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पलायन कर जा रहे मजदूरों के लिए सिरसा प्रशासन ने की रहने खाने की व्यवस्था

पंजाब में बतौर श्रमिक काम करने वाले करीब 39 लोग देर शाम को सिरसा से होते उत्तर प्रदेश और राजस्थान जाने को पैदल निकले थे. लेकिन जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने मजदूरों को रोककर सिरसा में उनके खाने रहने की व्यवस्था की.

migrant laborers helped in sirsa
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Published : Mar 29, 2020, 6:17 PM IST

सिरसा: कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन होने के बाद जहां शासन, प्रशासन के साथ-साथ सभी सामाजिक संगठनों, गणमान्य लोगों द्वारा आमजन से अपने घरों में ही रहने की अपील की जा रही है, वहीं ऐसे में मजदूरों द्वारा किया जा रहा पलायन उनके प्रयासों पर पानी फेरता दिख रहा है.

उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के रहने वाले पंजाब में काम करने वाले श्रमिक बड़े पैमाने पर पलायन कर सिरसा होते हुए अपने घरों की तरफ जा रहे थे. जिसकी सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन के आलाधिकारी पलायन की जिद पर अड़े ऐसे तमाम प्रवासियों को रोककर, उन्हें यूथ हॉस्टल में ठहराकर उन्हें खाने व अन्य आवश्यक चीजों को उपलब्ध करवा रहे हैं.

पंजाब के बठिंडा स्थित रिफाइनरी और अन्य प्रमुख औद्योगिक स्थलों पर बतौर श्रमिक काम करने वाले करीब 39 लोग देर शाम को सिरसा से होते उत्तर प्रदेश व राजस्थान जाने को पैदल निकले थे. जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत सभी श्रमिकों से संपर्क साधा और उन्हें लॉकडाउन की स्थिति का हवाला देते हुए सिरसा में ही रूकने का आग्रह किया.

ये भी पढ़ें- पलायन कर रहे मजदूरों को रोहतक प्रशासन ने रोका, खाना भी खिलाया

अधिकारियों के समझाने के बाद आखिरकार सभी श्रमिक मान गए और उनका नागरिक अस्पताल में मेडिकल करवाया गया जिसके बाद उन्हें शहीद भगत सिंह स्टेडियम में बने यूथ हॉस्टल के विभिन्न कमरों में ठहराया गया. उन्हें खाने के साथ-साथ तमाम आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए गए.

श्रमिकों का कहना है कि वह बठिंडा में कारखाने और विभिन्न फैक्ट्रियों में काम करते थे और लॉकडाउन के बाद उनका काम बंद हो गया. जिसके बाद उनके पास ना तो पैसे बचे और ना ही खाने पीने का सामान. जिसके बाद उन्हें मजबूरन पैदल ही अपने अपने घरों के लिए निकलना पड़ा.

सिरसा पहुंचने के बाद प्रशासन द्वारा उन्हें रोक लिया गया और उनका मेडिकल करवाया गया है जहां उनकी रिपोर्ट बिलकुल ठीक है और प्रशासन द्वारा उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही गाड़ियों का इंतजाम कर उन्हें उनके घर परिवार के पास भेजा जाएगा.

बता दें कि आज लॉकडाउन का छठा दिन है और इस दौरान भारी संख्या में दिहाड़ीदार मजदूर अपने घरों के लिए पैदल ही पलायन कर रहे हैं जिससे लॉकडाउन की व्यवस्था को संभालने में जिला प्रशासन व राज्य सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

ये भी पढ़ें- LOCKDOWN: हरियाणा के किस जिले में किस नंबर पर मिलेगी मदद, यहां लीजिए पूरी जानकारी

सिरसा: कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन होने के बाद जहां शासन, प्रशासन के साथ-साथ सभी सामाजिक संगठनों, गणमान्य लोगों द्वारा आमजन से अपने घरों में ही रहने की अपील की जा रही है, वहीं ऐसे में मजदूरों द्वारा किया जा रहा पलायन उनके प्रयासों पर पानी फेरता दिख रहा है.

उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के रहने वाले पंजाब में काम करने वाले श्रमिक बड़े पैमाने पर पलायन कर सिरसा होते हुए अपने घरों की तरफ जा रहे थे. जिसकी सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन के आलाधिकारी पलायन की जिद पर अड़े ऐसे तमाम प्रवासियों को रोककर, उन्हें यूथ हॉस्टल में ठहराकर उन्हें खाने व अन्य आवश्यक चीजों को उपलब्ध करवा रहे हैं.

पंजाब के बठिंडा स्थित रिफाइनरी और अन्य प्रमुख औद्योगिक स्थलों पर बतौर श्रमिक काम करने वाले करीब 39 लोग देर शाम को सिरसा से होते उत्तर प्रदेश व राजस्थान जाने को पैदल निकले थे. जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत सभी श्रमिकों से संपर्क साधा और उन्हें लॉकडाउन की स्थिति का हवाला देते हुए सिरसा में ही रूकने का आग्रह किया.

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अधिकारियों के समझाने के बाद आखिरकार सभी श्रमिक मान गए और उनका नागरिक अस्पताल में मेडिकल करवाया गया जिसके बाद उन्हें शहीद भगत सिंह स्टेडियम में बने यूथ हॉस्टल के विभिन्न कमरों में ठहराया गया. उन्हें खाने के साथ-साथ तमाम आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए गए.

श्रमिकों का कहना है कि वह बठिंडा में कारखाने और विभिन्न फैक्ट्रियों में काम करते थे और लॉकडाउन के बाद उनका काम बंद हो गया. जिसके बाद उनके पास ना तो पैसे बचे और ना ही खाने पीने का सामान. जिसके बाद उन्हें मजबूरन पैदल ही अपने अपने घरों के लिए निकलना पड़ा.

सिरसा पहुंचने के बाद प्रशासन द्वारा उन्हें रोक लिया गया और उनका मेडिकल करवाया गया है जहां उनकी रिपोर्ट बिलकुल ठीक है और प्रशासन द्वारा उनके खाने-पीने का इंतजाम किया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही गाड़ियों का इंतजाम कर उन्हें उनके घर परिवार के पास भेजा जाएगा.

बता दें कि आज लॉकडाउन का छठा दिन है और इस दौरान भारी संख्या में दिहाड़ीदार मजदूर अपने घरों के लिए पैदल ही पलायन कर रहे हैं जिससे लॉकडाउन की व्यवस्था को संभालने में जिला प्रशासन व राज्य सरकार को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

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