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'अब हर छह महीने में होगा अपराधियों का रिकॉर्ड नए सिरे से तैयार'

हरियाणा और प्रदेश के कानपुर में पुलिस पर हुए हमले के बाद अपराधियों का रिकॉर्ड नए सिरे से अपडेट किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि अब हर छह महीने में हर अपराधी का रिकॉर्ड नए सिरे से तैयार किया जाएगा.

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Published : Jul 14, 2020, 11:32 AM IST

every six months the record of criminals will be renewed
'अब हर छह महीने में होगा अपराधियों का रिकॉर्ड नए सिरे से तैयार'

सोनीपत: बुटाना चौकी के दो पुलिसकर्मियों की हत्या और उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस पर हुए हमले के बाद अपराधियों का रिकॉर्ड नए सिरे से अपडेट किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि अब हर छह महीने में हर अपराधी का रिकॉर्ड नए सिरे से तैयार किया जाएगा.

इसमें एक ओर जहां अपराधियों के नए फोटो जुटाए जाएंगे. वहीं उनके संपर्क के लोगों, जमानतियों और अपराध से कमाई गई संपत्ति का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. अपराधियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले मोबाइल भी पुलिस रिकॉर्ड का हिस्सा होंगे.

बताया जा रहा है कि दबिश देते समय बैकअप टीम रखना अनिवार्य होगा. अपराधियों की सक्रियता की निगरानी रखने का कार्य बीट वाले सिपाही का होगा. पुलिस पर बढ़ते हमलों और कई बार दबिश के दौरान पुलिस की अधूरी तैयारियों के चलते ये निर्णय लिया गया.

पुलिस अधिकारी कई बार बदमाशों के अपराध करने के तरीकों, उनकी आपराधिक ताकत, उनकी सहायता करने वालों और कमाई के साधनों से वाकिफ नहीं होते हैं. ऐसे में बदमाश पुलिस से दो कदम आगे निकल जाते हैं.

पुलिस अधिकारी भले ही स्वीकार नहीं करते हों. लेकिन जींद में सोनीपत की सीआईए और सर्विलांस टीम पर बदमाश भारी पड़े थे. यही कारण रहा था कि इस दौरान पुलिस के चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

ये भी पढ़िए: लोहारू: टिड्डियों के खात्मे के लिए ड्रोन से हो रहा दवा का छिड़काव

बताया जा रहा है कि दो बदमाशों ने चाकू से चार पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था. मुठभेड़ के समय पुलिस को बैक सपोर्ट देने वाला दस्ता भी मौजूद नहीं था. जिसके चलते दर्जनभर पुलिसकर्मियों के बीच से शातिर विकास भाग निकला था. वहीं अमित को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था. लेकिन पुलिस के कई जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

सोनीपत: बुटाना चौकी के दो पुलिसकर्मियों की हत्या और उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस पर हुए हमले के बाद अपराधियों का रिकॉर्ड नए सिरे से अपडेट किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि अब हर छह महीने में हर अपराधी का रिकॉर्ड नए सिरे से तैयार किया जाएगा.

इसमें एक ओर जहां अपराधियों के नए फोटो जुटाए जाएंगे. वहीं उनके संपर्क के लोगों, जमानतियों और अपराध से कमाई गई संपत्ति का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा. अपराधियों द्वारा प्रयोग किए जाने वाले मोबाइल भी पुलिस रिकॉर्ड का हिस्सा होंगे.

बताया जा रहा है कि दबिश देते समय बैकअप टीम रखना अनिवार्य होगा. अपराधियों की सक्रियता की निगरानी रखने का कार्य बीट वाले सिपाही का होगा. पुलिस पर बढ़ते हमलों और कई बार दबिश के दौरान पुलिस की अधूरी तैयारियों के चलते ये निर्णय लिया गया.

पुलिस अधिकारी कई बार बदमाशों के अपराध करने के तरीकों, उनकी आपराधिक ताकत, उनकी सहायता करने वालों और कमाई के साधनों से वाकिफ नहीं होते हैं. ऐसे में बदमाश पुलिस से दो कदम आगे निकल जाते हैं.

पुलिस अधिकारी भले ही स्वीकार नहीं करते हों. लेकिन जींद में सोनीपत की सीआईए और सर्विलांस टीम पर बदमाश भारी पड़े थे. यही कारण रहा था कि इस दौरान पुलिस के चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

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बताया जा रहा है कि दो बदमाशों ने चाकू से चार पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था. मुठभेड़ के समय पुलिस को बैक सपोर्ट देने वाला दस्ता भी मौजूद नहीं था. जिसके चलते दर्जनभर पुलिसकर्मियों के बीच से शातिर विकास भाग निकला था. वहीं अमित को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया था. लेकिन पुलिस के कई जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.

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