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सोनीपत शराब घोटाला: आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से लटकी जांच

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Published : Jun 1, 2020, 7:57 AM IST

सोनीपत शराब घोटाले में जांच अभी आगे नहीं बढ़ पा रही है. क्योंकि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. हर बार आरोपी पुलिस की दबिश से पहले ही निकल जाते हैं.

सोनीपत शराब घोटाला: आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से लटकी जांच
सोनीपत शराब घोटाला: आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से लटकी जांच

सोनीपत: शराब तस्करी और चोरी के मामले में जांच कर रही एसईटी अब तक खाली हाथ है. इस मामले में नामजद पुलिसकर्मियों तक एसईटी नहीं पहुंच पा रही है. आरोपी पुलिस के साथ आंख मिचौली खेल रहे हैं.

आरोपी को मिल रहा पुलिस में रहने का फायदा

मुख्य आरोपी बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सहित कोई पुलिसकर्मी टीम की पकड़ में नहीं आ रहा है. अभी तक केवल एक एएसआई को ही काबू किया जा सका है. बताया जा रहा है कि आरोपी पुलिस में रहने का फायदा उठा रहे हैं. इनको महकमे की सूचनाएं लगातार मिल रही हैं. वहीं रविवार को मामले में आप नेता विमल किशोर ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही, ताकि मामले में सच्चाई सामने आ सके.

मुख्य आरोपी पकड़ से बाहर

खरखौदा में शराब तस्करी और चोरी का मामला सामने आने के बाद इसमें मुकदमा दर्ज हुआ था. पहले मामले में भूपेंद्र, उसके भाई जितेंद्र और उसके दो साथियों को नामजद किया गया. बाद में दूसरी रिपोर्ट में खरखौदा थाने में तत्कालीन एसएचओ रहे जसबीर व अरुण कुमार और पांच पुलिसकर्मियों और तीसरी रिपोर्ट में एएसआई जयपाल आदि को नामजद किया गया था. मामले में आरोपी भूपेंद्र ने पुलिस के सामने खुद ही सरेंडर किया था. बाद में एक आरोपी सतीश को पकड़ा गया, लेकिन पुलिसकर्मी व मामले में मुख्य अन्य आरोपी पकड़ से बाहर रहे. बाद में एएसआई जयपाल भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया, लेकिन उसके बाद से पुलिस के हाथ कोई ऐसी सफलता नहीं लगी कि मामले की गुत्थी को सुलझाने में कुछ मदद मिल सके.

पुलिस टीम के हाथ खाली

आरोपियों की गिरफ्तारी को खरखौदा थाना पुलिस, एसआईटी, सीआईए-1 और सीआईए-2 लगाई गई हैं. उसके बावजूद अन्य पुलिसकर्मी अभी तक पकड़ से बाहर हैं. पुलिस और एसआईटी की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि खाकी वाले शराब की तस्करी में शामिल रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि लगातार दबिश के बावजूद आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे हैं. इस केस में आरोपी एसईटी के पहुंचने से पहले निकल जाते हैं. पुलिस की दबिश में सामने आया कि कई बार ऐसा हुआ है कि पुलिस के पहुंचने से कुछ समय पहले ही आरोपी गायब हो गए. पुलिस पीछे-पीछे है और आरोपी खाकी वाले आगे-आगे भाग रहे हैं. शराब तस्करी में शामिल रहे पुलिसकर्मी खुद खाकी का हिस्सा रहे हैं, जिससे वह पकड़ में नहीं आ पा रहे हैं.

आप नेता ने सीबीआई जांच की मांग की

आप नेता विमल किशोर ने कहा कि मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए. उनका आरोप है कि मामले में तस्करी के आरोपी भूपेंद्र के कई पुलिसकर्मियों से संबंध रहे हैं. उस पर पहले भी कई मुकदमे दर्ज हुए, जिसमें ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी. ऐसे में अगर इस मामले की जांच सीबीआई जैसी स्वायत्त संस्था से कराई जाएगी तो बहुत से पहलू सामने आ आएंगे.

भूपेंद्र की जमानत पर सुनवाई आज
शराब तस्करी के आरोपी भूपेंद्र की एक मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई आज होनी है. उसकी पहले जमानत खारिज हो चुकी है. उसके भाई जितेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 4 जून की तारीख दी गई है.

'पुलिस टीम दे रही दबिश'
एसईटी प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि आरोपियों के बारे में कोई भी सुराग लगने पर तुरंत दबिश दी जाती है. हालांकि कई बार आरोपी पुलिस के पहुंचने से पहले ही भाग निकले. पुलिस सभी को जल्द काबू करेगी. मामले की जांच में किसी का पक्ष नहीं लिया जाएगा. हर अपराधी को अपराधी की तरह की देखा जाएगा.

