गोहाना: शनिवार को गोहाना पहुंचे सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बजट सत्र को लेकर बातचीत की. दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बजट सत्र पिछले एक महीने से चल रहा था. बजट सत्र बहुत ही निराशाजनक रहा 16 साल की राजनीति में पहली बार इतना निराशाजनक बजट सत्र देखा है.
किसानों पर लाठी चार्ज के सवाल पर साधी चुप्पी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के दौरे के दौरान किसानों और पुलिस के बीच में हुई झड़प हुई थी, इस मामले में गोहाना पहुंचे हरियाणा के कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा से मुख्यमंत्री के विरोध और किसानों के ऊपर लाठीचार्ज का सवाल पूछने पर उन्होंने चुप्पी साध ली और फिर बजट सत्र पर बोलने लगे.
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हालांकि उन्होंने आंदोलन के दौरान किसानों की मौत का जरूर मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 300 किसानों की किसान आंदोलन में जान चली गई, लेकिन पूरे बजट सत्र में सरकार ने बात नहीं की. किसानों की एक बार भी बात नहीं की और किसानों की मांग को भी नकारा है. किसान को खालिस्तानी बताने का काम किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान को इंसान मानने से भी नकार दिया.
'नेताओं को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए'
किसानों की सहानुभूति के लिए सरकार के किसी भी मंत्री सांसद और नेताओं ने खड़े होकर 300 किसानों की जान जाने के बाद भी सहानुभूति नहीं दी. मैंने अपनी राजनीति में इतनी अहंकार की राजनीति कभी नहीं देखनी जो दिल्ली की सबसे बड़ी पंचायत में अबकी बार देखने को मिली है.
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