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सिरसा: किसान आंदोलन को ढाई साल के बच्चे और उसके माता-पिता ने दिया समर्थन - sirsa farmers protest

सिरसा में भारत बंद के दौरान सुभाष चौक पर धरना दिया जा रहा है. इस धरना प्रदर्शन में आम लोग भी हिस्सा ले रहे हैं. एक पति-पत्नी तो अपने ढाई साल के बच्चे के साथ धरने में पहुंचे और कहा कि अब आवाज उठाना जरूरी हो गया है.

सिरसा किसान विरोध प्रदर्शन
सिरसा किसान विरोध प्रदर्शन
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Published : Dec 8, 2020, 3:26 PM IST

सिरसा: संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से 8 दिसंबर को भारत बंद करने का आह्वान किया गया था. जिसका आम जनता सहयोग करती दिख रही है. रविवार को सिरसा के किसानों ने सुभाष चौक को अपनी प्रदर्शनी स्थली बना रखा है. इस प्रदर्शन में एक दंपति अपने ढाई साल के बच्चे के साथ पहुंचे.

क्लिक कर देखें वीडियो.

दंपति का कहना था की किसान आंदोलन बहुत जरूरी है, क्योंकि आज हर एक चीज का निजीकरण हो रहा है. ये सरकार की एक नीति है की किसान को उसकी खुद की जमीन से बेदखल करना ओर उनसे गुलामी करवाना. ये मुद्दा केवल पंजाब या हरियाणा के किसानों का नहीं बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक का है.

ये भी पढे़ं- 20 किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने किया कृषि कानूनों का समर्थन, केंद्रीय कृषि मंत्री से की मुलाकात

उन्होंने कहा कि अगर हम आज भी ना उठे तो बहुत देर हो जाएगी. हम सरकार से यही उमीद करते हैं की सरकार किसानों को मांगों को माने, क्योंकि किसान है तो हम हैं और किसान हमारा अन्नदाता है.

इन्होंने आमजन से अपील की है कि सभी वर्ग किसानों का इस आंदोलन में साथ दें, क्योंकि ये आंदोलन केवल किसानों का नहीं बल्कि हमारा भी है. सरकार ये यही अनुरोध है की सरकार जल्द से जल्द किसानों की मांगों को माने, क्योंकि किसान हमारा अन्नदाता है.

सिरसा: संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से 8 दिसंबर को भारत बंद करने का आह्वान किया गया था. जिसका आम जनता सहयोग करती दिख रही है. रविवार को सिरसा के किसानों ने सुभाष चौक को अपनी प्रदर्शनी स्थली बना रखा है. इस प्रदर्शन में एक दंपति अपने ढाई साल के बच्चे के साथ पहुंचे.

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दंपति का कहना था की किसान आंदोलन बहुत जरूरी है, क्योंकि आज हर एक चीज का निजीकरण हो रहा है. ये सरकार की एक नीति है की किसान को उसकी खुद की जमीन से बेदखल करना ओर उनसे गुलामी करवाना. ये मुद्दा केवल पंजाब या हरियाणा के किसानों का नहीं बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक का है.

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उन्होंने कहा कि अगर हम आज भी ना उठे तो बहुत देर हो जाएगी. हम सरकार से यही उमीद करते हैं की सरकार किसानों को मांगों को माने, क्योंकि किसान है तो हम हैं और किसान हमारा अन्नदाता है.

इन्होंने आमजन से अपील की है कि सभी वर्ग किसानों का इस आंदोलन में साथ दें, क्योंकि ये आंदोलन केवल किसानों का नहीं बल्कि हमारा भी है. सरकार ये यही अनुरोध है की सरकार जल्द से जल्द किसानों की मांगों को माने, क्योंकि किसान हमारा अन्नदाता है.

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