चंडीगढ़ः 2024 का साल हरियाणा की राजनीति के लिए उठा पटक वाला रहा रहा. साल के शुरुआत से ही हरियाणा में राजनीतिक हलचलें तेज रही. किसी नेता ने पार्टी बदली, तो किसी की कुर्सी चली गई. वहीं हरियाणा को विधानसभा चुनाव से पहले ही नया सीएम मिला. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी में कांटे की टक्कर हुई. विधानसभा चुनाव में जो नतीजे आए उसने राज्य की राजनीति में इतिहास रच दिया. जेजेपी जीरो तो कांग्रेस हीरो नहीं बन पाई.
मनोहर लाल ने सीएम पद छोड़कर सभी को किया चकित: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा में बड़ी राजनीतिक हलचल हुई. तत्कालीन सीएम मनोहर लाल ने पूरी कैबिनेट के साथ 12 मार्च को इस्तीफा दिया. इस राजनीतिक हलचल ने सभी को चौंका दिया था. क्योंकि इससे पहले गुरुग्राम में पीएम नरेंद्र मोदी ने जमकर मनोहर लाल की तारीफ की थी. ऐसे में किसी को भी उनके पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा देने की खबर समझ में नहीं आ रही थी या यों कहें किसी को भी इसका यकीन नहीं हुआ.
नायब सैनी बने हरियाणा के नए सीएम: मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद हरियाणा के नए सीएम नायब सैनी बने. नायब सैनी कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद थे. यानी बीजेपी ने तत्कालीन विधायकों में से किसी को भी सीएम न बनाकर लोकसभा सांसद नायब सैनी को सीएम बनाया. हालांकि उनके सीएम बनने की घोषणा से तत्कालीन गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज नाराज हो गए थे. नाराजगी की वजह से उन्होंने नायब सैनी कैबिनेट में की भी पद स्वीकार नहीं किया. इसको लेकर जमकर प्रदेश में सियासत भी होती रही.
नायब सैनी सरकार से जेजेपी हुई बाहर: 2019 में हरियाणा में बीजेपी ने जननायक जनता पार्टी (जेजपी) के 10 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी. राजनीतिक उलटफेर के बाद जब मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दिया और नायब सैनी सरकार बनी तो जननायक जनता पार्टी का बीजेपी ने साथ छोड़ दिया. इससे यह भी स्पष्ट हो गया था कि अब लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेजेपी दोनों अलग-अलग राह पर चलने के लिए तैयार हो गई है.
जेजेपी के विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ना किया शुरू: बीजेपी ने सीएम चेहरा बदलने के साथ ही जेजेपी के साथ साढ़े चार साल का साथ छोड़ दिया. बीजेपी सरकार से बाहर होने के बाद जेजेपी के विधायकों ने भी पार्टी से किनारा करना शुरू कर दिया. कुछ बीजेपी के साथ तो कुछ कांग्रेस के साथ हो लिए. टूट के बाद पार्टी के भविष्य को लेकर भी सवाल उठाने लगे थे. बीजेपी से अलग होने के बाद जेजेपी की हालत लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव दोनों के लिए खराब होती गई.
पहले बृजेंद्र सिंह फिर चौधरी बीरेंद्र सिंह हुए कांग्रेस में शामिल: 10 मार्च को बीजेपी के हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल हो गए. उनको 2024 में लोकसभा का हिसार से टिकट मिलने की बीजेपी से उम्मीद नहीं थी. इसी को देखते हुए वे कांग्रेस के साथ हो लिए. हालांकि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में हिसार से उन्हें टिकट नहीं दिया. बेटे के बाद 9 अप्रैल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बृजेंद्र सिंह के पिता और बीजेपी नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह भी 10 साल के बाद वापस कांग्रेस में शामिल हो गए.
लोकसभा के दंगल में कांग्रेस बीजेपी की हुई कड़ी टक्कर: लोकसभा चुनाव में बीजेपी सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में मैदान में उतरी तो कांग्रेस ने भी हरियाणा में वापसी करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगाई. चुनाव प्रचार में पीएम मोदी सहित बीजेपी के तमाम दिग्गजों ने पसीना बहाया. वहीं कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने प्रचार में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. वहीं कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में आप के साथ गठबंधन कर एक सीट आप को दी. सभी 10 सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हुआ. 5-5 सीटें भाजपा और कांग्रेस के खाते में गई. अन्य कोई दल खाता भी नहीं खोल पाया.
