सोनीपत: हरियाणा सरकार और प्रशासन मंडियों में किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं के तमाम दावे करते हैं, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कोसों दूर है. खरखौदा अनाज मंडी में ना तो पीने के पानी की व्यवस्था है और ना ही किसानों के ठहराव के लिए किसी प्रकार का इंतजाम. ऐसे में किसान क्या करे और कहां जाए?
खरखौदा अनाज मंडी में अव्यवस्थाओं से परेशान किसान और आढ़तियों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान नरेश दहिया का कहना है कि मंडी में कोई व्यवस्था नहीं है. ना तो पीने का साफ पानी है और ना ही मंडी में सफाई की गई है.
दहिया का कहना है कि इतना ही नहीं मंडी में लाइट की व्यवस्था भी नहीं है. रात के समय मजदूरों को लोडिंग भी ट्रक या टॉर्च की रोशनी से करनी पड़ रही है. इसके अलावा मंडी में लावारिश पशुओं को जमावड़ा लगा रहता है. ये पशु किसानों का अनाज खराब करते हैं और गंदगी फैलाते हैं.
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आढ़ती और किसान इन तमाम समस्याओं को लेकर अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे चुके हैं, लेकिन इनको हर बाह आश्वासन ही मिलता है. अधिकारी हर बार बोल देते हैं कि उच्च अधिकारियों को सूचना दे दी गई है, लेकिन मंडी की हालत ज्यों की त्यों बनी हुई है. अभी तक किसी तरह का कोई सुधार नहीं हुआ है और ना ही सुधार के कोई आसार हैं.