सिरसा: डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सरकार द्वारा फरलो मिल चुकी है. राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है. डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की फरलो को लेकर दिवंगत पत्रकार छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति ने कहा (Anshul Chhatrapati on Ram Rahim Furlough) कि राम रहीम को फरलो देकर सरकार गंदी राजनीति का उदाहरण दे रही है. अंशुल छत्रपित ने कहा कि राम रहीम को ऐसे वक्त फरलो दिया गया है, जब यूपी और पंजाब में चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में सरकार की मंशा साफ जाहिर हो रही है कि राजनीतिक फायदे के लिये अपराधी किस्म के व्यक्ति को बेनिफिट दिया जा रहा है.
अंशुल छत्रपति ने कहा कि सरकार के इस फैसले के विरोध में वे हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे. अंशुल ने कहा कि ये सब हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार की मिलीभगत का नतीजा है. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी जब डेरा प्रमुख ने पेरोल लगाई तो जिला सिरसा प्रशासन ने हर बार सुरक्षा का हवाला दिया और राम रहीम के बाहर आने से लॉ एन्ड ऑर्डर को खतरा बताते हुए दंगे भड़कने की आशंकाएं जताई थी. इसलिए अब ये नया तरीका रच कर उन्हें फरलो दी गई है.
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अंशुल छत्रपति ने कहा कि 2017 में भी जब डेरा प्रमुख को जेल हुई थी. उस समय भी हिंसा का नंगा नाच हुआ था. चूंकि अब चुनाव है इसलिए वोट बैंक के लालच में ये सब खेल खेला जा रहा. उन्होंने कहा कि सियासत का ये खेल बंद होना चाहिए. जिसके लिए अंशुल ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाने को तैयार है. वहीं डेरा प्रमुख राम रहीम के बाहर आने की सूचना मिलते डेरा सच्चा में भक्तों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.
जेल में सजा काट रहा है राम रहीम- डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 25 अगस्त 2017 को रोहतक की सुनारिया जेल में लाया गया था. पंचकूला की सीबीआई कोर्ट में पेशी के दौरान व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी. इसके बाद हेलीकॉप्टर के जरिए उसे सुनारिया जेल लाया गया. 28 अगस्त को जेल परिसर में ही सीबीआई की विशेष कोर्ट लगी. सीबीआई जज जगदीप सिंह ने राम रहीम को दो साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई थी. वहीं साल 2019 के जनवरी महीने में सीबीआई की विशेष अदालत ने पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. अक्टूबर 2021 में डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह हत्याकांड में भी राम रहीम को उम्रकैद की सजा हुई थी.
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