सोनीपत: रविवार को सोनीपत में किसानों की महापंचायत खत्म हो गई है. महापंचायत में किसानों ने खरखौदा एसडीएम कार्यालय का घेराव करने का फैसला लिया है. बता दें कि किसानों ने सोनीपत केएमपी पिपली टोल पर महापंचायत की है. महापंचायत में किसानों ने कहा कि बीते वर्ष कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे और रेलवे कॉरिडोर बनाने की घोषणा सरकार ने की थी. जिसको तहत भूमि अधिग्रहण भी किया गया है. लेकिन मुआवजा राशि से संतुष्ट न होने पर किसानों ने इसका विरोध किया है. किसानों ने कहा है कि उनके मुआवजे में बढ़ोतरी की जाए. विरोध कर रहे किसानों ने 28 फरवरी को खरखौदा एसडीएम कार्यालय का घेराव करने की बात कही
कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेसवे के साथ-साथ बनने वाले रेलवे कॉरिडोर के लिए जो भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है उसके मुआवजे में बढ़ोतरी की मांग को लेकर आंदोलन किसान कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार केएमपी को नेशनल हाईवे का दर्जा देते हुए कलेक्ट्रेट से दोगुना मुआवजा दिया जाए और साथ ही साथ 2013 भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को कलेक्ट्रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाना चाहिए.
वहीं आज पिपली टोल पर हुई किसान महापंचायत में एक बड़ा फैसला लिया गया कि 28 फरवरी को खरखौदा एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे जहां पर किसानों को रिवेन्यू अधिकारी ने मुआवजा देने का ऐलान किया था. इस किसान महापंचायत में पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान नेता एकजुट हुए और उन्होंने एक-दूसरे के सुर में सुर मिलाया.
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किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल व अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि हम सरकार के विकास कार्यों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सरकार जो मुआवजा दे रही है वह सही नहीं है. किसानों का कहना है कि सरकार किसानों को मजदूर बनाने में लगी हुई है जोकि हम किसी भी हालत में नहीं होने देंगे. हमने ये फैसला लिया है कि 28 फरवरी को खरखौदा एसडीएम कार्यालय का घेराव करेंगे और और यह घेराव शांतिपूर्ण तरीके से रहने वाला है.