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सिरसा: गर्ग मैटरनिटी सेंटर के अधिकारियों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

गर्ग मैटरनिटी सेंटर और कल्याणी नर्सिंग होम में रेड के बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ दस्तावेज जुटाए गए थे. लेकिन दस्तावेजों के आधार पर पुलिस कार्रवाई करने की बजाए आरोपियों को बचाने में जुटी हुई है. डॉ. गगनदीप ने मीडिया से बात करते हुए सिरसा पुलिस पर आरोप लगाए है.

सिरसा
डॉ. गगनदीप
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Published : Jan 12, 2020, 11:25 AM IST

सिरसा: रतिया और टोहाना के तत्कालीन एसएमओ ने वर्ष 2016 में गर्ग मैटरनिटी सेंटर और कल्याणी नर्सिंग होम में रेड की गई थी. रेड के बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ दस्तावेज जुटाए गए थे.

लेकिन दस्तावेजों के आधार पर पुलिस कार्रवाई करने की बजाए आरोपियों को बचाने में जुटी हुई है. साथ ही मामले में ढिलाई बरती जा रही है. 67 वर्षीया कांता गर्ग के पुत्र डॉ. गगनदीप ने ये आरोप लगाए है कि सिरसा पुलिस पोलिग्राफी टेस्ट का तर्क देकर आरोपियों को बचाने में जुटी है.

डॉ. गगनदीप ले लगाए सिरसा पुलिस पर आरोप, देखें वीडियो

डॉ. गगनदीप ने मीडिया से बात करते हुए कहा उनके टोहाना में स्थित गर्ग मैटरनिटी सेंटर और कल्याणी नर्सिंग होम में रेड कर ओपीडी का रजिस्टर जब्त कर लिया था. इस रजिस्टर को न तो पुलिस प्रशासन को दिया गया और न ही स्वास्थ्य विभाग को दिया गया.

'आरोपियों को बचाने में जुटी है पुलिस'

डॉ. गगनदीप का आरोप है कि मामले की टीम ने उनसे 15 लाख रुपये की मांग की और ये रकम न देने की एवज में फर्जी मामला दर्ज करने का भी दबाव बनाया. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार टोहाना सिटी पुलिस में मामला दर्ज तो हुआ लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

तत्कालीन आईजी को मामले से अवगत करवाने के बाद उन्होंने मामले में एसआईटी का गठन किया और डीएसपी आर्यन चौधरी को मामले की जांच सौंपी है. डॉ. गगनदीप ने ये भी कहा कि डीएसपी आर्यन चौधरी को उन्होंने सभी तथ्य दे दिए है,लेकिन वे पोलिग्राफी पर अड़े है. जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपियों को बचाने में जुटी है.

ये भी पढ़े-कुरुक्षेत्र: डंपिंग ग्राउंड की जगह बनेगा स्वीमिंग पूल और पार्क, 3 करोड़ रुपये का टेंडर पास

मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी- डीएसपी

इस मामले में डीएसपी आर्यन चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता डॉ. गगनदीप के आरोप बिलकुल गलत है. पोलियोग्राफी टेस्ट की मांग पहले शिकायतकर्ता ने की थी. अगर हमें लगेगा तो हम करवाएंगे अन्यथा नहीं. साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है.

सिरसा: रतिया और टोहाना के तत्कालीन एसएमओ ने वर्ष 2016 में गर्ग मैटरनिटी सेंटर और कल्याणी नर्सिंग होम में रेड की गई थी. रेड के बाद दोनों अधिकारियों के खिलाफ दस्तावेज जुटाए गए थे.

लेकिन दस्तावेजों के आधार पर पुलिस कार्रवाई करने की बजाए आरोपियों को बचाने में जुटी हुई है. साथ ही मामले में ढिलाई बरती जा रही है. 67 वर्षीया कांता गर्ग के पुत्र डॉ. गगनदीप ने ये आरोप लगाए है कि सिरसा पुलिस पोलिग्राफी टेस्ट का तर्क देकर आरोपियों को बचाने में जुटी है.

डॉ. गगनदीप ले लगाए सिरसा पुलिस पर आरोप, देखें वीडियो

डॉ. गगनदीप ने मीडिया से बात करते हुए कहा उनके टोहाना में स्थित गर्ग मैटरनिटी सेंटर और कल्याणी नर्सिंग होम में रेड कर ओपीडी का रजिस्टर जब्त कर लिया था. इस रजिस्टर को न तो पुलिस प्रशासन को दिया गया और न ही स्वास्थ्य विभाग को दिया गया.

