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सिरसा बस डिपो में ड्राइवरों-कंडक्टरों की कमी, यात्रियों को हो रही परेशानी

सिरसा बस डिपो में ड्राइवरों और कंडक्टरों की कमी है. जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

sirsa bus Depot
हरियाणा रोडवेज
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Published : Feb 6, 2020, 8:44 AM IST

सिरसा: ड्राइवरों और कंडक्टरों की कमी के चलते सिरसा में परिवहन सेवा लड़खड़ाती नजर आ रही है. जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है और महकमे को आर्थिक मार भी पड़ रही है.

सिरसा में करीब 15 लोकल रूटों पर चलने वाली बसें चालकों और परिचालकों की कमी के कारण डिपो में ही खड़ी हो गयी हैं. इन बसों के सड़क पर ना उतरने से उस रूट के यात्रियों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और निजी साधनों से यात्रा करना उनकी मजबूरी हो गई है.

सिरसा बस डिपो ड्राइवरों और कंडक्टरों की कमी

स्टाफ की कमी

प्रबंधन ने अपनी इस समस्या से मुख्यालय को अवगत करवाया है. प्रबंधन ने मुख्यालय से जल्द से जल्द स्टाफ की कमी को पूरा करने की मांग की है. ताकि परिवहन सेवा को सुचारू रूप से चलाया जा सके.

ओवरटाइम पॉलिसी बन्द होने से परेशानी

दरअसल सरकार की ओवरटाइम पॉलिसी बन्द होने के बाद रोडवेज को ड्राइवर-कंडक्टर की कमी का सामना करना पड़ा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक इस पॉलिसी से पहले ड्राइवर कंडक्टर रोज ओवर टाइम करते थे लेकिन अब उन्हें रेस्ट दिया जा रहा है. मतलब यदि कोई ड्राइवर कंडक्टर सप्ताह में 4 दिन दिल्ली रूट पर जाता है तो उसे 3 दिन का रेस्ट दिया जाता है.

सिरसा डिपो के पास इस समय 135 बसें हैं. जबकि जिले के सब डिपो डबवाली से 40 बसें संचालित होती हैं. कुल 175 बसों में से करीब 160 बसें रूटों पर रवाना की जा रही हैं. बाकी बची 15 बसों की सर्विस ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के कारण ठप है.

जहां सिरसा डिपो की 135 बसों में से 125 बसें ही रूटों पर रवाना की जा रही हैं तो वहीं सब डिपो डबवाली से 40 में से 35 बसें ही संचालित हो रही हैं. जिसमें लंबे और लोकल दोनों ही रूटों पर सेवाएं बंद हैं. जिसमें दिल्ली रूट की करीब 4 बसों की और पानीपत रूट पर 1 बस की सर्विस बंद है.

बसों के बंद होने का सबसे ज्यादा असर लोकल रूटों पर है. सिरसा डिपो को भी ड्राइवर और कंडक्टर की कमी की वजह से लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है. सिरसा रोडवेज महाप्रबंधक खूबी राम कौशल ने बताया कि ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के चलते लंबे और लोकल रूटों की बसों को बंद किया गया है. बसों के सुचारू संचालन के लिए डिपो को 40 ड्राइवर और 40 कंडक्टर की और दरकार है.

सिरसा डिपो की कमी को प्रबंधन ने मुख्यालय को अवगत करवा दिया है. महाप्रबंधक का मानना है कि इन कर्मियों के आ जाने से डिपो की सभी बसें ऑन रूट हो जाएंगी और परिवहन सेवा फिर से पटरी पर आ जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए हेडक्वार्टर को लेटर लिखकर 80 ड्राइवरों और कंडक्टर की डिमांड की गई है.

सिरसा रोडवेज यूनियन के कर्मचारी चंद्रशेखर ने बताया कि जीएम रोडवेज ने ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के चलते सिरसा में ग्रामीण और लंबे रूटों की बसों को बंद किया है. उन्होंने रोडवेज प्रशासन से जल्द ड्राइवर और कंडक्टर की भर्ती करने की मांग की है. ताकि यात्रियों की परेशानियों को दूर किया जा सके.

समय पर नहीं आती बसें

वहीं बसों के बंद होने के बाद आमजन भी काफी परेशान होते दिखाई दे रहे हैं, जिसमें खासतौर पर ग्रामीण इलाकों से आने वाले स्टूडेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

स्टूडेंट्स का कहना है कि बसें बंद होने से उनको काफी परेशानी हो रही है सही समय पर उन्हें उनकी रूटों की बस नहीं मिल रही है जिस कारण की पढ़ाई बाधित हो रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द ड्राइवर और कंडक्टर की भर्ती कर इन रूटों की बसों को चलाया जाए. जिससे लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े.

