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सोनीपत में जल्द शुरू होगा आईआईआईटी का निर्माण, बच्चों को मिलेगा सुनहरा भविष्य

जिले के किलहड़द गांव में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान का रास्ता अब साफ हो गया है.आईआईआईटी बनने से प्रदेश के युवाओं को इसका लाभ मिल सकेगा.

बच्चों को मिलेगा सुनहरा भविष्य
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Published : Feb 11, 2019, 3:19 PM IST

सोनीपत: गांव किलोहड़द में आईआईआईटी बनने से प्रदेश के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा. दरअसल पिछले 6 साल से जिस जमीन को लेकर खींचतान चल रही थी, वो मामला सुलझ गया.

Institute of technology
बच्चों को मिलेगा सुनहरा भविष्य
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प्रदेश में कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय साल 2013 में किलोहड़द में आईआईआईटी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसे लेकर 20 जून 2013 को किलोहड़द में पंचायती जमीन को तकनीकी शिक्षा विभाग को 33 साल की लीज पर देने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. ये उस प्रस्ताव को महानिदेशक ने 19 सितंबर 2013 को मंजूर कर दिया था. उसके बाद यह मामला लटका रहा और 2016 में IIT बनाने के लिए चार दीवारी का काम शुरू कर दिया गया.

प्रस्ताव पर सरकार की लगी मुहर

लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2 जनवरी 2017 को पत्र जारी करके कहा कि जिस जमीन पर आईआईआईटी बनाई जाएगी, उस जमीन पर तकनीकी शिक्षा विभाग का मालिकाना हक होना चाहिए. जब जमीन को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई तो साल 2017 में पंचायत ने इसका विरोध कर दिया. जिससे आईआईआईटी बनने का मामला खटाई में पड़ गया था. गांव किलोहड़द में आईआईआईटी के लिए पंचायत के जमीन बेचने को तैयार होने पर डीसी की ओर से सरकार को फाइल भेजी गई थी. जिस पर सरकार ने मुहर लगा दी है और अब जल्द ही इस पर काम शुरू करा दिया जाएगा.

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सोनीपत: गांव किलोहड़द में आईआईआईटी बनने से प्रदेश के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा. दरअसल पिछले 6 साल से जिस जमीन को लेकर खींचतान चल रही थी, वो मामला सुलझ गया.

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बच्चों को मिलेगा सुनहरा भविष्य
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प्रदेश में कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय साल 2013 में किलोहड़द में आईआईआईटी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी. जिसे लेकर 20 जून 2013 को किलोहड़द में पंचायती जमीन को तकनीकी शिक्षा विभाग को 33 साल की लीज पर देने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. ये उस प्रस्ताव को महानिदेशक ने 19 सितंबर 2013 को मंजूर कर दिया था. उसके बाद यह मामला लटका रहा और 2016 में IIT बनाने के लिए चार दीवारी का काम शुरू कर दिया गया.

प्रस्ताव पर सरकार की लगी मुहर

लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2 जनवरी 2017 को पत्र जारी करके कहा कि जिस जमीन पर आईआईआईटी बनाई जाएगी, उस जमीन पर तकनीकी शिक्षा विभाग का मालिकाना हक होना चाहिए. जब जमीन को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई तो साल 2017 में पंचायत ने इसका विरोध कर दिया. जिससे आईआईआईटी बनने का मामला खटाई में पड़ गया था. गांव किलोहड़द में आईआईआईटी के लिए पंचायत के जमीन बेचने को तैयार होने पर डीसी की ओर से सरकार को फाइल भेजी गई थी. जिस पर सरकार ने मुहर लगा दी है और अब जल्द ही इस पर काम शुरू करा दिया जाएगा.

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NEWS BY : SANJEET CHOUDHARY, SONIPAT
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एंकर -
सोनीपत के गांव किलोहड़द में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान ‘आईआईआईटी’ बनने का रास्ता आखिरकार साफ हो गया है। आईआईआईटी के बनने से प्रदेश के युवाओं को काफी लाभ मिलेगा। दरअसल पिछले छह साल से जिस जमीन को लेकर खींचतान चल रही थी, वह सरकार ने अब खत्म कर दी है। किलोहड़द गांव की पंचायत से 48 एकड़ जमीन तकनीकी शिक्षा विभाग हरियाणा को देने के प्रस्ताव को सोनीपत के उपायुक्त ने चार महीने पहले सरकार को भेजा था, उसे अब सरकार से मंजूरी मिल गई है। यह जमीन तकनीकी शिक्षा विभाग 11.11 करोड़ रुपये में खरीदेगा और अब आईआईआईटी का निर्माण जल्द शुरू कराया जाएगा। 
वीओ -
प्रदेश में कांग्रेस की हुड्डा सरकार के समय साल 2013 में किलोहड़द में आईआईआईटी बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। आईआईआईटी को बनाने के लिए 20 जून 2013 को किलोहड़द में पंचायती जमीन को तकनीकी शिक्षा विभाग को 33 साल की लीज पर देने के लिए प्रस्ताव पंचायत एवं विकास विभाग के महानिदेशक को भेजा गया था। उस प्रस्ताव को महानिदेशक ने 19 सितंबर 2013 को मंजूर कर दिया था। उसके बाद यह मामला लटका रहा और 2016 में आईआईआईटी बनाने के लिए चार दीवारी का काम शुरू कर दिया गया। लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2 जनवरी 2017 को पत्र जारी करके कहा कि जिस जमीन पर आईआईआईटी बनाई जाएगी, उस जमीन पर तकनीकी शिक्षा विभाग का मालिकाना हक होना चाहिए। किलोहड़द की पंचायती जमीन को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की गई तो 2017 में पंचायत ने इसका विरोध कर दिया था। जिससे आईआईआईटी बनने का मामला खटाई में पड़ गया था। लेकिन पंचायत ने चार महीने पहले 48 एकड़ 2 कनाल एक मरला जमीन को 23 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से तकनीकी शिक्षा विभाग को देने के लिए प्रस्ताव डीसी विनय सिंह को सौंपा था। इस तरह यह जमीन 11 करोड़ 11 लाख 33 हजार 125 रुपये की होती है, जिसकी फाइल डीसी विनय सिंह ने सरकार को भेजी थी। जिसे खरीदने के लिए सरकार ने मंजूरी दी है और अब इसपर काम शुरू करा दिया जाएगा। 
बाईट - रामकुमार जांगड़ा, चेयरमैन, पिछड़ा वर्ग आयोग
बाईट - जोगिन्द्र सिंह, दलबीर सिंह, ग्रामीण
बाईट - भगत सिंह, पूर्व सरपंच
गांव किलोहड़द में आईआईआईटी के लिए पंचायत के जमीन बेचने को तैयार होने पर डीसी की ओर से सरकार को फाइल भेजी गई थी। जिसकी अब सरकार से मंजूरी मिल गई है और अब आईआईआईटी का निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जाएगा।







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