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अनलॉक-4 में पटरी पर आ रहा सोनीपत का उद्योग जगत, बिजली की खपत में 50 फीसदी बढ़ोतरी

लॉकडाउन हटने के बाद सोनीपत में कंपनियां फिर से रफ्तार पकड़ रही हैं. जहां अप्रैल महीने में प्रतिदिन 40 लाख यूनिट बिजली का उपयोग हो रहा था. वहीं अगस्त में ये बढ़कर 125 लाख यूनिट हो गया है.

power consumption fifty percent increased by industries in sonipat
अनलॉक-4 में पटरी पर आ रहा सोनीपत का उद्योग जगत
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Published : Aug 30, 2020, 4:52 PM IST

सोनीपत: जब दिल्ली में सीलिंग व प्रदूषण के चलते काफी उद्योगों को दिल्ली से बाहर का रास्ता तलाशना पड़ा. ऐसे में दिल्ली से सटे हरियाणा के इलाकों को उद्योगपतियों ने अपने उद्योग स्थापित करने के लिए चुना. इसी के चलते सोनीपत में राई, कुंडली, बड़ी, नाथुपुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र विकसित हुए. जिसमें देशभर की नामचीन औद्योगिक इकाईयां स्थापित की गई. तब से लेकर लॉकडाउन के पहले तक इन कंपनियों ने खूब तरक्की की. इन कंपनियों की बिजली खपत से हरियाणा बिजली विभाग मालामाल हो गया, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन में इन इकाईयों को बंद करना पड़ा. जिससे तमाम उद्योग ठप्प हो गए.

अनलॉक-4 में पटरी पर आ रहा सोनीपत का उद्योग जगत

उद्योग ठप्प होते ही बिजली की खपत भी लगभग शून्य हो गई. जिससे बिजली विभाग को भी अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ा. लेकिन जब से सरकार ने अनलॉक की घोषणा की और कंपनियों को खोलने के आदेश दिए. तब से जिले में बिजली की खपत बढ़ गई है. जिससे अब बिजली विभाग की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है.

धीरे-धीरे बढ़ी बिजली की खपत

जैसे-जैसे लॉकडाउन खत्म हुआ. वैसे-वैसे उद्योगों ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है. जिसके चलते बिजली की खपत भी बढ़ने लगी है. मार्च महीने में जहां बिजली की खपत 40 लाख यूनिट प्रतिदिन राह गयी थी. वो अब अगस्त में 125 लाख यूनिट प्रतिदिन हो गयी है. इसी तरह अप्रैल में 51 लाख, मई में 82 लाख, जून में 93 लाख, जुलाई में 108 लाख और अब अगस्त में 125 लाख यूनिट प्रतिदिन के हिसाब से बिजली की खपत हो रही है.

2019 के मुकाबले 50 प्रतिशत कम हो रही बिजली की खपत

राई औद्योगिक क्षेत्र की एसडीओ सीमा नारा ने बताया बिजली की आपूर्ति अब 24 घंटे की जा रही है. मार्च महीने के मुकाबले इस महीने बिजली की खपत में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि बीते साल के मुकाबले बिजली की खपत अभी भी बहुत कम है. वहीं बिजली निगम की आय पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में उद्योग पूरी तरह से बंद थे, ऐसे में उद्योगपतियों के लिए एकदम से बिजली के बिल चुकाना फिलहाल मुश्किल हो रहा है. क्योंकि उद्योग अभी भी पूरी तरह से चालू नहीं हो पाए हैं.

दीपावली तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा उद्योग: उद्योगपति

इस संबंध में उद्योगपति व बड़ी ओद्योगिक क्षेत्र के प्रधान शमशेर शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में केवल जरूरी सेवाओं से संबंधित उद्योग संचालित थे और बिजली की खपत केवल 10 फीसदी थी, लेकिन अब 80 फीसदी उद्योग चालू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी, श्रमिकों की कमी व अन्य कारणों से पूरी तरह से उत्पादन शुरू नहीं किया जा सका है, लेकिन दीपावली तक सभी उद्योग रफ्तार पकड़ लेंगे.

वहीं होजरी का कारखाना चलाने वाले अंकुर त्यागी ने बताया कि लेबर की कमी के चलते काफी कारखाने चालू नहीं हुए है. जिस कारण बिजली की खपत भी 50 फीसदी ही हो रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से यूपी-बिहार से आने वाले मजदूर भी अभी नहीं आ रहे हैं. जिससे उनको उद्योग चालू करने में दिक्कत आ रही है.

बिजली की खपत कम होना सीधा-सीधा कारखानों में कम उत्पादन का संकेत है, लेकिन अब कारखाने फिर चलने लगे हैं और कंपनियों में लेबर पहुंचने लगे हैं. हांलाकि कारोबारियों को दिक्कत ये है कि अभी भी उत्पादन चक्र उतने अच्छे से नहीं चल पा रहा है. इस कोरोना ने इतनी बुरी तरह से प्रभावित किया है कि उद्योगों को फिर से रफ्तार पकड़ने में कुछ वक्त लगेगा, लेकिन उम्मीद है आने वाली दिपावली खुशियों वाली होगी.

