सोनीपत: सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान की मौत (Farmer death Singhu border) हो गई. मेवा सिंह नाम के किसान ने रविवार सुबह दम तोड़ दिया. बुजुर्ग की उम्र 75 साल के आसपास बताई जा रही है. मृतक भागल गांव जिला कैथल का रहने वाला था. मृतक के परिजन अंतिम संस्कार के लिए किसान के शव को उनके पैतृक गांव लेकर पहुंचे. परिजनों ने बुजुर्ग का पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया. मौत की वजहों का अभी तक पता नहीं चल पाया है.
तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान करीब एक साल से दिल्ली से लगती सीमाओं पर धरना दे रहे हैं. इस बीच किसानों और सरकार के बीच कई बार बैठक हो चुकी है, लेकिन अभी तक मामले में कोई समाधान नहीं निकला है. सरकार अपने फैसले पर अड़ी है और किसान अपनी मांगों को लेकर अड़ा है. वहीं किसान आंदोलन में किसानों की मौत का सिलसिला भी जारी है. इससे पहले भी 10 नवंबर को गुरप्रीत सिंह नाम के किसान का शव मिला था.
गुरप्रीत रुड़की गांव, तहसील अमरोहा, जिला फतेहगढ़ साहिब का रहने वाला था. किसानों के मुताबिक उसने ने आत्महत्या की है. खुदकुशी करने के कारणों का पता नहीं चल पाया है. मृतक का संबंध किसान बीकेयू सिद्धपुर गुट से था. इस संगठन के प्रधान जगजीत सिंह ढलेवाल हैं.
पढ़ें- दिल्ली-NCR में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण का स्तर, हरियाणा के इन जिलों में भी 'जहरीली' हुई हवा
इससे पहले भी दो नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर एक और किसान ने दम तोड़ा था. 2 नवंबर को लाडी बाबा नाम के किसान ने संदिग्ध परिस्थितियों में दम तोड़ दिया था. बताया गया कि लाडी बाबा करीब 6 महीने से किसान आंदोलन में अपनी सेवाएं दे रहा था. इससे पहले भी करनैल सिंह नाम के किसान ने सिंघु बॉर्डर पर दम तोड़ दिया था. जो पंजाब के पटियाला का रहने वाला था. मृतक किसान करनैल सिंह की उम्र 60 साल थी. माना जा रहा है कि हार्ट अटैक की वजह से किसान की मौत हुई है.
हरियाणा की विश्वसनीय खबरों को पढ़ने के लिए गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें Etv BharatAPP