'आरोपियों को बचाने में जुटी है पुलिस'

डॉ. गगनदीप का आरोप है कि मामले की टीम ने उनसे 15 लाख रुपये की मांग की और ये रकम न देने की एवज में फर्जी मामला दर्ज करने का भी दबाव बनाया. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार टोहाना सिटी पुलिस में मामला दर्ज तो हुआ लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

तत्कालीन आईजी को मामले से अवगत करवाने के बाद उन्होंने मामले में एसआईटी का गठन किया और डीएसपी आर्यन चौधरी को मामले की जांच सौंपी है. डॉ. गगनदीप ने ये भी कहा कि डीएसपी आर्यन चौधरी को उन्होंने सभी तथ्य दे दिए है,लेकिन वे पोलिग्राफी पर अड़े है. जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपियों को बचाने में जुटी है.

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मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी- डीएसपी

इस मामले में डीएसपी आर्यन चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता डॉ. गगनदीप के आरोप बिलकुल गलत है. पोलियोग्राफी टेस्ट की मांग पहले शिकायतकर्ता ने की थी. अगर हमें लगेगा तो हम करवाएंगे अन्यथा नहीं. साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है.

Intro:एंकर - रतिया व टोहाना के तत्कालीन एसएमओ द्वारा की वर्ष 2016 में की गई रेड के बाद दोनो अधिकारियों के खिलाफ जुटाए गए दस्तावेजों के आधार पर पुलिस कार्रवाई करने की बजाए आरोपियों को बचाने में जुटी है और मामले में ढिलाई बरती जा रही है। सिरसा पुलिस पोलिग्राफी टेस्ट का तर्क देकर आरोपियों को बचाने में जुटी है। यह आरोप शिकायतकर्ता 67 वर्षीया कांता गर्ग के पुत्र डॉ. गगनदीप ने लगाए लगाए हैं।
Body:वीओ 1 डॉ. गगनदीप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रतिया के तत्कालीन एसएमओ डॉ. वीके जैन और टोहाना के तत्कालीन एसएमओ ने वर्ष 2016 में उनके टोहाना में स्थित गर्ग मैटरनिटी सैंटर व कल्याणी नर्सिंग होम मेंं रेड कर ओपीडी का रजिस्टर जब्त कर लिया। इस रजिस्टर को न तो पुलिस प्रशासन को दिया गया और न ही स्वास्थ्य विभाग को दिया गया। डॉ. गगनदीप का आरोप है कि मामले की टीम ने उनसे 15 लाख रुपये की मांग की और यह रकम न देने की ऐवज में फर्जी मामला दर्ज करने का भी दवाब बनाया। लंबी लड़ाई लडऩे के बाद आखिरकार टोहाना सिटी पुलिस में मामला दर्ज तो हुआ लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तत्कालीन आईजी को मामले से अवगत करवाने के बाद उन्होंने मामले में एसआईटी का गठन किया और डीएसपी आर्यन चौधरी को मामले की जांच सौंपी। डॉक्टर गगनदीप ने यह भी कहा कि डीएसपी आर्यन चौधरी को उन्होंंने सभी तथ्य दे दिए है,लेकिन वे पोलिग्राफी पर अड़े है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस आरोपियों को बचाने में जुटी है। इसी के साथ फतेहाबाद के सिविल सर्जन की मामले में भूमिका की जांच नहीं की जा रही। मामले के आरोपी स्वतंत्र घूम रहे है और जांच प्रभावित कर रहे है। इसलिए उन्होंने मामले को कष्ट निवारण समिति की बैठक में दर्ज करवाया है और बैठक में वे गृह मंत्री अनिल विज के समक्ष तथ्यों के साथ अपनी बात रखेंगे।

बाइट-1- डॉ. गगनदीप , पीड़ित

वीओ 2 वहीं इस मामले में डीएसपी आर्यन चौधरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता डॉ. गगनदीप के आरोप बिलकुल गलत है। पोलियोग्राफी टेस्ट की मांग पहले शिकायतकर्ता ने ही थी। अगर हमें लगेगा तो हम करवाएंगे अन्यथा नहीं। मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।

बाइट आर्यन चौधरी , डीएसपी।
Conclusion:
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