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सिरसा में बढ़ रहा बाढ़ का खतरा, ओटू हेड पर पहुंचा 19 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी, तटबंधों को मजबूत करने में जुटे ग्रामीण - हरियाणा में बाढ़

हरियाणा में घग्गर और यमुना नदी के साथ लगते जिलों में अभी भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है. सिरसा की ओटू हेड में 19 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी पहुंच चुका है. जिसके चलते 50 एकड़ फसल जलमग्न हो गई है.

flood in sirsa
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Published : Jul 14, 2023, 7:16 AM IST

सिरसा: यमुना नदी के रौद्र रूप के बाद घग्गर नदी भी उफान पर चल रही है. जिसकी वजह से नदी के साथ लगते इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. वीरवार को सिरसा की ओटू हेड पर 19 हजार क्यूसिक से ज्यादा पानी तक पहुंच चुका है. मल्लेवाला, बुढ़ाभाणा और किराड़कोट समेत अन्य गांवों में पंचायती तटबंधों को घग्गर का पानी छू चुका है. बढ़ते जलस्तर के चलते ग्रामीण चिंतित दिखाई दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें- सोनीपत में यमुना ने मचाई तबाही! दिल्ली में हरियाणा रोडवेज की आवाजाही बंद, NH-44 पर लगा लंबा जाम

50 एकड़ फसल पानी से बर्बाद: ग्रामीण दिन-रात तटबंधों पर मिट्टी डालकर रिहायशी इलाकों को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं. प्रशासन ने भी सरकारी बांधों के साथ पंचायती बांधों को मजबूत करने के काम शुरू कर दिया है. इन सबके बावजूद भी घग्गर नदी के पानी से मल्लेवाला गांव की 50 एकड़ फसल जलमग्न हो गई. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. अगले 72 घंटों तक जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी की आशंका है.

  • आज सिरसा जिले के रानियां क्षेत्र में बाढ़की आसन्न समस्या केबीच तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ घग्घर नदी के बांध का निरीक्षण करके बचाव व राहत कार्यों की तैयारी का जायजा लिया क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर उच्चाधिकारियों के साथ बचाव व राहत संबंधी कार्यों के लिए ये दौरे जारी रहेंगे pic.twitter.com/WFBHwX2qHL

    — Ch Ranjeet Singh (@Ch_RanjitSingh) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तटबंधों को किया जा रहा मजबूत: इसी को देखते हुए प्रशासन ने पंचायती और सरकारी बांधों पर काम जारी रखने के लिए मनरेगा मजदूरों को निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन और ग्राम पंचायतों की ओर से मिट्टी की ट्रॉलियां और जेसीबी मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं. सिरसा जिला में घग्गर नदी करीब 80 किलोमीटर के एरिया में बहती है. पूरे एरिया में तटबंधों को मजबूती दी जा रही है. रात के समय तटबंधों पर लाइट की व्यवस्था भी कर दी गई है.

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तटबंध को मजबूत करने में जुटे ग्रामीण

कैबिनेट मंत्री ने लिया जायजा: पंजाब के चांदपुर और गुहला चीका हेड से छोड़े जा रहे पानी की रिपोर्ट ली जा रही है. उसी आधार पर तैयारियां की जा रही हैं. वीरवार को कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मल्लेवाला, बुढ़ाभाणा और किराड़कोट में तटबंधों का निरीक्षण किया. कैबिनेट मंत्री ने तटबंधों को मजबूत करने के लिए 10 लाख रुपये की राशि भी दी. साथ ही ग्रामीणों को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के लिए डीजल उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया.

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कट्टों में मिट्टी डालकर तटबंधों को किया जा रहा मजबूत

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि विद्युत विभाग को भी रात के समय घग्घर के तटवर्ती इलाकों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. रणजीत सिंह ने कहा कि संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए सभी व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं. घग्गर नदी के जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है. समय-समय पर मुख्यमंत्री को भी अवगत करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और पूरे सिरसा जिले में घग्गर नदी पर बचाव के पूरे प्रबंध कर लिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- भूख और प्यास से तड़पते लोगों ने किया पलायन, गांव में न बिजली न पानी न राशन, प्रशासन ने भी नहीं की मदद

वहीं सिरसा के डीसी पार्थ गुप्ता ने कहा कि अगले 72 घंटे संवेदनशील हैं. पहाड़ी इलाकों में हो रही बरसात के कारण जलस्तर में वृद्धि हो रही है. पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में तटबंध टूटने के कारण अब तक सिरसा में स्थिति कंट्रोल में है. ओटू हेड पर 19 हजार क्यूसेक पानी था. जिसमें लगातार वृद्धि हो रही है. गुहला चीका हेड से पिछले सालों के मुकाबले रिकॉर्ड पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे सिरसा में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है.

