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सोनीपत में शराब ठेके की नीलामी प्रक्रिया प्रभावित करने के लिए गैंगस्टर सक्रिय! एसटीएफ ने बनाया ये प्लान - sonipat latest news

सोनीपत में शराब ठेके की नीलामी प्रक्रिया के लिए प्रशासन की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. वहीं, सोनीपत में गैंगस्टर्स शराब ठेके की नीलामी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए एक्टिव मोड में हैं. आखिर शराब ठेके की नीलामी प्रक्रिया को गैंगस्टर क्यों प्रभावित करना चाहते हैं जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (auction process of liquor shop in sonipat )

auction process of liquor shop in sonipat
शराब ठेके की नीलामी प्रक्रिया प्रभावित करने के लिए गैंगस्टर सक्रिय
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Published : May 24, 2023, 3:12 PM IST

सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत में गुरुवार को होने वाली शराब ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए गैंगस्टर और उनके गुर्गे सक्रिय हो गए हैं. जिले में आधे से ज्यादा शराब ठेकों की नीलामी को गैंगस्टर प्रभावित कर सकते हैं. उनकी सबसे ज्यादा दखल मुरथल, राई, कुंडली, मोहाना और गोहाना थाना क्षेत्र में आवंटित होने वाले शराब ठेकों पर हैं. वहीं, दूसरी ओर ठेकों की नीलामी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एसटीएफ और सोनीपत पुलिस ने कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है. इसके अलावा चार टीम गैंगस्टर की गतिविधियों की निगरानी कर रही है. नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी रखने की तैयारी है.

ठेकों की नीलामी प्रक्रिया से पहले गैंगस्टर की गतिविधियों पर निगरानी: बता दें कि हरियाणा में शराब ठेकों की अच्छी कमाई के चलते इनमें गैंगस्टर की दखल रही है. ज्यादा कमाई वाले क्षेत्रों में शराब के ठेकों में गैंगस्टर की भागीदारी के मामले जिले में हर साल सामने आते रहे हैं. जिले में माफिया के डर से राई कुंडली क्षेत्र में दो साल पहले कई शराब ठेकों की नीलामी हो ही नहीं पाई थी. हालात यह है कि गैंगस्टर और उनके गुर्गे शराब ठेकों के आवंटन की ऑनलाइन बिड को भी प्रभावित करते रहे हैं.

liquor shop in sonipat
सोनीपत में शराब के 74 जोन

वहीं, कई क्षेत्रों में शराब ठेकों के आवंटन में गैंगस्टर अपनी हिस्सेदारी रखते रहे हैं. ऐसे में प्रशासन के लिए शराब ठेकों की आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी रखना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन इस बार जिस तरीके से एनआईए ने गैंगस्टरों को फंडिंग करने वालों पर शिकंजा कसा है, उसे देखकर लग रहा है कि शराब के ठेकों की ऑनलाइन बिड सही तरीके से होगी.

सोनीपत में शराब के 74 जोन: गौर रहे कि, सोनीपत में शराब के कुल जोन 74 हैं, जिसमें 148 शराब के ठेके आते हैं. इन जोनों में 5 मिक्स जोन, ग्रामीण जोन 31 और शहरी जोन 38 हैं. आवंटन प्रक्रिया से पहले सोनीपत आबकारी विभाग भी लगातार पुलिस के संपर्क है. आबकारी विभाग को उम्मीद है कि इस बार सभी ठेकों की नीलामी होगी और किसी भी गैंगस्टर और माफिया का कोई भी दखल नहीं होगा.

गैंगस्टर और शराब ठेके की बोली को करते हैं प्रभावित: दरअसल गैंगस्टर शराब ठेकों की प्रक्रिया को चार तरीके से प्रभावित करते हैं. गैंगस्टर और उनके गुर्गे बाहर होने के साथ ही जेल में बंद रहकर भी ठेकों की चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करते हैं. ऐसे में गैंगस्टर और उनके गुर्गे पर नजर रखने के लिए एसटीएफ की टीम लगाई गई हैं.

