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पर्चे बांटकर RT-PCR टेस्ट से विदेश भेजने में मदद का दावा, स्वास्थ्य विभाग ने की रेड तो हुआ ये खुलासा

सिरसा की एक प्राइवेट लैब में गलत RT-PCR टेस्ट किया जा रहा था. साथ ही टेस्ट के नाम पर भी लोगों से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे थे.

global pathology lab raid sirsa
हरियाणा की प्राइवेट लैब में स्वास्थ्य विभाग की रेड
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Published : Apr 24, 2021, 3:08 PM IST

Updated : Apr 24, 2021, 5:57 PM IST

सिरसा: सांगवान चौक के पास स्थित एक निजी लैब पर कोरोना सैंपल की जांच किए जाने की शिकायत मिलने पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बुद्ध राम की अगुवाई में छापेमारी की. विभाग को शिकायत मिली थी कि लैब संचालक ने शहर में पर्चे बंटवाकर 1150 रुपये में आरटीपीसीआर टेस्ट करने के दावे किए थे. दावे में लिखा था कि सैंपल की रिपोर्ट विदेश जाने में सहायक है.

इसके बाद विभागीय जांच में सामने आया कि कोरोना सैंपल के लिए लैब संचालक ने स्वास्थ्य विभाग से कोई अनुमति नहीं ली थी. इस संबंध में डिप्टी सिविल सर्जन ने लैब संचालक और सहायक के खिलाफ शहर थाना में शिकायत दी है.

हरियाणा की इस प्राइवेट लैब में स्वास्थ्य विभाग की रेड

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बुद्ध राम ने बताया कि एक प्राइवेट लैब की तरफ से शहर में पर्चे बंटवाए गए थे कि लैब में 1150 रुपये में आरटीपीसीआर सैंपल लिए जाते हैं. इस आधार पर उन्होंने विभाग के चालक सुरेंद्र सिंह को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा. सुरेंद्र से लैब संचालक ने 1150 रुपये लिए और उसे 900 रुपये की रसीद दी, साथ ही बाकी के रुपयों को कलेक्शन चार्ज बताया.

डॉ. बुद्ध राम ने बताया कि बिना पीपीई किट पहने सैंपल लिए गए. बाद में टीम ने जब मौके पर पहुंच कर पूछताछ कि तो लैब संचालक ने बताया कि वो डबवाली में कालांवली स्थित लैब से सैंपलों की जांच करवाते हैं.

ये भी पढ़िए: जरुरत से ज्यादा होने के बावजूद हरियाणा में ऑक्सीजन का नया संकट, इस लापरवाही की वजह से नहीं हो पा रही सप्लाई

टीम ने मौके पर पांच कोविड सैंपल बरामद किए. संचालक सैंपलिंग के नाम पर लोगों को ठग रहा था. आरटीपीसीआर सैंपल के निजी लैब पर 499 रुपये सरकारी रेट हैं जबकि लैब संचालक 1150 रुपये ले रहा था और आरटीपीसीआर की जगह ट्रू नॉट जांच कर रहा था.

सिरसा: सांगवान चौक के पास स्थित एक निजी लैब पर कोरोना सैंपल की जांच किए जाने की शिकायत मिलने पर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बुद्ध राम की अगुवाई में छापेमारी की. विभाग को शिकायत मिली थी कि लैब संचालक ने शहर में पर्चे बंटवाकर 1150 रुपये में आरटीपीसीआर टेस्ट करने के दावे किए थे. दावे में लिखा था कि सैंपल की रिपोर्ट विदेश जाने में सहायक है.

इसके बाद विभागीय जांच में सामने आया कि कोरोना सैंपल के लिए लैब संचालक ने स्वास्थ्य विभाग से कोई अनुमति नहीं ली थी. इस संबंध में डिप्टी सिविल सर्जन ने लैब संचालक और सहायक के खिलाफ शहर थाना में शिकायत दी है.

हरियाणा की इस प्राइवेट लैब में स्वास्थ्य विभाग की रेड

डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बुद्ध राम ने बताया कि एक प्राइवेट लैब की तरफ से शहर में पर्चे बंटवाए गए थे कि लैब में 1150 रुपये में आरटीपीसीआर सैंपल लिए जाते हैं. इस आधार पर उन्होंने विभाग के चालक सुरेंद्र सिंह को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा. सुरेंद्र से लैब संचालक ने 1150 रुपये लिए और उसे 900 रुपये की रसीद दी, साथ ही बाकी के रुपयों को कलेक्शन चार्ज बताया.

डॉ. बुद्ध राम ने बताया कि बिना पीपीई किट पहने सैंपल लिए गए. बाद में टीम ने जब मौके पर पहुंच कर पूछताछ कि तो लैब संचालक ने बताया कि वो डबवाली में कालांवली स्थित लैब से सैंपलों की जांच करवाते हैं.

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टीम ने मौके पर पांच कोविड सैंपल बरामद किए. संचालक सैंपलिंग के नाम पर लोगों को ठग रहा था. आरटीपीसीआर सैंपल के निजी लैब पर 499 रुपये सरकारी रेट हैं जबकि लैब संचालक 1150 रुपये ले रहा था और आरटीपीसीआर की जगह ट्रू नॉट जांच कर रहा था.

Last Updated : Apr 24, 2021, 5:57 PM IST
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