ये भी पढ़ें: कृषि अध्यादेश को लेकर अब हरियाणा और पंजाब में 'जंग'

सोनीपत: जब दिल्ली में सीलिंग व प्रदूषण के चलते काफी उद्योगों को दिल्ली से बाहर का रास्ता तलाशना पड़ा. ऐसे में दिल्ली से सटे हरियाणा के इलाकों को उद्योगपतियों ने अपने उद्योग स्थापित करने के लिए चुना. इसी के चलते सोनीपत में राई, कुंडली, बड़ी, नाथुपुर जैसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र विकसित हुए. जिसमें देशभर की नामचीन औद्योगिक इकाईयां स्थापित की गई. तब से लेकर लॉकडाउन के पहले तक इन कंपनियों ने खूब तरक्की की. इन कंपनियों की बिजली खपत से हरियाणा बिजली विभाग मालामाल हो गया, लेकिन कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन में इन इकाईयों को बंद करना पड़ा. जिससे तमाम उद्योग ठप्प हो गए.

अनलॉक-4 में पटरी पर आ रहा सोनीपत का उद्योग जगत

उद्योग ठप्प होते ही बिजली की खपत भी लगभग शून्य हो गई. जिससे बिजली विभाग को भी अच्छा खासा नुकसान झेलना पड़ा. लेकिन जब से सरकार ने अनलॉक की घोषणा की और कंपनियों को खोलने के आदेश दिए. तब से जिले में बिजली की खपत बढ़ गई है. जिससे अब बिजली विभाग की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है.

धीरे-धीरे बढ़ी बिजली की खपत

जैसे-जैसे लॉकडाउन खत्म हुआ. वैसे-वैसे उद्योगों ने भी रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है. जिसके चलते बिजली की खपत भी बढ़ने लगी है. मार्च महीने में जहां बिजली की खपत 40 लाख यूनिट प्रतिदिन राह गयी थी. वो अब अगस्त में 125 लाख यूनिट प्रतिदिन हो गयी है. इसी तरह अप्रैल में 51 लाख, मई में 82 लाख, जून में 93 लाख, जुलाई में 108 लाख और अब अगस्त में 125 लाख यूनिट प्रतिदिन के हिसाब से बिजली की खपत हो रही है.

2019 के मुकाबले 50 प्रतिशत कम हो रही बिजली की खपत

राई औद्योगिक क्षेत्र की एसडीओ सीमा नारा ने बताया बिजली की आपूर्ति अब 24 घंटे की जा रही है. मार्च महीने के मुकाबले इस महीने बिजली की खपत में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि बीते साल के मुकाबले बिजली की खपत अभी भी बहुत कम है. वहीं बिजली निगम की आय पर उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में उद्योग पूरी तरह से बंद थे, ऐसे में उद्योगपतियों के लिए एकदम से बिजली के बिल चुकाना फिलहाल मुश्किल हो रहा है. क्योंकि उद्योग अभी भी पूरी तरह से चालू नहीं हो पाए हैं.

दीपावली तक पूरी तरह से चालू हो जाएगा उद्योग: उद्योगपति

इस संबंध में उद्योगपति व बड़ी ओद्योगिक क्षेत्र के प्रधान शमशेर शर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में केवल जरूरी सेवाओं से संबंधित उद्योग संचालित थे और बिजली की खपत केवल 10 फीसदी थी, लेकिन अब 80 फीसदी उद्योग चालू हो गए हैं. उन्होंने कहा कि आर्थिक तंगी, श्रमिकों की कमी व अन्य कारणों से पूरी तरह से उत्पादन शुरू नहीं किया जा सका है, लेकिन दीपावली तक सभी उद्योग रफ्तार पकड़ लेंगे.

वहीं होजरी का कारखाना चलाने वाले अंकुर त्यागी ने बताया कि लेबर की कमी के चलते काफी कारखाने चालू नहीं हुए है. जिस कारण बिजली की खपत भी 50 फीसदी ही हो रही है. उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से यूपी-बिहार से आने वाले मजदूर भी अभी नहीं आ रहे हैं. जिससे उनको उद्योग चालू करने में दिक्कत आ रही है.

बिजली की खपत कम होना सीधा-सीधा कारखानों में कम उत्पादन का संकेत है, लेकिन अब कारखाने फिर चलने लगे हैं और कंपनियों में लेबर पहुंचने लगे हैं. हांलाकि कारोबारियों को दिक्कत ये है कि अभी भी उत्पादन चक्र उतने अच्छे से नहीं चल पा रहा है. इस कोरोना ने इतनी बुरी तरह से प्रभावित किया है कि उद्योगों को फिर से रफ्तार पकड़ने में कुछ वक्त लगेगा, लेकिन उम्मीद है आने वाली दिपावली खुशियों वाली होगी.

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