धमकी देकर नीलामी प्रक्रिया को करते हैं प्रभावित: गैंगस्टर शराब के ठेके लेने वालों को धमकी दिलवाते हैं, जिससे उनकी इच्छा वाले ठेकेदार ही प्रक्रिया में भाग ले पाते हैं. इससे ठेकों की नीलामी प्रक्रिया निर्धारित राजस्व से भी काफी कम पर छूट पाती है.

उगाही लेकर ठेके वालों को करते हैं प्रभावित: गैंगस्टर और उनके गुर्गे शराब के ठेके लेने वालों से उगाही करते हैं. मोटी धनराशि वसूलने के बाद ही उनको नीलामी में शामिल होने दिया जाता है. वहीं, ठेकेदारों से उगाही की प्रक्रिया को लगातार जारी रखा जाता है.

ठेके में साझीदार बनकर करते हैं प्रभावित: कई क्षेत्रों में गैंगस्टर और उनके गुर्गे ठेकों में साझीदार बन जाते हैं.. वह बराबर के हिस्सेदार बनकर ठेकों से होने वाली आय में हिस्सेदारी प्राप्त करते हैं. जो ठेकेदार उनको साझीदार बनाने को तैयार नहीं होते हैं. उनको चयन प्रक्रिया से रोकने या हत्या करने जैसे कदम उठाते हैं.

रिश्तेदारों और परिचितों को ठेका दिलाने की कोशिश: कई क्षेत्रों के शराब ठेकों की नीलामी गैंगस्टर और उनके गुर्गें अपने परिचितों और रिश्तेदारों को करा लेते हैं. इन ठेकों की आय गैंगस्टर की होती है. उन ठेकों की नीलामी में अन्य ठेकेदार भाग नहीं लेते हैं.

क्या कहते हैं सोनीपत के एसपी?: सोनीपत एसीपी क्राइम राहुल देव ने बताया कि इस बार शराब के ठेकों की बोली सुचारू रूप से हो इसके लिए हम लगातार उन इलाकों में नजर बनाए हुए हैं जहां गैंगस्टर और उनके गुर्गे सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि, कई टीमें इस पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं. शराब ठेकेदारों से संपर्क कर रहे है ताकि वो किसी भी बदमाश के दबाव में ना आएं और कोई भी गैंगस्टर्स बोली में कोई खलल ना डाल सके.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद में सीएम फ्लाइंग टीम की रेड, अवैध शराब से भरी कार छोड़कर तस्कर फरार

सोनीपत: हरियाणा के सोनीपत में गुरुवार को होने वाली शराब ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए गैंगस्टर और उनके गुर्गे सक्रिय हो गए हैं. जिले में आधे से ज्यादा शराब ठेकों की नीलामी को गैंगस्टर प्रभावित कर सकते हैं. उनकी सबसे ज्यादा दखल मुरथल, राई, कुंडली, मोहाना और गोहाना थाना क्षेत्र में आवंटित होने वाले शराब ठेकों पर हैं. वहीं, दूसरी ओर ठेकों की नीलामी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए एसटीएफ और सोनीपत पुलिस ने कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है. इसके अलावा चार टीम गैंगस्टर की गतिविधियों की निगरानी कर रही है. नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शी रखने की तैयारी है.

ठेकों की नीलामी प्रक्रिया से पहले गैंगस्टर की गतिविधियों पर निगरानी: बता दें कि हरियाणा में शराब ठेकों की अच्छी कमाई के चलते इनमें गैंगस्टर की दखल रही है. ज्यादा कमाई वाले क्षेत्रों में शराब के ठेकों में गैंगस्टर की भागीदारी के मामले जिले में हर साल सामने आते रहे हैं. जिले में माफिया के डर से राई कुंडली क्षेत्र में दो साल पहले कई शराब ठेकों की नीलामी हो ही नहीं पाई थी. हालात यह है कि गैंगस्टर और उनके गुर्गे शराब ठेकों के आवंटन की ऑनलाइन बिड को भी प्रभावित करते रहे हैं.

liquor shop in sonipat
सोनीपत में शराब के 74 जोन

वहीं, कई क्षेत्रों में शराब ठेकों के आवंटन में गैंगस्टर अपनी हिस्सेदारी रखते रहे हैं. ऐसे में प्रशासन के लिए शराब ठेकों की आवंटन प्रक्रिया को पारदर्शी रखना चुनौतीपूर्ण रहा है, लेकिन इस बार जिस तरीके से एनआईए ने गैंगस्टरों को फंडिंग करने वालों पर शिकंजा कसा है, उसे देखकर लग रहा है कि शराब के ठेकों की ऑनलाइन बिड सही तरीके से होगी.

