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किसानों की घर वापसी: फतेह मार्च के बाद किसानों ने खाली करना शुरू किया सिंघु बॉर्डर

किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद किसानों की घर वापसी (farmers return home) शुरू हो गई है. बड़ी संख्या में किसान दिल्ली से लगते बॉर्डर को खाली कर घर लौट रहे हैं.

farmers celebrating fateh march
farmers celebrating fateh march
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Published : Dec 11, 2021, 9:35 AM IST

सोनीपत: किसानों की सभी मांगों पर केंद्र सरकार की सहमति के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन स्थगित (Farmers Protest Postponed) कर दिया है. किसानों की घर वापसी अब शुरू हो गई है. दिल्ली से लगते बॉर्डर को किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है. आज किसानों का फतेह मार्च (farmers celebrating fateh march) हुआ. जिसके बाद उन्होंने घर वापसी की तैयारी की. किसानों ने सिंघु बॉर्डर को खाली (farmers vacating singhu border) करना शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में किसान घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं.

बता दें कि 15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समीक्षा बैठक करेगा. इस बैठक में किसान आंदोलन की सफलता और विफलता पर चर्चा की जाएगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ये जीत किसानों के बलिदान से मिली है. आगे की रणनीति फिर तैयार करेंगे. 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाने की बात कही है. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक करेंगे, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आंदोलन शुरू करेंगे.

किसानों की घर वापसी: फतेह मार्च के बाद किसानों ने खाली करना शुरू किया सिंघु बॉर्डर

इससे पहले 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.

ये भी पढ़ें- आंदोलन स्थगित होने के बाद दिल्ली बॉर्डर से किसान तोड़ने लगे अस्थायी मकान, मृतक किसानों के स्मारक में लगाएंगे ईंटें

एमएसपी की गारंटी व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वो 15 जनवरी को ये देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है, या नहीं. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.

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सोनीपत: किसानों की सभी मांगों पर केंद्र सरकार की सहमति के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन स्थगित (Farmers Protest Postponed) कर दिया है. किसानों की घर वापसी अब शुरू हो गई है. दिल्ली से लगते बॉर्डर को किसानों ने खाली करना शुरू कर दिया है. आज किसानों का फतेह मार्च (farmers celebrating fateh march) हुआ. जिसके बाद उन्होंने घर वापसी की तैयारी की. किसानों ने सिंघु बॉर्डर को खाली (farmers vacating singhu border) करना शुरू कर दिया है. बड़ी संख्या में किसान घर वापसी की तैयारी कर रहे हैं.

बता दें कि 15 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समीक्षा बैठक करेगा. इस बैठक में किसान आंदोलन की सफलता और विफलता पर चर्चा की जाएगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि ये जीत किसानों के बलिदान से मिली है. आगे की रणनीति फिर तैयार करेंगे. 13 दिसंबर को स्वर्ण मंदिर जाने की बात कही है. गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि 15 जनवरी को फिर बैठक करेंगे, अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम आंदोलन शुरू करेंगे.

किसानों की घर वापसी: फतेह मार्च के बाद किसानों ने खाली करना शुरू किया सिंघु बॉर्डर

इससे पहले 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसानों की मांग को स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी. शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सरकार वादे के मुताबिक संसद में बिल लेकर आई और कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा संसद में की.

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एमएसपी की गारंटी व अन्य मुद्दों पर सरकार से सकारात्मक आश्वासन मिलने के बाद किसानों ने आंदोलन खत्म करने की घोषणा की थी. किसान नेताओं ने जोर देते हुए कहा था कि आंदोलन खत्म नहीं हुआ है और वो 15 जनवरी को ये देखने के लिए एक बैठक करेंगे कि सरकार ने उनकी मांगें पूरी की है, या नहीं. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने तीन विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले साल 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. संसद ने 29 नवंबर को इन कानूनों को निरस्त कर दिया था, लेकिन किसानों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा.

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