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किसानों के अरमानों पर बरसात ने फेरा पानी, खुले में रखी फसल भीगी

सिरसा में रविवार को भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई. इस बारिश से जहां शहर में प्रदूषण कम हुआ है वहीं फसलों को नुकसान होने से किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं.

crop soaked in water after raining in sirsa
किसानों के अरमानों पर बरसात ने फेरा पानी, खुले में रखी फसल भीगी
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Published : Nov 16, 2020, 11:50 AM IST

Updated : Nov 16, 2020, 11:59 AM IST

सिरसा: एक ओर जहां सिरसा जिले में हुई बरसात ने लोगों को प्रदूषण से राहत दी है तो वहीं इस बरसात से जिले के किसानों के अरमानों पर पानी भी फेर दिया है. जिले भर में अलग-अलग जगह पर हुई तेज बरसात के कारण किसानों की खुले में पड़ी धान की फसल भीग गई, जिससे किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं.

सिरसा के किसान विनोद कुमार ने कहा कि सही मूल्य नहीं मिलने के कारण वो अपनी फसल को बेच नहीं पा रहे हैं और उन्हें फसल मजबूरन खेतों में या घरों में खुले में रखनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि जब मंडी में अपनी फसल लेकर जाते हैं तो मूल्य कम मिलता है और अधिकारी खरीद में आनाकानी करते हैं. जिसके बाद मजबूरी में उन्हें अपनी वापस लानी पड़ती है और ये फसल नष्ट होने के कगार पर है. इसके जिम्मेदार सिर्फ सरकार और प्रशासन है.

किसानों के अरमानों पर बरसात ने फेरा पानी, खुले में रखी फसल भीगी

ये भी पढ़िए: हिसार में भारी बारिश और ओलावृष्टि से फसल बर्बाद, किसान मायूस

वहीं दूसरे किसानों ने कहा कि उन्होंने अपनी फसल खेत में रखी थी, जो बारिस होने की वजह से भीग गई. उन्होंने कहा कि फसल भीगने से उन्हें काफी नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए.

बता दें कि, इन दिनों सिरसा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा हुआ है. इस बारिश और आंधी के बाद हिसार में प्रदूषण कम हो जाएगा. इससे लोगों को प्रदूषण से काफी राहत मिलने की उम्मीद है. वहीं इस बारिश से आने वाले दिनों में सिरसा में सर्दी बढ़ जाएगी.

सिरसा: एक ओर जहां सिरसा जिले में हुई बरसात ने लोगों को प्रदूषण से राहत दी है तो वहीं इस बरसात से जिले के किसानों के अरमानों पर पानी भी फेर दिया है. जिले भर में अलग-अलग जगह पर हुई तेज बरसात के कारण किसानों की खुले में पड़ी धान की फसल भीग गई, जिससे किसान काफी मायूस नजर आ रहे हैं.

सिरसा के किसान विनोद कुमार ने कहा कि सही मूल्य नहीं मिलने के कारण वो अपनी फसल को बेच नहीं पा रहे हैं और उन्हें फसल मजबूरन खेतों में या घरों में खुले में रखनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि जब मंडी में अपनी फसल लेकर जाते हैं तो मूल्य कम मिलता है और अधिकारी खरीद में आनाकानी करते हैं. जिसके बाद मजबूरी में उन्हें अपनी वापस लानी पड़ती है और ये फसल नष्ट होने के कगार पर है. इसके जिम्मेदार सिर्फ सरकार और प्रशासन है.

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वहीं दूसरे किसानों ने कहा कि उन्होंने अपनी फसल खेत में रखी थी, जो बारिस होने की वजह से भीग गई. उन्होंने कहा कि फसल भीगने से उन्हें काफी नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए.

बता दें कि, इन दिनों सिरसा में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा हुआ है. इस बारिश और आंधी के बाद हिसार में प्रदूषण कम हो जाएगा. इससे लोगों को प्रदूषण से काफी राहत मिलने की उम्मीद है. वहीं इस बारिश से आने वाले दिनों में सिरसा में सर्दी बढ़ जाएगी.

Last Updated : Nov 16, 2020, 11:59 AM IST
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