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हरियाणा में महिलाओं ने बदली परंपरा, 105 वर्षीय सास को बहुओं ने दिया कंधा, मुखाग्नि भी दी

सोनीपत में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां बेटे नहीं बहुओं ने अपनी सास का अंतिम संस्कार (Daughter in law cremated mother in law in Sonipat) किया है. बताया जा रहा है कि सास की ये अंतिम इच्छा थी. सास की इच्छा का मान रखते हुए बहुओं ने उन्हें न सिर्फ कंधा दिया बल्कि मुखाग्नि भी दी.

Daughter in law cremated mother in law in Sonipat
Daughter in law cremated mother in law in Sonipat
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Published : Dec 23, 2022, 2:31 PM IST

Updated : Dec 23, 2022, 2:44 PM IST

सोनीपत में बहुओं ने दिया सास को कंधा

सोनीपत: हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार माता-पिता के मरणोपरांत अब तक बेटे को ही कंधा देते आपने सुना होगा, लेकिन सोनीपत के बौद्ध विहार में 105 वर्षीय फूलवती को उसकी पुत्रवधुओं ने कंधा देकर मिसाल पेश की (Daughter in law cremated mother in law in Sonipat) है. जबकि फूलवती के पांच बेटे, तीन बेटियां, नौ पोते और नौ पाेतियां हैं. फूलवती पांच साल से चारपाई पर थीं. पुत्रवधुएं ही फूलपति की सेवा कर रही थीं. बहुओं की सेवा से खुश फूलपति की अंतिम इच्छा थी कि उनकी अंतिम रस्में भी बहुएं ही करें. फूलवती की अंतिम इच्छा को बेटों और पुत्रवधुओं ने मान लिया और फूलवती को कंधा देकर सभी रस्में निभाई.


बता दें कि मुरथल रोड स्थित बौद्ध विहार कालोनी (Sonipat Buddhist Vihara) निवासी फूलवती के दो बेटे हरियाणा सरकार व दो बेटे केंद्र सरकार में अधिकारी रहे हैं. जबकि छोटा बेटा खेती संभालता है. फूलवती पांच साल से चलफिर नहीं पा रही थीं. उनकी बहुएं फूलवती की सेवा किया करती थीं.

Daughter in law cremated mother in law in Sonipat
सोनीपत में बहुओं ने किया अंतिम संस्कार

बुधवार देर रात फूलवती ने घर पर ही अंतिम सांस ली. हरियाणा रोडवेज में मुख्य निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त उनके मझले बेटे रोहतास कुमार ने अपनी माता की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए बहुओं के कंधों पर अर्थी रखते हुए समाज में एक नई शुरुआत की. सेक्टर-15 श्मशान घाट में फूलवती को मुखाग्नि दी. उनके अंतिम संस्कार में हरियाणा रोडवेज के स्टाफ सदस्य, सेवानिवृत्त जिला आबकारी एवं कराधान अधिकारी आरके पावरिया, सेवानिवृत्त जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.

यह भी पढ़ें-डबवाली अग्निकांड: हरियाणा के इतिहास का काला दिन, महज 6 मिनट के अंदर जिंदा जले थे 442 लोग

बौद्ध विहार की रहने वाली फूलवती के पार्थिव शरीर को उनकी दो पुत्र वधुओं ने कंधा दिया. उनकी पुत्रवधू शकुंतला (51) और बबीता (40) ने सास की अंतिम इच्छा को पूरा किया. फूलवती को पांच बेटे गरीबदास, नफे सिंह, रोहताश, सुरेश व रामनिवास हुए. इनमें गरीबदास सेना में नौकरी करते थे. उनका निधन हो चुका है. वहीं नफे सिंह वेयर हाउस कार्पोरेशन से, रामनिवास सिंचाई विभाग, रोहताश हरियाणा रोडवेज से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनके सबसे छोटे बेटे सुरेश कुमार करनाल आरटीओ कार्यालय में कार्यरत (haryana latest news) हैं.

सोनीपत में बहुओं ने दिया सास को कंधा

सोनीपत: हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार माता-पिता के मरणोपरांत अब तक बेटे को ही कंधा देते आपने सुना होगा, लेकिन सोनीपत के बौद्ध विहार में 105 वर्षीय फूलवती को उसकी पुत्रवधुओं ने कंधा देकर मिसाल पेश की (Daughter in law cremated mother in law in Sonipat) है. जबकि फूलवती के पांच बेटे, तीन बेटियां, नौ पोते और नौ पाेतियां हैं. फूलवती पांच साल से चारपाई पर थीं. पुत्रवधुएं ही फूलपति की सेवा कर रही थीं. बहुओं की सेवा से खुश फूलपति की अंतिम इच्छा थी कि उनकी अंतिम रस्में भी बहुएं ही करें. फूलवती की अंतिम इच्छा को बेटों और पुत्रवधुओं ने मान लिया और फूलवती को कंधा देकर सभी रस्में निभाई.


बता दें कि मुरथल रोड स्थित बौद्ध विहार कालोनी (Sonipat Buddhist Vihara) निवासी फूलवती के दो बेटे हरियाणा सरकार व दो बेटे केंद्र सरकार में अधिकारी रहे हैं. जबकि छोटा बेटा खेती संभालता है. फूलवती पांच साल से चलफिर नहीं पा रही थीं. उनकी बहुएं फूलवती की सेवा किया करती थीं.

Daughter in law cremated mother in law in Sonipat
सोनीपत में बहुओं ने किया अंतिम संस्कार

बुधवार देर रात फूलवती ने घर पर ही अंतिम सांस ली. हरियाणा रोडवेज में मुख्य निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त उनके मझले बेटे रोहतास कुमार ने अपनी माता की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए बहुओं के कंधों पर अर्थी रखते हुए समाज में एक नई शुरुआत की. सेक्टर-15 श्मशान घाट में फूलवती को मुखाग्नि दी. उनके अंतिम संस्कार में हरियाणा रोडवेज के स्टाफ सदस्य, सेवानिवृत्त जिला आबकारी एवं कराधान अधिकारी आरके पावरिया, सेवानिवृत्त जिला राजस्व अधिकारी सुरेश कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.

यह भी पढ़ें-डबवाली अग्निकांड: हरियाणा के इतिहास का काला दिन, महज 6 मिनट के अंदर जिंदा जले थे 442 लोग

बौद्ध विहार की रहने वाली फूलवती के पार्थिव शरीर को उनकी दो पुत्र वधुओं ने कंधा दिया. उनकी पुत्रवधू शकुंतला (51) और बबीता (40) ने सास की अंतिम इच्छा को पूरा किया. फूलवती को पांच बेटे गरीबदास, नफे सिंह, रोहताश, सुरेश व रामनिवास हुए. इनमें गरीबदास सेना में नौकरी करते थे. उनका निधन हो चुका है. वहीं नफे सिंह वेयर हाउस कार्पोरेशन से, रामनिवास सिंचाई विभाग, रोहताश हरियाणा रोडवेज से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनके सबसे छोटे बेटे सुरेश कुमार करनाल आरटीओ कार्यालय में कार्यरत (haryana latest news) हैं.

Last Updated : Dec 23, 2022, 2:44 PM IST
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