सोनीपत: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद चौधरी बीरेंद्र सिंह को हरियाणा का मुख्यमंत्री ना बनने का मलाल आज तक है. चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि 20 सालों तक उनकी मुख्यमंत्री बनने की चाहत पूरी नहीं हो पाई.
42 सालों तक कांग्रेस में रहे
चौधरी बीरेंद्र सिंह 42 सालों तक कांग्रेस पार्टी में रहे थे. बीजेपी सरकार बनने के वक्त चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया. हरियाणा की राजनीति में बीरेंद्र सिंह की चाहत मुख्यमंत्री की कुर्सी रही थी, लेकिन उनकी ये हसरत पूरी नहीं हो सकी. शनिवार को एक बार फिर उनकी जुबां पर ये दर्द छलकता नजर आया. भले ही इसके लिए उन्होंने बहाना जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला का लिया हो.
बरोदा की रैली में छलका दर्द
दरअसल चौधरी बीरेंद्र सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा में बीजेपी की संकल्प जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे. जनसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल बरोदा विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी योगेश्वर दत्त के लिए चुनावी जनसभा के लिए पहुंचे थे और चौधरी बीरेंद्र सिंह भी लोगों से योगेश्वर दत्त के लिए समर्थन जुटाने पहुंचे थे.
इस दौरान चौधरी बीरेंद्र ने अपने सम्बोधन में जेजेपी नेता एवं पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला पर तंज कसते हुए कहा कि चौटाला के साथ कुछ सिटी बजाऊ लोग उन्हें सीएम बताते हैं, जबकि वे खुद 20 सालों तक सीएम नहीं बन पाए. इस दौरान चौधरी बीरेंद्र ने चौटाला के परिवार पर व्यक्तिगत टिप्पणी भी की.
हरियाणा के कद्दावर नेताओं में गिनती
बीरेंद्र सिंह शानदार राजनीतिक विरासत के बावजूद मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच सके. हरियाणा में बीरेंद्र सिंह मौजूदा दौर में भी सबसे कद्दावर नेताओं में से एक माने जाते हैं. वो हरियाणा के प्रख्यात किसान नेता सर छोटू राम के पोते हैं. चौधरी बीरेंद्र सिंह उचाना कलां से अब तक 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. 1977, 1982, 1994, 1996 और 2005 में उचाना से विधायक बन चुके हैं और तीन बार हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं.
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