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Farmers Protest: 5 जून को किसान जलाएंगे बीजेपी नेताओं के सामने कृषि कानून की कॉपी - गुरनाम सिंह चढ़ूनी न्यूज

कृषि कानूनों (Farms Laws) के विरोध में किसानों ने 5 जून को कृषि कानूनों की कॉपी जलाने का फैसला किया है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी (gurnam singh chadhuni) ने एक वीडियो जारी कर यूपी और उत्तराखंड के किसानों से भी विरोध करने की अपील की है.

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5 जून को किसान जलाएंगे बीजेपी नेताओं के सामने कृषि कानून की कॉपी
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Published : May 29, 2021, 12:53 PM IST

सोनीपत: तीनों कृषि कानूनों के विरोध (Farmers Protest) को लेकर पिछले छह महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन में किसानों के सैकड़ों संगठन एक साथ सामने आए हैं. इस संगठनों में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और गुरनाम सिंह चढ़ूनी मुख्य किसान नेताओं के रूप में उभरे हैं, लेकिन इन दोनों नेताओं के बयानों में लगातार विरोधाभास देखा जा रहा है.

हमारा मकसद नेताओं का विरोध करना नहीं- टिकैत

कई महीनों से हरियाणा के किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं, लेकिन इसके उलट उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसान बीजेपी नेताओं का विरोध नहीं कर रहे. ऐसे में गुरनाम सिंह चढूनी ने वहां के किसानों से भी बीजेपी नेताओं के विरोध करने की अपील की.

किसानों को आह्वान करते हुए गुरनाम सिंह चढ़ूनी का वीडियो, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- क्या किसान आंदोलन की आड़ में अपनी जमीन मजबूत कर रहे हैं गुरनाम चढ़ूनी? सुनिए नया संगठन बनाने का मकसद

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि काले झंडे दिखाते हुए उत्तर प्रदेश के टोल भी हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर बंद करवाए जाएं, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि कानून वापस करवाने हैं ना कि नेताओं का विरोध करना.

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने जारी की वीडियो

राकेश टिकैत के बयान के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एक ओर वीडियो जारी कर जानकारी दी कि कुछ दिनों पहले मेरे आह्वान के बाद उत्तर प्रदेश के किसान जाग चुके हैं और उन्होंने दो-तीन टोल बंद करवाए हैं, उन्होंने वहां पर आंदोलन शुरू कर दिया है. हम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अन्य किसानों को कहना चाहेंगे कि बीजेपी के जो नेता है उन को काले झंडे और उनके सामने प्रदर्शन करके अपना विरोध जताएं.

'मैंने राकेश टिकैत के खिलाफ नहीं बोला'

इस वीडियो में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि मीडिया में कुछ खबरें आ रही थी कि मैंने राकेश टिकैत के खिलाफ बोला है, हम दोनों एक ही तरह का काम कर रहे हैं एक जगह ही काम कर रहे हैं. सारे आंदोलन के लिए काम कर रहे हैं, ऐसी खबरों से हमारा आंदोलन टूटने वाला नहीं है

ये पढ़ें- EXCLUSIVE: किसान नेता राकेश टिकैत ने समझाया 'जिंदा है तो दिल्ली आजा' नारे का असली मतलब

कैसे आया यूपी और उत्तराखंड में विरोध का विचार?

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि हिसार में जब किसान नेता आईजी के साथ मीटिंग कर रहे थे तो हमें उस दिन बहुत शर्म आई, क्योंकि आईजी ने कहा कि हरियाणा में तो बीजेपी नेताओं का विरोध हो रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में नहीं हो रहा है.

'बीजेपी नेताओं के सामने जलाएंगे कानून की कॉपी'

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि 5 जून को देश के सभी बीजेपी नेताओं के सामने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएं, उत्तर प्रदेश वाले किसान ज्यादा से ज्यादा हर सांसद और विधायक के घर के सामने प्रतियां जलाएं.

ये पढ़ें- हरियाणा के किसानों का फैसला: बीजेपी और जेजेपी वालों के यहां नहीं करेंगे शादी

सोनीपत: तीनों कृषि कानूनों के विरोध (Farmers Protest) को लेकर पिछले छह महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इस आंदोलन में किसानों के सैकड़ों संगठन एक साथ सामने आए हैं. इस संगठनों में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) और गुरनाम सिंह चढ़ूनी मुख्य किसान नेताओं के रूप में उभरे हैं, लेकिन इन दोनों नेताओं के बयानों में लगातार विरोधाभास देखा जा रहा है.

हमारा मकसद नेताओं का विरोध करना नहीं- टिकैत

कई महीनों से हरियाणा के किसान बीजेपी नेताओं का विरोध कर रहे हैं, लेकिन इसके उलट उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में किसान बीजेपी नेताओं का विरोध नहीं कर रहे. ऐसे में गुरनाम सिंह चढूनी ने वहां के किसानों से भी बीजेपी नेताओं के विरोध करने की अपील की.

किसानों को आह्वान करते हुए गुरनाम सिंह चढ़ूनी का वीडियो, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- क्या किसान आंदोलन की आड़ में अपनी जमीन मजबूत कर रहे हैं गुरनाम चढ़ूनी? सुनिए नया संगठन बनाने का मकसद

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि काले झंडे दिखाते हुए उत्तर प्रदेश के टोल भी हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर बंद करवाए जाएं, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि कानून वापस करवाने हैं ना कि नेताओं का विरोध करना.

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने जारी की वीडियो

राकेश टिकैत के बयान के बाद गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने एक ओर वीडियो जारी कर जानकारी दी कि कुछ दिनों पहले मेरे आह्वान के बाद उत्तर प्रदेश के किसान जाग चुके हैं और उन्होंने दो-तीन टोल बंद करवाए हैं, उन्होंने वहां पर आंदोलन शुरू कर दिया है. हम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के अन्य किसानों को कहना चाहेंगे कि बीजेपी के जो नेता है उन को काले झंडे और उनके सामने प्रदर्शन करके अपना विरोध जताएं.

'मैंने राकेश टिकैत के खिलाफ नहीं बोला'

इस वीडियो में गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि मीडिया में कुछ खबरें आ रही थी कि मैंने राकेश टिकैत के खिलाफ बोला है, हम दोनों एक ही तरह का काम कर रहे हैं एक जगह ही काम कर रहे हैं. सारे आंदोलन के लिए काम कर रहे हैं, ऐसी खबरों से हमारा आंदोलन टूटने वाला नहीं है

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कैसे आया यूपी और उत्तराखंड में विरोध का विचार?

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि हिसार में जब किसान नेता आईजी के साथ मीटिंग कर रहे थे तो हमें उस दिन बहुत शर्म आई, क्योंकि आईजी ने कहा कि हरियाणा में तो बीजेपी नेताओं का विरोध हो रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश में नहीं हो रहा है.

'बीजेपी नेताओं के सामने जलाएंगे कानून की कॉपी'

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि 5 जून को देश के सभी बीजेपी नेताओं के सामने तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई जाएं, उत्तर प्रदेश वाले किसान ज्यादा से ज्यादा हर सांसद और विधायक के घर के सामने प्रतियां जलाएं.

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