ये भी पढ़ें- धर्म भ्रष्ट किए बिना टेस्ट करना चाहते हैं नॉन वेज तो पहुंच जाएं सूरजकुंड मेला!

सिरसा: ड्राइवरों और कंडक्टरों की कमी के चलते सिरसा में परिवहन सेवा लड़खड़ाती नजर आ रही है. जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है और महकमे को आर्थिक मार भी पड़ रही है.

सिरसा में करीब 15 लोकल रूटों पर चलने वाली बसें चालकों और परिचालकों की कमी के कारण डिपो में ही खड़ी हो गयी हैं. इन बसों के सड़क पर ना उतरने से उस रूट के यात्रियों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और निजी साधनों से यात्रा करना उनकी मजबूरी हो गई है.

सिरसा बस डिपो ड्राइवरों और कंडक्टरों की कमी

स्टाफ की कमी

प्रबंधन ने अपनी इस समस्या से मुख्यालय को अवगत करवाया है. प्रबंधन ने मुख्यालय से जल्द से जल्द स्टाफ की कमी को पूरा करने की मांग की है. ताकि परिवहन सेवा को सुचारू रूप से चलाया जा सके.

ओवरटाइम पॉलिसी बन्द होने से परेशानी

दरअसल सरकार की ओवरटाइम पॉलिसी बन्द होने के बाद रोडवेज को ड्राइवर-कंडक्टर की कमी का सामना करना पड़ा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक इस पॉलिसी से पहले ड्राइवर कंडक्टर रोज ओवर टाइम करते थे लेकिन अब उन्हें रेस्ट दिया जा रहा है. मतलब यदि कोई ड्राइवर कंडक्टर सप्ताह में 4 दिन दिल्ली रूट पर जाता है तो उसे 3 दिन का रेस्ट दिया जाता है.

सिरसा डिपो के पास इस समय 135 बसें हैं. जबकि जिले के सब डिपो डबवाली से 40 बसें संचालित होती हैं. कुल 175 बसों में से करीब 160 बसें रूटों पर रवाना की जा रही हैं. बाकी बची 15 बसों की सर्विस ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के कारण ठप है.

जहां सिरसा डिपो की 135 बसों में से 125 बसें ही रूटों पर रवाना की जा रही हैं तो वहीं सब डिपो डबवाली से 40 में से 35 बसें ही संचालित हो रही हैं. जिसमें लंबे और लोकल दोनों ही रूटों पर सेवाएं बंद हैं. जिसमें दिल्ली रूट की करीब 4 बसों की और पानीपत रूट पर 1 बस की सर्विस बंद है.

बसों के बंद होने का सबसे ज्यादा असर लोकल रूटों पर है. सिरसा डिपो को भी ड्राइवर और कंडक्टर की कमी की वजह से लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है. सिरसा रोडवेज महाप्रबंधक खूबी राम कौशल ने बताया कि ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के चलते लंबे और लोकल रूटों की बसों को बंद किया गया है. बसों के सुचारू संचालन के लिए डिपो को 40 ड्राइवर और 40 कंडक्टर की और दरकार है.

सिरसा डिपो की कमी को प्रबंधन ने मुख्यालय को अवगत करवा दिया है. महाप्रबंधक का मानना है कि इन कर्मियों के आ जाने से डिपो की सभी बसें ऑन रूट हो जाएंगी और परिवहन सेवा फिर से पटरी पर आ जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए हेडक्वार्टर को लेटर लिखकर 80 ड्राइवरों और कंडक्टर की डिमांड की गई है.

सिरसा रोडवेज यूनियन के कर्मचारी चंद्रशेखर ने बताया कि जीएम रोडवेज ने ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के चलते सिरसा में ग्रामीण और लंबे रूटों की बसों को बंद किया है. उन्होंने रोडवेज प्रशासन से जल्द ड्राइवर और कंडक्टर की भर्ती करने की मांग की है. ताकि यात्रियों की परेशानियों को दूर किया जा सके.

समय पर नहीं आती बसें

वहीं बसों के बंद होने के बाद आमजन भी काफी परेशान होते दिखाई दे रहे हैं, जिसमें खासतौर पर ग्रामीण इलाकों से आने वाले स्टूडेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

स्टूडेंट्स का कहना है कि बसें बंद होने से उनको काफी परेशानी हो रही है सही समय पर उन्हें उनकी रूटों की बस नहीं मिल रही है जिस कारण की पढ़ाई बाधित हो रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द ड्राइवर और कंडक्टर की भर्ती कर इन रूटों की बसों को चलाया जाए. जिससे लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े.

ये भी पढ़ें- धर्म भ्रष्ट किए बिना टेस्ट करना चाहते हैं नॉन वेज तो पहुंच जाएं सूरजकुंड मेला!

