सोनीपत: सिंघु बॉर्डर पर लगातार किसानों का आंदोलन जारी है. सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने बिल्कुल सादे तरीके से बैसाखी मनाई गई. किसानों की तरफ से अलग से कोई कार्यक्रम अलग से नहीं करवाया. बॉर्डर की मेन स्टेज पर गुरुवाणी सुनने के लिए महिला और पुरुष पहुंचे. वहीं इस कार्यक्रम को लेकर किसान नेताओं ने कहा कि उनके साथी किसान अभी खेतों में फसल काट रहे हैं, इसलिए बैसाखी का त्योहर सादे ढंग से मनाई गई.
बता दें कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार दिल्ली की सीमा पर किसान बैठे हुए हैं. किसान इन आंदोलनों से अलग-अलग तरीके से सरकार पर दबाव बनाने का काम भी कर रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अपने आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं आज सिंघु बॉर्डर पर कोई भी अलग कार्यक्रम नहीं रखा गया था.
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अंग्रेजों से की सरकार की तुलना
सिंघु बॉर्डर पर बैठे किसान नेताओं ने कहा कि वह जब तक अपने घर वापस नहीं जाएंगे जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होंगे. किसान नेताओं ने कहा कि वह लगातार 4 महीने से आंदोलन कर रहे हैं. वहीं आज ही के दिन जलियांवाला बाग में अंग्रेजों ने गोलियां चलवाई थी और आज के दिन वह अपने खेतों में बैसाखी मनाते हैं और फसल को काटने की शुरुआत करते हैं.
मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा- आंदोलनकारी
किसानों ने कहा कि काले कानून अंग्रेजों के समय भी थे और उस समय भी आंदोलन हुआ था और आज भी वह समय वापस आ गया है और हम आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी.
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