सोनीपत में शराब के 74 जोन: गौर रहे कि, सोनीपत में शराब के कुल जोन 74 हैं, जिसमें 148 शराब के ठेके आते हैं. इन जोनों में 5 मिक्स जोन, ग्रामीण जोन 31 और शहरी जोन 38 हैं. आवंटन प्रक्रिया से पहले सोनीपत आबकारी विभाग भी लगातार पुलिस के संपर्क है. आबकारी विभाग को उम्मीद है कि इस बार सभी ठेकों की नीलामी होगी और किसी भी गैंगस्टर और माफिया का कोई भी दखल नहीं होगा.

गैंगस्टर और शराब ठेके की बोली को करते हैं प्रभावित: दरअसल गैंगस्टर शराब ठेकों की प्रक्रिया को चार तरीके से प्रभावित करते हैं. गैंगस्टर और उनके गुर्गे बाहर होने के साथ ही जेल में बंद रहकर भी ठेकों की चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता को प्रभावित करते हैं. ऐसे में गैंगस्टर और उनके गुर्गे पर नजर रखने के लिए एसटीएफ की टीम लगाई गई हैं.

धमकी देकर नीलामी प्रक्रिया को करते हैं प्रभावित: गैंगस्टर शराब के ठेके लेने वालों को धमकी दिलवाते हैं, जिससे उनकी इच्छा वाले ठेकेदार ही प्रक्रिया में भाग ले पाते हैं. इससे ठेकों की नीलामी प्रक्रिया निर्धारित राजस्व से भी काफी कम पर छूट पाती है.

उगाही लेकर ठेके वालों को करते हैं प्रभावित: गैंगस्टर और उनके गुर्गे शराब के ठेके लेने वालों से उगाही करते हैं. मोटी धनराशि वसूलने के बाद ही उनको नीलामी में शामिल होने दिया जाता है. वहीं, ठेकेदारों से उगाही की प्रक्रिया को लगातार जारी रखा जाता है.

ठेके में साझीदार बनकर करते हैं प्रभावित: कई क्षेत्रों में गैंगस्टर और उनके गुर्गे ठेकों में साझीदार बन जाते हैं.. वह बराबर के हिस्सेदार बनकर ठेकों से होने वाली आय में हिस्सेदारी प्राप्त करते हैं. जो ठेकेदार उनको साझीदार बनाने को तैयार नहीं होते हैं. उनको चयन प्रक्रिया से रोकने या हत्या करने जैसे कदम उठाते हैं.

रिश्तेदारों और परिचितों को ठेका दिलाने की कोशिश: कई क्षेत्रों के शराब ठेकों की नीलामी गैंगस्टर और उनके गुर्गें अपने परिचितों और रिश्तेदारों को करा लेते हैं. इन ठेकों की आय गैंगस्टर की होती है. उन ठेकों की नीलामी में अन्य ठेकेदार भाग नहीं लेते हैं.

क्या कहते हैं सोनीपत के एसपी?: सोनीपत एसीपी क्राइम राहुल देव ने बताया कि इस बार शराब के ठेकों की बोली सुचारू रूप से हो इसके लिए हम लगातार उन इलाकों में नजर बनाए हुए हैं जहां गैंगस्टर और उनके गुर्गे सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि, कई टीमें इस पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं. शराब ठेकेदारों से संपर्क कर रहे है ताकि वो किसी भी बदमाश के दबाव में ना आएं और कोई भी गैंगस्टर्स बोली में कोई खलल ना डाल सके.

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