किरण और श्रुति चौधरी हुईं बीजेपी में शामिल: लोकसभा चुनाव में 10 में से पांच सीटें हरने वाली बीजेपी को जून महीने में अच्छी खबर मिली. 19 जून 2024 को विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी और उनकी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी बीजेपी में शामिल हुईं. इसके बाद दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण चौधरी 27 अगस्त को निर्विरोध चुनी गईं.
इनेलो-बसपा और जेजेपी- एएसपी का हुआ गठबंधन: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में दो गठबंधन हुए. पहला इनेलो और बीएसपी के बीच. जुलाई महीने में हुए इस गठबंधन के तहत 90 सीट वाली हरियाणा विधानसभा के लिए 37 सीट पर बीएसपी और बाकि पर इनेलो के उतरने का फैसला लिया गया. इसके बाद अगस्त महीने में विधानसभा चुनाव के लिए जेजेपी ने आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया. इसके तहत जेजेपी 70 और एएसपी को 20 सीटें दी गई.
विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया हुए कांग्रेस में शामिल: ओलंपिक में 100 ग्राम वजन अधिक होने से गोल्ड मेडल से चुकने वाली विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने अगस्त महीने में कांग्रेस का दामन थाम लिया. विनेश फोगाट को कांग्रेस ने जुलाना विधानसभा सीट पर पार्टी का उम्मीदवार बनाया. वहीं बजरंग पूनिया को कांग्रेस ने पार्टी के किसान सेल का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया. इन दोनों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर हरियाणा का सियासी पारा भी चढ़ा रहा.
विधानसभा चुनाव के दो दिन पहले अशोक तंवर ने मारी पलटी: हरियाणा की सियासत में आया राम-गया राम की सियासत 2024 के विधानसभा चुनाव में फिर उस वक्त देखने को मिली, जब बीजेपी नेता अशोक तंवर ने फिर से पलटी मारते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया. चुनाव के ठीक दो दिन पहले जींद में बीजेपी के प्रचार अभियान में जुट अशोक तंवर नेशनल हाईवे 152 डी (सड़क मार्ग) से सीधे राहुल गांधी की रैली में पहुंचकर कांग्रेस में शामिल हो गए. इससे पहले अशोक तंवर कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे. इसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया और लोकसभा चुनाव के दौरान वो फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए.
बीजेपी लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में हुई सफल: हरियाणा विधानसभा चुनाव में लोकसभा चुनाव नतीजों से उत्साहित कांग्रेस को दस साल बाद सत्ता में वापसी की उम्मीद थी. मीडिया में कांग्रेस की हरियाणा में वापसी की अटकलें लग रही थीं. लेकिन चुनावी नतीजे जब आए तो कांग्रेस और चुनावी सर्वेक्षण करने वालों को जोर का झटका लगा. बीजेपी हरियाणा में इतिहास बनाते हुए पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ गई. बीजेपी 48, कांग्रेस 37, इनेलो 2 और निर्दलीय 3 सीटों पर जीतने में कामयाब हुए. जबकि जेजेपी-एएसपी गठबंधन और आप का खाता भी नहीं खुल पाया.
कांग्रेस नहीं बन पाई हीरो, जेजेपी और आप हुई जीरो: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को दिया. कांग्रेस सत्ता में वापसी की पूरी उम्मीद कर रही थी. कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद थी. लेकिन कांग्रेस 37 सीटों पर रुक गई. वहीं बीजेपी 2014 के आंकड़े 47 को पार करती हुई 48 पर पहुंच गई. इन सबों के बीच सबसे बड़ा झटका जेजेपी और आप को लगा. यह दोनों दल विधानसभा की एक सीट भी नहीं जीत पाए.
नायब सैनी बने दूसरी बार हरियाणा के सीएम: हरियाणा में 2024 के विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के साथ बीजेपी ने तीसरी बार लगातार सरकार बनाई. नायब सैनी ने दूसरी बार 17 अक्टूबर को पंचकूला में सीएम पद की शपथ ली. उनके साथ मंत्रिमंडल के सभी 13 सदस्यों ने शपथ ली. इस मौके को बीजेपी ने ग्रैंड कार्यक्रम बनाया. शपथ ग्रहण समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ कई केंद्रीय मंत्री और बीजेपी और एनडीए शासित राज्यों के सीएम और डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे.