सिरसा: सही पोषण देश रोशन के माध्यम से सिरसा जिले में पोषण यात्रा चलाई गई. इस यात्रा के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को उनकी सेहत के बारे में जागरुक किया गया.
संतुलित आहार के बारे में बताया
जिले में महिला पोषण दिवस के मौके पर महिलाओं को संतुलित आहार के बारे में ट्रेनिंग दी जा रही है. इसमें कुपोषण, डाइरिया और एनीमिया आदि गंभीर विषय पर ध्यान दिया गया. किस तरीके से इन बीमारियों को खत्म किया जा सकता है या इनकी रोकथाम की जा सकती है, इस पर चर्चा हुई.
जिलें में 52 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित
आपको बता दें कि सिरसा में 52 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी (एनिमिया) और 38 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. जिला उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने पोषण अभियान के तहत स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व हेल्पर को संबोधित किया और कहा कि इस अभियान को विभागों को सामाजिक संस्थाओं,पंचायतों आदि के साथ बेहतर तालमेल के साथ धरातल स्तर पर काम करना होगा, तभी हम पोषण अभियान को सफल बना सकते हैं.
उठाया सहरानीय कदम
उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने खान-पान के प्रति ध्यान देना होगा और जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना होगा. इस अभियान की सबसे खास बात यह रही कि इसमें परिवार नियोजन को लेकर भी लोगों को जागरुक किया गया है. जो कि एक सराहनीय कदम है.
इस कारण होता है एनीमिया
आम तौर पर खून की कमी को एनीमिया के रूप में देखा जाता है. शरीर में आयरन की कमी होना भी इसका एक प्रमुख कारण है. शरीर में खून की कमी होने की वजह से हाथ-पैर सुन्न हो सकते हैं.
एनीमिया से बचने के लिए आहार
एनीमिया से बचने के लिए ताजी हरी सब्जियों के साथ मक्का और अलग-अलग तरह की दालों को अपने भोजन में शामिल करें. इससे शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी. इसके अलावा सोयाबीन, मटर, सूखे मेवे और अंडे शरीर के लिए बेहतर विकल्प हैं.