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शराब घोटाले की जांच कर रही SIT में बदलाव, DSP गन्नौर जोगेंद्र राठी को सौंपी गई कमान

खरखौदा शराब घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के सदस्यों में बदलाव किया गया है. अब डीएसपी गन्नौर जोगेंद्र राठी को डीएसपी जितेंद्र सिंह के स्थान पर रखा गया है. इसके साथ ही फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के कड़े निर्देश दिए गए हैं.

changes in sit of kharkhoda liquor scam case
शराब घोटाले की जांच कर रही SIT में दोबारा बदलाव
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Published : Jun 20, 2020, 9:40 AM IST

Updated : Jun 20, 2020, 12:29 PM IST

सोनीपत: लॉकडाउन के दौरान खरखौदा के शराब ठेके से गायब हुई लाखों की शराब मामले की जांच कर रही एसआईटी में एक बार फिर बदलाव किया गया है. कई सदस्यों का ट्रांसफर हो जाने की वजह से रोहतक मंडल के आइजी संदीप खिरवार ने एसआईटी में नए सदस्यों को तैनात कर दिया.

बता दें कि खरखौदा शराब तस्करी मामला सामने आने के बाद प्रदेश भर सुर्खियों में रहा है. इस मामले की जांच के लिए चार टीम लगाई गई थी. प्रदेश स्तर पर जहां एसईटी का गठन किया गया था, वहीं मंडल स्तर पर एसआईटी बनाई गई थी. इसकी कमान रोहतक के पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा को सौंपी गई थी. उनके साथ ही रोहतक के सांपला क्षेत्र के डीएसपी, सोनीपत के डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह, सीआईए-1 के इंस्पेक्टर नरेंद्रपाल और सीआईए-2 के इंस्पेक्टर विवेक मलिक को जांच में लगाया गया था.

इसके साथ ही जिला स्तर पर गठित एसआईटी की कमान डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह को सौंपी गई थी. डीएसपी खरखौदा हरेंद्र कुमार के नेतृत्व में खरखौदा पुलिस इन सबसे अलग जांच कर रही थी. डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह का तबादला हो गया और स्थानीय स्तर पर सीआईए-1 के प्रभारी नरेंद्रपाल को सीआईए गोहाना और सीआईए-2 के इंस्पेक्टर विवेक कुमार मलिक को थाना राई का एसएचओ बना दिया गया. उसके चलते शराब घोटाले की जांच पर असर पड़ रहा था.

जिसके बाद शुक्रवार को आईजी ने मामले में नए सदस्यों को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी. अब डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह का रुटीन तबादला किया गया है और उनकी जगह डीएसपी गन्नौर जोगेंद्र राठी को एसआईटी में शामिल किया गया है. नरेंद्र पाल अब सीआईए गोहाना इंचार्ज होने के नाते शामिल रहेंगे. सीआईए- 1 के प्रभारी रवींद्र कुमार को एसआईटी में शामिल किया गया है. उन्हें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज चलाने का निर्देश दिया गया है.

ये भी पढ़िए: शराब घोटाला: आरोपी भूपेंद्र की जमानत पर फैसला फिर टला, 26 जून को होगी सुनवाई

वहीं दूसरी तरफ मामले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र ठेकेदार की ओर से भी अग्रिम जमानत की याचिका कोर्ट में लगाई गई है. जिसपर अब कोर्ट 26 जून को फैसला सुनाएगी. गौरतलब है कि एसआइटी बने डेढ़ महीने से ज्यादा का समय हो जाने के बावजूद ज्यादातर आरोपी अभी फरार हैं. आइजी ने अब अफसरों को आरोपियों की गिरफ्तारी की प्राथमिकता बताई हैं. इसके आधार पर ही अब एसआईटी दोबारा से इस मामले पर काम करेगी.

सोनीपत: लॉकडाउन के दौरान खरखौदा के शराब ठेके से गायब हुई लाखों की शराब मामले की जांच कर रही एसआईटी में एक बार फिर बदलाव किया गया है. कई सदस्यों का ट्रांसफर हो जाने की वजह से रोहतक मंडल के आइजी संदीप खिरवार ने एसआईटी में नए सदस्यों को तैनात कर दिया.

बता दें कि खरखौदा शराब तस्करी मामला सामने आने के बाद प्रदेश भर सुर्खियों में रहा है. इस मामले की जांच के लिए चार टीम लगाई गई थी. प्रदेश स्तर पर जहां एसईटी का गठन किया गया था, वहीं मंडल स्तर पर एसआईटी बनाई गई थी. इसकी कमान रोहतक के पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा को सौंपी गई थी. उनके साथ ही रोहतक के सांपला क्षेत्र के डीएसपी, सोनीपत के डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह, सीआईए-1 के इंस्पेक्टर नरेंद्रपाल और सीआईए-2 के इंस्पेक्टर विवेक मलिक को जांच में लगाया गया था.

इसके साथ ही जिला स्तर पर गठित एसआईटी की कमान डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह को सौंपी गई थी. डीएसपी खरखौदा हरेंद्र कुमार के नेतृत्व में खरखौदा पुलिस इन सबसे अलग जांच कर रही थी. डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह का तबादला हो गया और स्थानीय स्तर पर सीआईए-1 के प्रभारी नरेंद्रपाल को सीआईए गोहाना और सीआईए-2 के इंस्पेक्टर विवेक कुमार मलिक को थाना राई का एसएचओ बना दिया गया. उसके चलते शराब घोटाले की जांच पर असर पड़ रहा था.

जिसके बाद शुक्रवार को आईजी ने मामले में नए सदस्यों को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी. अब डीएसपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह का रुटीन तबादला किया गया है और उनकी जगह डीएसपी गन्नौर जोगेंद्र राठी को एसआईटी में शामिल किया गया है. नरेंद्र पाल अब सीआईए गोहाना इंचार्ज होने के नाते शामिल रहेंगे. सीआईए- 1 के प्रभारी रवींद्र कुमार को एसआईटी में शामिल किया गया है. उन्हें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज चलाने का निर्देश दिया गया है.

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वहीं दूसरी तरफ मामले के मुख्य आरोपी भूपेंद्र ठेकेदार की ओर से भी अग्रिम जमानत की याचिका कोर्ट में लगाई गई है. जिसपर अब कोर्ट 26 जून को फैसला सुनाएगी. गौरतलब है कि एसआइटी बने डेढ़ महीने से ज्यादा का समय हो जाने के बावजूद ज्यादातर आरोपी अभी फरार हैं. आइजी ने अब अफसरों को आरोपियों की गिरफ्तारी की प्राथमिकता बताई हैं. इसके आधार पर ही अब एसआईटी दोबारा से इस मामले पर काम करेगी.

Last Updated : Jun 20, 2020, 12:29 PM IST
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