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सेना में भर्ती नहीं निकलने पर फूटा युवाओं का गुस्सा, हाथों में तिरंगा लेकर निकाला रोष मार्च

भारतीय सेना में कई साल से भर्ती नहीं होने (recruitment in indian army) को लेकर सिरसा में युवाओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने शहर की बाजारों में रोष मार्च निकाला और मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. युवाओं ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द आर्मी में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाये.

Demonstration in Sirsa for recruitment in army
Demonstration in Sirsa for recruitment in army
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Published : May 13, 2022, 10:03 PM IST

Updated : May 13, 2022, 10:56 PM IST

सिरसा: हरियाणा जवानों का प्रदेश है. देश की सेना में हर दसवां सैनिक हरियाणा का है. हरियाणा के जवानों का पहला सपना होता है सीमा पर अपने वतन की सुरक्षा करना. हरियाणा के कई गांव ऐसे हैं जहां हर परिवार का युवा सेना में है. यही वजह है कि आर्मी में भर्ती होने के लिए यहां के जवान बेताब रहते हैं. लेकिन पिछले कई साल से सेना में भर्ती नहीं होने से देश सेवा के लिए आतुर यही जवान निराश और नाराज हैं. इसी नाराजगी को जाहिर करते हुए शुक्रवार को युवाओं ने सिरसा में सेना में भर्ती शुरु करने को लेकर जुलूस निकाला और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

2 साल से ज्यादा समय से सेना में भर्ती (recruitment in indian army) नहीं हो रही है. जिसको लेकर युवाओं में रोष है. इसी कड़ी में सिरसा में बेरोजगार युवा बेगू रोड गोल डिग्गी के पास इक्कट्ठा हुए और शहर भर के बाजारों में रोष मार्च निकाला. युवाओं ने सरकार से मांग की कि सेना में युवाओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाये ताकि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिले और वो सेना में भर्ती हो कर देश की सेवा भी कर सकें. यदि ऐसा नही होता है तो देश का युवा बेरोजगार होकर यूं ही सड़कों पर धरने प्रदर्शन करने के लिये मजबूर होगा.

सेना में भर्ती नहीं निकलने पर फूटा युवाओं का गुस्सा, हाथों में तिरंगा लेकर निकाला रोष मार्च

प्रदर्शनकारी युवा प्रमोद राव ने कहा कि युवाओं का एक सपना होता है कि सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करें लेकिन पिछले तकरीबन ढाई साल से सेना में कोई भर्ती नहीं आई इसलिये युवा बेरोजगार सड़कों पे घूम रहा है. डेढ़ साल पहले भी जो भर्ती आई थी उसकी परीक्षा अभी तक नहीं हुई. और आने वाली भर्ती का कुछ पता नही है. उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से उनकी तीन मांगें हैं. पहली- ये कि जो भर्ती आई थी उसका पेपर हो, दूसरा- आगे की भर्ती को सुचारू रूप से शुरू किया जाये. तीसरी- भर्ती प्रक्रिया में उम्र में 2 साल की छूट मिले क्योंकि पिछले कई सालों से सेना में जाने के लिये बहुत से युवा तैयारी कर रहे थे लेकिन भर्ती न होने की वजह से वो ओवर ऐज हो चुके हैं.

Demonstration in Sirsa for recruitment in army
युवाओं ने हाथों तख्ती लेकर प्रदर्शन किया.

सेना में भर्ती कब से नहीं हुई- इससे पहले सेना में खाली पदों के मुद्दे पर राजनीतिक दल भी केंद्र सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (deepender hooda) ने पिछले 3 साल से सेना भर्ती नहीं होने की जवह से केंद्र सरकार से जवाब मांगा. जिस पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने माना है कि सेना में गैर अधिकारी वर्ग के 8 हजार 139 पद और जेसीओ, ओआर के एक लाख 8 हजार 685 पद खाली हैं. नौ सेना में अधिकारी वर्ग के एक हजार 557 और नौसैनिक के 11 हजार 709 पद खाली हैं.

सेना में कितने पद खाली हैं- वायु सेना में अधिकारी वर्ग के 571 और वायु सैनिकों के 4 हजार 970 पद खाली पड़े हैं. कुल मिलाकर तीनों भारतीय सेनाओं (थल सेना, जल सेना, वायु सेना) में 1 लाख 35 हजार 631 पद खाली हैं. इस पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब तीनों सेनाओं में पद ही खाली पड़े हैं, तो देश की सुरक्षा मजबूत कैसे होगी. सेना में भर्ती (recruitment in indian army) खुलने से ना केवल बेरोजगारी दूर होगी, बल्कि इससे राष्ट्र की सुरक्षा भी मजबूत होगी.

Demonstration in Sirsa for recruitment in army
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से भर्ती शुरू करने की मांग की.

29 अप्रैल को सेना में भर्ती नहीं निकलने से निराश भिवानी के एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी. गांव तालु का रहने वाला 23 वर्षीय मृतक पवन कुमार करीब 9 साल से भारतीय सेना में भर्ती के लिए तैयारी कर रहा था. लेकिन सेना में भर्ती न हो पाने और उम्र निकल जाने से निराश पवन कुमार ने आखिरकार जान दे दी. जिस मैदान पर वो दौड़ता था उसी जमीन पर उसने सुसाइड नोट लिखा था. इस सुसाइड नोट में उसने अपने पिता से कहा था कि इस बार सेना में भर्ती नहीं हुआ, लेकिन पिताजी अगले जन्म में वो फौजी जरूर बनेगा.

