक कलाकार ने बनाया है.

सिंघु बॉर्डर पर खोला गया खास म्यूजियम

म्यूजियम में जो फोटो लगाई गई हैं, उनमें एक फोटो सिख शहीद बाबा दीप सिंह की है, जिन्होंने पठानों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया था और गर्दन पर हमले के बावजूद लड़ते रहे. वहीं एक दूसरी फोटो में भाई दयाला के जीवन को दिखाया गया है, जिन्हें औरंगजेब के शासनकाल के दौरान मौत के लिए यातना दी गई थी. इस म्यूजियम को प्रदर्शन की मुख्य जगह से करीब 50 फीट की दूरी पर रखा गया है.

सिंघु बॉर्डर पर आकर्षण का केंद्र बना खास म्यूजियम

ये भी पढ़िए: टिकरी बॉर्डर पर बोले दीपेंद्र हुड्डा, 'किसानों की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार'

सोनीपत सिंघु बॉर्डर पर खुले इस म्यूजियम से किसानों को प्रेरणा दी जा रही है कि जब सिखों ने मुगलों के सामने अपने हथियार नहीं डाले और अपने बच्चों को भी कुर्बान कर दिया तो सिख इस बार भी पीछे हटने वाले नहीं है. सिख दिल्ली से कृषि कानून वापस होने के बाद ही हटेंगे.

म्यूजियम से सिखों को दी जा रही प्रेरणा

म्यूजियम बनाने वाले कलाकार परविंदर सिंह ने कहा कि ये आइडिया सिख इतिहास और वर्तमान विरोध के बीच समानताएं दिखाने का था. परविंदर सिंह ने कहा कि म्यूजियम में दिखाए गए लीडर्स अपने धर्म की पवित्रता को बनाए रखने के लिए अत्याचारी शासन से लड़े. किसान आज योद्धाओं से कम नहीं हैं. इस विरोध में हर दिन एक लड़ाई की तरह है, फर्क सिर्फ इतना है कि वो शांतिपूर्ण हैं और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.

Last Updated : Jan 18, 2021, 3:01 PM IST
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