Intro:एंकर - हरियाणा सरकार यात्रियों को बेहतर परिवहन सेवा उपलब्ध करवाने के दावे दम तोड़ती नजर आ रही हैं , ड्राइवरों और कंडक्टरो की कमी के चलते सिरसा में परिवहन सेवा लड़खड़ाती नजर आ रही है। जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है और महकमे को आर्थिक मार भी पड़ रही है सिरसा में करीब 15 लोकल रूटों पर चलने वाली बसे चालकों और परिचालकों की कमी के कारण डिपो में ही खड़ी हो गयी है। इन बसों के सड़क पर ना उतरने से उस रूट के यात्रियों को हर रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है , और निजी साधनों से यात्रा करना उनकी मजबूरी हो गई है । प्रबंधन ने अपनी इस समस्या से मुख्यालय को अवगत करावाया है , प्रबंधन ने मुख्यालय से जल्द से जल्द स्टाफ की कमी को पूरा करने की मांग की है ताकि परिवहन सेवा को सुचारू रूप से चलाया जा सके।


Body: वीओ - दरअसल सरकार की ओवरटाइम पॉलिसी बन्द होने के बाद रोडवेज ड्राइवर कंडक्टर की कमी का सामना करना पड़ा रहा है । अधिकारियों के मुताबिक इस पॉलिसी से पहले ड्राइवर कंडक्टर रोज ओवर टाइम करते थे । लेकिन अब उन्हें रेस्ट दिया जा रहा है। मतलब यदि कोई ड्राइवर कंडक्टर सप्ताह में 4 दिन दिल्ली रूट पर जाता है तो उसे 3 दिन का रेस्ट दिया जाता है। सिरसा डिपो के पास इस समय 135 बसे हैं जबकि जिले के सब डिपो डबवाली से 40 बसें संचालित होती है । कुल 175 वर्षों में से करीब 160 बसें रूटों पर रवाना की जा रही हैं , बाकी बचे 15 बसों की सर्विस ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के कारण ठप है। जहां सिरसा डिपो की 135 बसों में से 125 बसें ही रूटों पर रवाना की जा रही है तो वही सब डिपो डबवाली से 40 में से 35 बसे ही संचालित हो रही हैं । जिसमें लंबे और लोकल दोनो ही रूटों सेवाएं बंद है । जिसमे दिल्ली रूट की करीब 4 बसों की और पानीपत रूट पर 1 बस की सर्विस बंद है । बसों के बंद होने का सबसे ज्यादा असर लोकल रूटों पर है । सिरसा डिपो को भी ड्राइवर और कंडक्टर की कमी की वजह से लाखों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। वीओ- सिरसा रोडवेज महाप्रबंधक खूबी राम कौशल ने बताया कि ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के चलते लंबे और लोकल रूटों की बसों को बंद किया गया है बसों के सुचारू संचालन के लिए डिपो को 40 ड्राइवर और 40 कंडक्टर की और दरकार है सिरसा डिपो की कमी को प्रबंधन ने मुख्यालय को अवगत करवा दिया है। महाप्रबंधक का मानना है कि इन कर्मियों के आ जाने से डिपो की सभी बसें ऑन रूट हो जाएंगी और परिवहन सेवा फिर से पटरी पर आ जाएगी । उन्होंने कहा कि इसके लिए हेडक्वार्टर को लेटर लिखकर 80 ड्राइवरों व कंडक्टर की डिमांड की गई है। बाइट - खूबीराम कौशल , महाप्रबंधक सिरसा डिपो वीओ - सिरसा रोडवेज यूनियन के कर्मचारी चंद्रशेखर ने बताया कि जीएम रोडवेज ने ड्राइवर और कंडक्टर की कमी के चलते सिरसा में ग्रामीण और लंबे रूटों की बसों को बंद किया है उन्होंने रोडवेज प्रशासन से जल्द ड्राइवर और कंडक्टर की भर्ती करने की मांग की है ताकि यात्रियों की परेशानियों को दूर किया जा सके । बाइट - चन्द्र शेखर , रोडवेज कर्मचारी वीओ - वही बसों के बंद होने के बाद आमजन भी काफी परेशान होते दिखाई दे रहे हैं , जिसमें खासतौर पर ग्रामीण इलाकों से आने वाले स्टूडेंट्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । स्टूडेंट्स का कहना है कि बसें बंद होने से उनको काफी परेशानी हो रही है सही समय पर उन्हें उनकी रूटों की बस नहीं मिल रही है जिस कारण की पढ़ाई बाधित हो रही है । उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द ड्राइवर और कंडक्टर की भर्ती कर इन रूटों की बसों को चलाया जाय । जिससे लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। बाइट - स्टूडेंट्स


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