ये भी पढ़ें-सेना में भर्ती ना हो पाने पर युवक ने लगाई फांसी- खेल के मैदान पर लिखा- पिता जी अगले जनम में फौजी जरूर बनूंगा

सिरसा: हरियाणा जवानों का प्रदेश है. देश की सेना में हर दसवां सैनिक हरियाणा का है. हरियाणा के जवानों का पहला सपना होता है सीमा पर अपने वतन की सुरक्षा करना. हरियाणा के कई गांव ऐसे हैं जहां हर परिवार का युवा सेना में है. यही वजह है कि आर्मी में भर्ती होने के लिए यहां के जवान बेताब रहते हैं. लेकिन पिछले कई साल से सेना में भर्ती नहीं होने से देश सेवा के लिए आतुर यही जवान निराश और नाराज हैं. इसी नाराजगी को जाहिर करते हुए शुक्रवार को युवाओं ने सिरसा में सेना में भर्ती शुरु करने को लेकर जुलूस निकाला और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

2 साल से ज्यादा समय से सेना में भर्ती (recruitment in indian army) नहीं हो रही है. जिसको लेकर युवाओं में रोष है. इसी कड़ी में सिरसा में बेरोजगार युवा बेगू रोड गोल डिग्गी के पास इक्कट्ठा हुए और शहर भर के बाजारों में रोष मार्च निकाला. युवाओं ने सरकार से मांग की कि सेना में युवाओं की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाये ताकि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिले और वो सेना में भर्ती हो कर देश की सेवा भी कर सकें. यदि ऐसा नही होता है तो देश का युवा बेरोजगार होकर यूं ही सड़कों पर धरने प्रदर्शन करने के लिये मजबूर होगा.

सेना में भर्ती नहीं निकलने पर फूटा युवाओं का गुस्सा, हाथों में तिरंगा लेकर निकाला रोष मार्च

प्रदर्शनकारी युवा प्रमोद राव ने कहा कि युवाओं का एक सपना होता है कि सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करें लेकिन पिछले तकरीबन ढाई साल से सेना में कोई भर्ती नहीं आई इसलिये युवा बेरोजगार सड़कों पे घूम रहा है. डेढ़ साल पहले भी जो भर्ती आई थी उसकी परीक्षा अभी तक नहीं हुई. और आने वाली भर्ती का कुछ पता नही है. उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से उनकी तीन मांगें हैं. पहली- ये कि जो भर्ती आई थी उसका पेपर हो, दूसरा- आगे की भर्ती को सुचारू रूप से शुरू किया जाये. तीसरी- भर्ती प्रक्रिया में उम्र में 2 साल की छूट मिले क्योंकि पिछले कई सालों से सेना में जाने के लिये बहुत से युवा तैयारी कर रहे थे लेकिन भर्ती न होने की वजह से वो ओवर ऐज हो चुके हैं.

Demonstration in Sirsa for recruitment in army
युवाओं ने हाथों तख्ती लेकर प्रदर्शन किया.

सेना में भर्ती कब से नहीं हुई- इससे पहले सेना में खाली पदों के मुद्दे पर राजनीतिक दल भी केंद्र सरकार पर सवाल उठा चुके हैं. कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा (deepender hooda) ने पिछले 3 साल से सेना भर्ती नहीं होने की जवह से केंद्र सरकार से जवाब मांगा. जिस पर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने माना है कि सेना में गैर अधिकारी वर्ग के 8 हजार 139 पद और जेसीओ, ओआर के एक लाख 8 हजार 685 पद खाली हैं. नौ सेना में अधिकारी वर्ग के एक हजार 557 और नौसैनिक के 11 हजार 709 पद खाली हैं.

सेना में कितने पद खाली हैं- वायु सेना में अधिकारी वर्ग के 571 और वायु सैनिकों के 4 हजार 970 पद खाली पड़े हैं. कुल मिलाकर तीनों भारतीय सेनाओं (थल सेना, जल सेना, वायु सेना) में 1 लाख 35 हजार 631 पद खाली हैं. इस पर सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि जब तीनों सेनाओं में पद ही खाली पड़े हैं, तो देश की सुरक्षा मजबूत कैसे होगी. सेना में भर्ती (recruitment in indian army) खुलने से ना केवल बेरोजगारी दूर होगी, बल्कि इससे राष्ट्र की सुरक्षा भी मजबूत होगी.

Demonstration in Sirsa for recruitment in army
प्रदर्शनकारियों ने सरकार से भर्ती शुरू करने की मांग की.

29 अप्रैल को सेना में भर्ती नहीं निकलने से निराश भिवानी के एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी. गांव तालु का रहने वाला 23 वर्षीय मृतक पवन कुमार करीब 9 साल से भारतीय सेना में भर्ती के लिए तैयारी कर रहा था. लेकिन सेना में भर्ती न हो पाने और उम्र निकल जाने से निराश पवन कुमार ने आखिरकार जान दे दी. जिस मैदान पर वो दौड़ता था उसी जमीन पर उसने सुसाइड नोट लिखा था. इस सुसाइड नोट में उसने अपने पिता से कहा था कि इस बार सेना में भर्ती नहीं हुआ, लेकिन पिताजी अगले जन्म में वो फौजी जरूर बनेगा.

ये भी पढ़ें-सेना में भर्ती ना हो पाने पर युवक ने लगाई फांसी- खेल के मैदान पर लिखा- पिता जी अगले जनम में फौजी जरूर बनूंगा

Last Updated : May 13, 2022, 10:56 PM IST
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