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सिरसा: 52 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार, जागरुकता के लिए चलाई पोषण यात्रा

सिरसा जिले में 52 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया और 38 प्रतिशत बच्चे कुपोषण की बीमारी से जूझ रहे हैं.

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Published : Sep 11, 2019, 10:41 AM IST

पोषण यात्रा

सिरसा: सही पोषण देश रोशन के माध्यम से सिरसा जिले में पोषण यात्रा चलाई गई. इस यात्रा के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को उनकी सेहत के बारे में जागरुक किया गया.

संतुलित आहार के बारे में बताया

जिले में महिला पोषण दिवस के मौके पर महिलाओं को संतुलित आहार के बारे में ट्रेनिंग दी जा रही है. इसमें कुपोषण, डाइरिया और एनीमिया आदि गंभीर विषय पर ध्यान दिया गया. किस तरीके से इन बीमारियों को खत्म किया जा सकता है या इनकी रोकथाम की जा सकती है, इस पर चर्चा हुई.

महिलाओं को जागरुक करने के लिए चलाई गई पोषण यात्रा, क्लिक कर देखें वीडियो

जिलें में 52 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित

आपको बता दें कि सिरसा में 52 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी (एनिमिया) और 38 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. जिला उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने पोषण अभियान के तहत स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व हेल्पर को संबोधित किया और कहा कि इस अभियान को विभागों को सामाजिक संस्थाओं,पंचायतों आदि के साथ बेहतर तालमेल के साथ धरातल स्तर पर काम करना होगा, तभी हम पोषण अभियान को सफल बना सकते हैं.

उठाया सहरानीय कदम

उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने खान-पान के प्रति ध्यान देना होगा और जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना होगा. इस अभियान की सबसे खास बात यह रही कि इसमें परिवार नियोजन को लेकर भी लोगों को जागरुक किया गया है. जो कि एक सराहनीय कदम है.

इस कारण होता है एनीमिया

आम तौर पर खून की कमी को एनीमिया के रूप में देखा जाता है. शरीर में आयरन की कमी होना भी इसका एक प्रमुख कारण है. शरीर में खून की कमी होने की वजह से हाथ-पैर सुन्‍न हो सकते हैं.

एनीमिया से बचने के लिए आहार

एनीमिया से बचने के लिए ताजी हरी सब्ज‍ियों के साथ मक्का और अलग-अलग तरह की दालों को अपने भोजन में शामिल करें. इससे शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी. इसके अलावा सोयाबीन, मटर, सूखे मेवे और अंडे शरीर के लिए बेहतर विकल्प हैं.

सिरसा: सही पोषण देश रोशन के माध्यम से सिरसा जिले में पोषण यात्रा चलाई गई. इस यात्रा के माध्यम से महिलाओं और बच्चों को उनकी सेहत के बारे में जागरुक किया गया.

संतुलित आहार के बारे में बताया

जिले में महिला पोषण दिवस के मौके पर महिलाओं को संतुलित आहार के बारे में ट्रेनिंग दी जा रही है. इसमें कुपोषण, डाइरिया और एनीमिया आदि गंभीर विषय पर ध्यान दिया गया. किस तरीके से इन बीमारियों को खत्म किया जा सकता है या इनकी रोकथाम की जा सकती है, इस पर चर्चा हुई.

महिलाओं को जागरुक करने के लिए चलाई गई पोषण यात्रा, क्लिक कर देखें वीडियो

जिलें में 52 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित

आपको बता दें कि सिरसा में 52 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी (एनिमिया) और 38 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. जिला उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने पोषण अभियान के तहत स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व हेल्पर को संबोधित किया और कहा कि इस अभियान को विभागों को सामाजिक संस्थाओं,पंचायतों आदि के साथ बेहतर तालमेल के साथ धरातल स्तर पर काम करना होगा, तभी हम पोषण अभियान को सफल बना सकते हैं.

उठाया सहरानीय कदम

उन्होंने कहा कि महिलाओं को अपने खान-पान के प्रति ध्यान देना होगा और जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना होगा. इस अभियान की सबसे खास बात यह रही कि इसमें परिवार नियोजन को लेकर भी लोगों को जागरुक किया गया है. जो कि एक सराहनीय कदम है.

इस कारण होता है एनीमिया

आम तौर पर खून की कमी को एनीमिया के रूप में देखा जाता है. शरीर में आयरन की कमी होना भी इसका एक प्रमुख कारण है. शरीर में खून की कमी होने की वजह से हाथ-पैर सुन्‍न हो सकते हैं.

एनीमिया से बचने के लिए आहार

एनीमिया से बचने के लिए ताजी हरी सब्ज‍ियों के साथ मक्का और अलग-अलग तरह की दालों को अपने भोजन में शामिल करें. इससे शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी. इसके अलावा सोयाबीन, मटर, सूखे मेवे और अंडे शरीर के लिए बेहतर विकल्प हैं.

Intro:एंकर - महिलाओं में खून की कमी (अनीमिया) व बच्चों का कुपोषण का शिकार होना स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही गंभीर विषय है। सिरसा में 52 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी(अनिमिया) व 38 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं। ये प्रतिशतता बहुत अधिक है। अभियान से जुड़े विभागों को सामाजिक संस्थाओं,पंचायतों आदि के साथ बेहतर तालमेल के साथ धरातल स्तर पर काम करना होगा, तभी हम पोषण अभियान को सफल बना सकते हैं। ये बात उपायुक्त अशोक कुमार गर्ग ने आज पोषण अभियान के तहत स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित कार्यशाला में उपस्थित आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर व हैल्पर को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर डीएसपी आर्यन, सिविल सर्जन डॉ. वीरेश भूषण, डॉ. गिरीश, सीडीपीओ सरोज रानी, कविता सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर उपायुक्त ने गर्भवती महिलाओं को फ्रूट की टोकरी भेंट कर उन्हें संतुलित आहार बारे प्रेरित किया।Body:वीओ 1 - उपायुक्त ने कहा कि महिलाओं में खून की कमी होना केवल संतुलित आहार का ही न होना नहीं है, बल्कि इसका एक कारण हमारी सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार महिलाओं का परिवार को पहले खिलाना और खुद बाद में खाना भी है। महिलाओं को अपने खान-पान के प्रति ध्यान देना होगा। उपायुक्त ने कहा कि जिला को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अधिक से अधिक प्रचार व प्रसार किया जाए।

बाइट - अशोक गर्ग , उपायुक्त ,सिरसा

वीओ2 - जिला कार्यक्रम अधिकारी डा. दर्शना सिंह ने बताया कि महा पोषण अभियान के दौरान आंगनवाडिय़ों में सभी बच्चों का वजन लिया जाएगा और बच्चों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। सभी आयोजनों के दौरान बच्चों को कम लागत में अधिक पोषण देने वाली रेसिपी जैसे पेठे की बर्फी संपूर्ण आहार पंजीरी आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए माताओं को व किशोरी बालिकाओं को पोषण बारे जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही घर-घर जाकर सुपरवाइजर व आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा पोषण के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी।

बाइट - डा. दर्शना सिंह ( जिला कार्यक्रम अधिकारी )

वीओ 3 - इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ वीरेश भूषण ने बताया कि महिलाओ में खून की कमी को लेकर विभाग दवारा भी महिलाओ को जागरूक किया जा रहा है।

बाइट - डॉ वीरेश भूषण ( सिविल सर्जन )
Conclusion:
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