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गोहाना के मुंडलाना गांव में घरेलू गैस सिलेंडर फटने से हजारों का नुकसान

गोहाना के मुंडलाना गांव के एक घर में घरेलू गैस सिलेंडर फटने से पूरे घर में आग लग गई. जिसकी सूचना दमकल विभाग को दी गई. वहीं दमकल विभाग के आने से पहले ही घर का ज्यादातर सामान जल कर राख हो गया.

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Published : Jul 21, 2020, 1:37 PM IST

Domestic gas cylinder explodes in Gohana Mundlana village
गोहाना के मुंडलाना गांव में घरेलू गैस सिलेंडर फटने से लाखों का नुकसान

सोनीपत: गोहाना के मुंडलाना गांव के एक घर में एक गैस सिलेंडर फट गया. जिसके बाद घर में आग लग गई. आग लगने की सूचना दमकल दमकल विभाग को दी गई. जिसके बाद दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया. बताया जा रहा है कि दमकल विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही घर का ज्यादातर सामान जलकर राख हो गया था.

बता दें कि सिलेंडर फटने का हादसा होने पर आपको 40 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिल सकती है. वहीं अगर हादसे में किसी की मौत हो जाए तो परिवार को 50 लाख रुपये तक की राशि बीमा कंपनी को देनी पड़ सकती है. इसके लिए कंपनी के नियमों पर खरा उतरना जरूरी है. हालांकि बीमा राशि दुर्घटना का आंकलन करने के बाद ही तय होती है.

उपभोक्ताओं को अलग से इसका बीमा कराने की जरूरत नहीं होती है. गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता बीमा धारक बन जाता हैं. लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.

बीमा राशि का दावा करने के लिए इन बातों का होना जरूरी

उपभोक्ता की ओर से एलपीजी कनेक्शन जिस पते पर लिया गया है.उसी पते पर सिलेंडर फटने से दुर्घटना होना जरूरी है. उपभोक्ता दुर्घटना के समय रेगुलेटर और अन्य सामान संबंधित एजेंसी का ही इस्तेमाल कर रहा हो और वो आइएसआइ मार्का हो. बाजार से खरीदा गया सामान इस्तेमाल करने पर बीमे का लाभ नहीं मिलेगा.

ये भी पढ़ें: आज आएगा हरियाणा बोर्ड 12वीं का रिजल्ट, यहां जानिए पूरी डिटेल

बीमा राशि लेने के लिए दुर्घटना के बाद गैस एजेंसी और पुलिस को तुरंत सूचित करना होता है. इसके बाद गैस एजेंसी संबंधित बीमा कंपनी को सूचित कर देती है. बीमा कंपनी का कर्मचारी दुर्घटनास्थल पर जाकर नुकसान का आंकलन करने के बाद बीमा कंपनी को रिपोर्ट बनाकर देता है. इसके बाद बीमा कंपनी निर्धारित करती है कि नुकसान कितना हुआ है.

सोनीपत: गोहाना के मुंडलाना गांव के एक घर में एक गैस सिलेंडर फट गया. जिसके बाद घर में आग लग गई. आग लगने की सूचना दमकल दमकल विभाग को दी गई. जिसके बाद दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया. बताया जा रहा है कि दमकल विभाग की टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही घर का ज्यादातर सामान जलकर राख हो गया था.

बता दें कि सिलेंडर फटने का हादसा होने पर आपको 40 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिल सकती है. वहीं अगर हादसे में किसी की मौत हो जाए तो परिवार को 50 लाख रुपये तक की राशि बीमा कंपनी को देनी पड़ सकती है. इसके लिए कंपनी के नियमों पर खरा उतरना जरूरी है. हालांकि बीमा राशि दुर्घटना का आंकलन करने के बाद ही तय होती है.

उपभोक्ताओं को अलग से इसका बीमा कराने की जरूरत नहीं होती है. गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता बीमा धारक बन जाता हैं. लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.

बीमा राशि का दावा करने के लिए इन बातों का होना जरूरी

उपभोक्ता की ओर से एलपीजी कनेक्शन जिस पते पर लिया गया है.उसी पते पर सिलेंडर फटने से दुर्घटना होना जरूरी है. उपभोक्ता दुर्घटना के समय रेगुलेटर और अन्य सामान संबंधित एजेंसी का ही इस्तेमाल कर रहा हो और वो आइएसआइ मार्का हो. बाजार से खरीदा गया सामान इस्तेमाल करने पर बीमे का लाभ नहीं मिलेगा.

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बीमा राशि लेने के लिए दुर्घटना के बाद गैस एजेंसी और पुलिस को तुरंत सूचित करना होता है. इसके बाद गैस एजेंसी संबंधित बीमा कंपनी को सूचित कर देती है. बीमा कंपनी का कर्मचारी दुर्घटनास्थल पर जाकर नुकसान का आंकलन करने के बाद बीमा कंपनी को रिपोर्ट बनाकर देता है. इसके बाद बीमा कंपनी निर्धारित करती है कि नुकसान कितना हुआ है.

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