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संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक खत्म, सरकार के प्रस्ताव पर हुई चर्चा, फिर होगी बैठक

सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर चल रही संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (samyukt kisan morcha meeting) खत्म हो गई है. बैठक में फैसला लिया गया कि आंदोलन अभी जारी रहेगा और मोर्चा की अगली बैठक बुधवार को होगी.

Samyukt Kisan Morcha Meeting
Samyukt Kisan Morcha Meeting
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Published : Dec 7, 2021, 5:22 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 7:16 AM IST

सोनीपत: दिल्ली बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर जारी हुआ आंदोलन अब अन्य मांगों पर आकर थम सा गया है. आंदोलन के भविष्य को लेकर मंगलवार को सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (samyukt kisan morcha meeting) हुई. इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के सभी नेता मौजूद रहे. बैठक में फैसला लिया गया कि आंदोलन अभी जारी रहेगा और मोर्चा की अगली बैठक बुधवार को दोपहर 2 बजे होगी.

बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी ने प्रेसवार्ता कर बताया कि सरकार की तरफ से आए प्रस्ताव पर गहनता से चर्चा हुई है. सरकार के विषय को नोट कर लिया गया हैं, सरकार को हमारा जवाब भेजा जाएगा. कल सरकार का जवाब आने की उम्मीद है. सरकार एमएसपी के मामले में कमेटी बनायेगी. उत्तर भारत के राज्यों में सरकारों ने मुकदमे वापस लेने की शर्त लगाई है, लेकिन एसकेएम ने शर्त नहीं मानी. इस पर दोबारा से सरकार के साथ बातचीत होगी. कल यानि बुधवार को फिर बैठक होगी.

किसान नेता योगेंद्र यादव ने क्या कहा सुनिए

किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर 6 मांगे रखी थीं, उन 6 सूत्रीय मांगों पर भारत सरकार की तरफ से किसान नेताओं को जवाब आ गया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि किसानों की मांग पर विचार किया जा रहा है और सरकार पहले ही MSP को लेकर कमेटी बनाने का ऐलान कर चुकी है. सरकार की ओर से किसानों को जो जवाबी पत्र लिखा गया है उसमें कहा गया है कि MSP पर प्रधानमंत्री ने खुद और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है, जिस कमेटी में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक सम्मिलत होंगे. हम इसमें साफ करना चाहते हैं कि किसान प्रतिनिधि में SKM के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

Samyukt Kisan Morcha Meeting
सरकार द्वारा किसानों को दिया गया प्रस्ताव

इसके अलावा कहा गया है कि जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है यूपी सरकार और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापस लिए जाएंगे. साथ ही किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और संघ प्रदेश क्षेत्र के आंदोलन के केस पर भी आंदोलन वापस लेने के बाद केस वापस लेने पर सहमति बनी है. मुआवजे का जहां तक सवाल है, इसके लिए भी हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. दोनों विषयों के संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा कर दी है. जहां तक इलेक्ट्रिसिटी बिल का सवाल है, संसद में पेश करने से पहले इसे लेकर सभी स्टेकहोल्डर्स की राय ली जाएगी.

ये भी पढ़ें- किसान नेता दर्शनपाल सिंह का बड़ा बयान- सरकार ने बात नहीं की तो फिर निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च

इसके अलावा कहा गया है कि जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है यूपी सरकार और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापस लिए जाएंगे. साथ ही किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और संघ प्रदेश क्षेत्र के आंदोलन के केस पर भी आंदोलन वापस लेने के बाद केस वापस लेने पर सहमति बनी है. वहीं पराली के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि केंद्र ने जो कानून पारित किया है उसकी धारा 14 एवं 15 में क्रिमिलन लाइबिलिटी से किसान को मुक्ति दी गई है.

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सोनीपत: दिल्ली बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर जारी हुआ आंदोलन अब अन्य मांगों पर आकर थम सा गया है. आंदोलन के भविष्य को लेकर मंगलवार को सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक (samyukt kisan morcha meeting) हुई. इस बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के सभी नेता मौजूद रहे. बैठक में फैसला लिया गया कि आंदोलन अभी जारी रहेगा और मोर्चा की अगली बैठक बुधवार को दोपहर 2 बजे होगी.

बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी ने प्रेसवार्ता कर बताया कि सरकार की तरफ से आए प्रस्ताव पर गहनता से चर्चा हुई है. सरकार के विषय को नोट कर लिया गया हैं, सरकार को हमारा जवाब भेजा जाएगा. कल सरकार का जवाब आने की उम्मीद है. सरकार एमएसपी के मामले में कमेटी बनायेगी. उत्तर भारत के राज्यों में सरकारों ने मुकदमे वापस लेने की शर्त लगाई है, लेकिन एसकेएम ने शर्त नहीं मानी. इस पर दोबारा से सरकार के साथ बातचीत होगी. कल यानि बुधवार को फिर बैठक होगी.

किसान नेता योगेंद्र यादव ने क्या कहा सुनिए

किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर 6 मांगे रखी थीं, उन 6 सूत्रीय मांगों पर भारत सरकार की तरफ से किसान नेताओं को जवाब आ गया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि किसानों की मांग पर विचार किया जा रहा है और सरकार पहले ही MSP को लेकर कमेटी बनाने का ऐलान कर चुकी है. सरकार की ओर से किसानों को जो जवाबी पत्र लिखा गया है उसमें कहा गया है कि MSP पर प्रधानमंत्री ने खुद और बाद में कृषि मंत्री ने एक कमेटी बनाने की घोषणा की है, जिस कमेटी में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधि और कृषि वैज्ञानिक सम्मिलत होंगे. हम इसमें साफ करना चाहते हैं कि किसान प्रतिनिधि में SKM के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

Samyukt Kisan Morcha Meeting
सरकार द्वारा किसानों को दिया गया प्रस्ताव

इसके अलावा कहा गया है कि जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है यूपी सरकार और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापस लिए जाएंगे. साथ ही किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और संघ प्रदेश क्षेत्र के आंदोलन के केस पर भी आंदोलन वापस लेने के बाद केस वापस लेने पर सहमति बनी है. मुआवजे का जहां तक सवाल है, इसके लिए भी हरियाणा और यूपी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. दोनों विषयों के संबंध में पंजाब सरकार ने भी सार्वजनिक घोषणा कर दी है. जहां तक इलेक्ट्रिसिटी बिल का सवाल है, संसद में पेश करने से पहले इसे लेकर सभी स्टेकहोल्डर्स की राय ली जाएगी.

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इसके अलावा कहा गया है कि जहां तक किसानों को आंदोलन के वक्त के केसों का सवाल है यूपी सरकार और हरियाणा सरकार ने इसके लिए पूर्णतया सहमति दी है कि आंदोलन वापस खींचने के बाद तत्काल ही केस वापस लिए जाएंगे. साथ ही किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार के संबंधित विभाग और संघ प्रदेश क्षेत्र के आंदोलन के केस पर भी आंदोलन वापस लेने के बाद केस वापस लेने पर सहमति बनी है. वहीं पराली के मुद्दे पर सरकार ने कहा कि केंद्र ने जो कानून पारित किया है उसकी धारा 14 एवं 15 में क्रिमिलन लाइबिलिटी से किसान को मुक्ति दी गई है.

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Last Updated : Dec 8, 2021, 7:16 AM IST
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