सोनीपत: शराब तस्करी और चोरी के मामले में जांच कर रही एसईटी अब तक खाली हाथ है. इस मामले में नामजद पुलिसकर्मियों तक एसईटी नहीं पहुंच पा रही है. आरोपी पुलिस के साथ आंख मिचौली खेल रहे हैं.

आरोपी को मिल रहा पुलिस में रहने का फायदा

मुख्य आरोपी बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सहित कोई पुलिसकर्मी टीम की पकड़ में नहीं आ रहा है. अभी तक केवल एक एएसआई को ही काबू किया जा सका है. बताया जा रहा है कि आरोपी पुलिस में रहने का फायदा उठा रहे हैं. इनको महकमे की सूचनाएं लगातार मिल रही हैं. वहीं रविवार को मामले में आप नेता विमल किशोर ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही, ताकि मामले में सच्चाई सामने आ सके.

मुख्य आरोपी पकड़ से बाहर

खरखौदा में शराब तस्करी और चोरी का मामला सामने आने के बाद इसमें मुकदमा दर्ज हुआ था. पहले मामले में भूपेंद्र, उसके भाई जितेंद्र और उसके दो साथियों को नामजद किया गया. बाद में दूसरी रिपोर्ट में खरखौदा थाने में तत्कालीन एसएचओ रहे जसबीर व अरुण कुमार और पांच पुलिसकर्मियों और तीसरी रिपोर्ट में एएसआई जयपाल आदि को नामजद किया गया था. मामले में आरोपी भूपेंद्र ने पुलिस के सामने खुद ही सरेंडर किया था. बाद में एक आरोपी सतीश को पकड़ा गया, लेकिन पुलिसकर्मी व मामले में मुख्य अन्य आरोपी पकड़ से बाहर रहे. बाद में एएसआई जयपाल भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया, लेकिन उसके बाद से पुलिस के हाथ कोई ऐसी सफलता नहीं लगी कि मामले की गुत्थी को सुलझाने में कुछ मदद मिल सके.

पुलिस टीम के हाथ खाली

आरोपियों की गिरफ्तारी को खरखौदा थाना पुलिस, एसआईटी, सीआईए-1 और सीआईए-2 लगाई गई हैं. उसके बावजूद अन्य पुलिसकर्मी अभी तक पकड़ से बाहर हैं. पुलिस और एसआईटी की जांच में स्पष्ट हो चुका है कि खाकी वाले शराब की तस्करी में शामिल रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का दावा है कि लगातार दबिश के बावजूद आरोपी पकड़ में नहीं आ रहे हैं. इस केस में आरोपी एसईटी के पहुंचने से पहले निकल जाते हैं. पुलिस की दबिश में सामने आया कि कई बार ऐसा हुआ है कि पुलिस के पहुंचने से कुछ समय पहले ही आरोपी गायब हो गए. पुलिस पीछे-पीछे है और आरोपी खाकी वाले आगे-आगे भाग रहे हैं. शराब तस्करी में शामिल रहे पुलिसकर्मी खुद खाकी का हिस्सा रहे हैं, जिससे वह पकड़ में नहीं आ पा रहे हैं.

आप नेता ने सीबीआई जांच की मांग की

आप नेता विमल किशोर ने कहा कि मामले में सीबीआई जांच होनी चाहिए. उनका आरोप है कि मामले में तस्करी के आरोपी भूपेंद्र के कई पुलिसकर्मियों से संबंध रहे हैं. उस पर पहले भी कई मुकदमे दर्ज हुए, जिसमें ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी. ऐसे में अगर इस मामले की जांच सीबीआई जैसी स्वायत्त संस्था से कराई जाएगी तो बहुत से पहलू सामने आ आएंगे.

भूपेंद्र की जमानत पर सुनवाई आज
शराब तस्करी के आरोपी भूपेंद्र की एक मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई आज होनी है. उसकी पहले जमानत खारिज हो चुकी है. उसके भाई जितेंद्र की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 4 जून की तारीख दी गई है.

'पुलिस टीम दे रही दबिश'
एसईटी प्रभारी जितेंद्र सिंह ने कहा कि आरोपियों के बारे में कोई भी सुराग लगने पर तुरंत दबिश दी जाती है. हालांकि कई बार आरोपी पुलिस के पहुंचने से पहले ही भाग निकले. पुलिस सभी को जल्द काबू करेगी. मामले की जांच में किसी का पक्ष नहीं लिया जाएगा. हर अपराधी को अपराधी की तरह की देखा जाएगा.

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