हिसार: हड़प्पा कालीन सभ्यता की सबसे आइकॉनिक साइट राखीगढ़ी में पुरातत्व विभाग के देखरेख में खुदाई का काम जारी है. जैसे-जैसे खुदाई बढ़ती जा रही है. वैसे-वैसे नए खुलासे हो रहे हैं. खुदाई कर रही पुरातत्व विभाग की टीम को माउंट नंबर तीन पर एक बड़ा स्ट्रक्चर मिला है. एक्सपर्ट का मानना है कि ये ऐसा लग रहा है कि जैसे कोई स्टेडियम हो. इसके अवाला खुदाई के दौरान दो मंजिला मकान का ढांचा भी मिला है.
मुख्य सचिव ने किया राखीगढ़ी का दौरा: सोमवार को हरियाणा के मुख्य सचिव डॉक्टर विवेक जोशी ने हड़प्पा कालीन सभ्यता की आइकॉनिक साइट राखीगढ़ी का दौरा किया और खुदाई में मिली हड़प्पा कालीन सभ्यता की वस्तुओं की जानकारी ली. अभी तक की खुदाई में मिले प्राचीन अवशेष और स्ट्रक्चर को देखकर पुरातत्व विभाग ने बताया कि हड़प्पा कालीन सभ्यता के शहर चंडीगढ़ जैसे आधुनिक शहरों की तर्ज पर बसे थे.
जल्द तैयार होगा म्यूजियम: हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी ने राखीगढ़ी में निर्माणाधीन म्यूज़ियम को भी देखा. इसके बाद उन्होंने माउंट नंबर एक, तीन, चार और पेरेट वॉल भी देखी. उन्होंने कहा कि ये अपने आप में हजारों साल पुरानी हड़प्पा कालीन सभ्यता को समेटे हुए है. प्रदेश सरकार का प्रयास है कि लोग इस विश्व प्रसिद्ध साइट के जरिये अपने इतिहास से रूबरू हो सके. प्रदेश का पुरातात्विक विभाग प्राचीन साइट्स को सहेजने में जुटा है.
मुख्य सचिव ने ग्रामीणों से की मुलाकात: मुख्य सचिव ने कहा कि यहां कैफेटेरिया, हॉस्टल भवन तथा विश्राम गृह बनकर तैयार हो चुके हैं. संग्रहालय भवन का कुछ निर्माण कार्य बाकी है, उसको भी जल्द पूरा करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस खुदाई के दौरान मिली हर वस्तु को संग्रहालय में रखा जाएगा, ताकि लोग उस प्राचीन समृद्ध सभ्यता के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सके. राखीगढ़ी में गांव के युवाओं और ग्रामीणों ने भी मुख्य सचिव विवेक से मुलाकात की.
चंडीगढ़ की तर्ज पर बसे थे प्राचीन शहर: हरियाणा के मुख्य सचिव विवेक जोशी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉक्टर संजय कुमार मंजुल ने बताया कि माउंट नंबर 3 पर एक बड़ा स्ट्रक्चर मिला है, जिसे देखने पर ऐसा लग रहा है. जैसे वो स्टेडियम हो. हालांकि, अभी खुदाई शुरू हुई है, थोड़े समय में रिसर्च के साथ इससे जुड़े कई और पहलू भी क्लियर हो जाएंगे. इससे पहले के कार्यों के बारे में उन्होंने मुख्य सचिव विवेक जोशी को बताया कि हड़प्पा काल के भी अलग अलग दौर के प्रमाण मिले हैं, उस समय राखी गढ़ी आज के आधुनिक चंडीगढ़ जैसे शहरों की तर्ज पर बसा हुआ था.
ड्रेनेज सिस्टम और कूड़ा प्रबंधन की थी व्यवस्था: मकान तथा रिहायशी क्षेत्र से गंदे पानी की निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम तथा कूड़ा करकट को डालने के लिए मिट्टी के बड़े-बड़े मटके गलियों के मोड पर रखे जाते थे. खुदाई के दौरान इन सब बातों का खुलासा हुआ है. यहां खुदाई के दौरान दो मंजिला मकान का ढांचा मिला है. इस मकान के भू-तल के दीवारों की चौड़ाई डेढ़ मीटर के लगभग है और इसके ऊपर बनी पहली मंजिल की दीवारें कम चौड़ाई की है, बीच से होकर एक गली भी गुजरती है. जो उनकी वास्तुकला की उच्च कोटि की समझ को दर्शाता है. उन्होंने दावा किया कि राखीगढ़ी आइकॉनिक साइट से कुछ दूरी पर नदी के बहने के प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं.
मिट्टी के बर्तन भी खुदाई में बरामद: मुख्य सचिव विवेक जोशी को पुरातात्विक विभाग के अधिकारियों ने एक गिलास नुमा बर्तन भी दिखाया और कहा कि खानपान में प्रयोग होने वाले मिट्टी के बर्तनों से अभी तक मिट्टी भी नहीं हटाई गई है, ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि उन लोगों की खानपान संबंधित आदतें किस प्रकार की थी, इसके साथ ही उन्हें ब्लेड, खिलौने, कंकाल भी दिखाया गया. ये भी बताया गया कि प्री हड़प्पा काल में लोग बड़े-बड़े मकान बनाकर रहते थे, लेकिन बाद में कॉलोनी विकसित करके रहने लगे थे.
चार हजार लोगों के रहने की संभावना: इन कॉलोनियों में ड्रेनेज सिस्टम भी होता था. मकान में वेंटीलेशन की सुविधा भी रखी जाती थी. उस समय लोग पशुपालन तथा खेती-बाड़ी भी करते थे तथा दूसरे देशों के साथ उनके व्यापारिक संबंध भी थे. अब तक खुदाई के दौरान जो चीज मिली है उनसे इन बातों का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है. राखीगढ़ी में हड़प्पा कालीन सभ्यता लगभग 350 एकड़ क्षेत्र में फैली होने तथा उस समय यहां तीन से चार हजार लोगों की रहने का अनुमान है.
आइकॉनिक साइट राखीगढ़ी पर बनेगी फिल्म: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक डॉक्टर संजय कुमार मंजुल से मुख्य सचिव विवेक जोशी ने साइट्स पर बनी डॉक्यूमेंट्री के बारे में भी अपडेट ली. राखीगढ़ी को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से पुरातत्व विभाग इस आइकॉनिक साइट फिल्म भी बनाने जा रहा है.