सिरसा: यमुना नदी के रौद्र रूप के बाद घग्गर नदी भी उफान पर चल रही है. जिसकी वजह से नदी के साथ लगते इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. वीरवार को सिरसा की ओटू हेड पर 19 हजार क्यूसिक से ज्यादा पानी तक पहुंच चुका है. मल्लेवाला, बुढ़ाभाणा और किराड़कोट समेत अन्य गांवों में पंचायती तटबंधों को घग्गर का पानी छू चुका है. बढ़ते जलस्तर के चलते ग्रामीण चिंतित दिखाई दे रहे हैं.

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50 एकड़ फसल पानी से बर्बाद: ग्रामीण दिन-रात तटबंधों पर मिट्टी डालकर रिहायशी इलाकों को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं. प्रशासन ने भी सरकारी बांधों के साथ पंचायती बांधों को मजबूत करने के काम शुरू कर दिया है. इन सबके बावजूद भी घग्गर नदी के पानी से मल्लेवाला गांव की 50 एकड़ फसल जलमग्न हो गई. नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. अगले 72 घंटों तक जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी की आशंका है.

  • आज सिरसा जिले के रानियां क्षेत्र में बाढ़की आसन्न समस्या केबीच तमाम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ घग्घर नदी के बांध का निरीक्षण करके बचाव व राहत कार्यों की तैयारी का जायजा लिया क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर उच्चाधिकारियों के साथ बचाव व राहत संबंधी कार्यों के लिए ये दौरे जारी रहेंगे pic.twitter.com/WFBHwX2qHL

    — Ch Ranjeet Singh (@Ch_RanjitSingh) July 13, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तटबंधों को किया जा रहा मजबूत: इसी को देखते हुए प्रशासन ने पंचायती और सरकारी बांधों पर काम जारी रखने के लिए मनरेगा मजदूरों को निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन और ग्राम पंचायतों की ओर से मिट्टी की ट्रॉलियां और जेसीबी मशीनें उपलब्ध करवाई जा रही हैं. सिरसा जिला में घग्गर नदी करीब 80 किलोमीटर के एरिया में बहती है. पूरे एरिया में तटबंधों को मजबूती दी जा रही है. रात के समय तटबंधों पर लाइट की व्यवस्था भी कर दी गई है.

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तटबंध को मजबूत करने में जुटे ग्रामीण

कैबिनेट मंत्री ने लिया जायजा: पंजाब के चांदपुर और गुहला चीका हेड से छोड़े जा रहे पानी की रिपोर्ट ली जा रही है. उसी आधार पर तैयारियां की जा रही हैं. वीरवार को कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मल्लेवाला, बुढ़ाभाणा और किराड़कोट में तटबंधों का निरीक्षण किया. कैबिनेट मंत्री ने तटबंधों को मजबूत करने के लिए 10 लाख रुपये की राशि भी दी. साथ ही ग्रामीणों को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के लिए डीजल उपलब्ध करवाने का आश्वासन भी दिया.

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कट्टों में मिट्टी डालकर तटबंधों को किया जा रहा मजबूत

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि विद्युत विभाग को भी रात के समय घग्घर के तटवर्ती इलाकों में विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. रणजीत सिंह ने कहा कि संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए सभी व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं. घग्गर नदी के जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है. समय-समय पर मुख्यमंत्री को भी अवगत करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और पूरे सिरसा जिले में घग्गर नदी पर बचाव के पूरे प्रबंध कर लिए गए हैं.

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वहीं सिरसा के डीसी पार्थ गुप्ता ने कहा कि अगले 72 घंटे संवेदनशील हैं. पहाड़ी इलाकों में हो रही बरसात के कारण जलस्तर में वृद्धि हो रही है. पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में तटबंध टूटने के कारण अब तक सिरसा में स्थिति कंट्रोल में है. ओटू हेड पर 19 हजार क्यूसेक पानी था. जिसमें लगातार वृद्धि हो रही है. गुहला चीका हेड से पिछले सालों के मुकाबले रिकॉर्ड पानी छोड़ा जा रहा है. जिससे सिरसा में भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है.

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