सोनीपत: कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन (Farmers agitation) आठवें महीने में प्रवेश कर चुका है. ऐसे में किसान संगठन आंदोलन को धार देने की रणनीति तैयार कर रहे हैं. इस बीच कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्षी दलों को चेतावनी पत्र दिए जाने का ऐलान किया है.
किसान नेताओं ने कहा कि 17 जुलाई को विपक्षी दलों को चेतावनी पत्र दिए जाएंगे, जिसमें ये कहा जाएगा कि या तो विपक्षी नेता कृषि कानूनों के समर्थन में अपना इस्तीफा दें या फिर इन कृषि कानूनो के खिलाफ लोकसभा में आवाज उठाएं. विपक्षी नेता कृषि कानूनों को लेकर संसद से वॉक आउट करें ताकि लोकसभा की कार्यवाही ना चलने दी जा सके.
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किसान नेताओं ने ये भी बताया कि 22 जुलाई से किसानों का एक जत्था संसद के बाहर प्रदर्शन भी करेगा. ये प्रदर्शन संसद सत्र के चलने तक जारी रहेगा. हर रोज किसानों का एक जत्था संसद के बाहर बैठेगा और इस जत्थे में हर किसान संगठन से पांच किसान शामिल होंगे.
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इसके साथ ही किसानों ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर भी देशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि तेल के बढ़ते दामों के खिलाफ 8 जुलाई को देशव्यापी प्रदर्शन किया जाएगा.