सिरसा: हरियाणा के अंतिम छोर पर बसा सिरसा जिला नशे में डूबता जा रहा है. पंजाब और राजस्थान के बॉर्डर से लगते हरियाणा के इस जिले में विकास हुआ हो या नहीं, लेकिन यहां नशे का कारोबार खूब फल-फूल रहा है. हैरानी की बात ये है कि जिला प्रशासन और पुलिस के कड़े एक्शन के बाद भी सिरसा जिला लगातार नशे की जद में डूब रहा है. ऐसे में सिरसा को नशा मुक्त करने के लिए जिला प्रशासन ने नई मुहिम छेड़ी है.
सिरसा के उपायुक्त रमेश चंद्र बिढाण ने बताया कि अगर कोई शख्स 5 लोगों का नशा छुड़ा देता है तो उसे प्रशासन की ओर से 5100 रुपये की इनाम राशि दी जाएगी. साथ ही जो गांव खुद को नशामुक्त कर देगा, उसे भी प्रशासन की ओर से विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त 10 लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे.
इसके अलावा प्रशासन की ओर से नशे के खात्मे के लिए हर गांव में महिलाओं की समितियां बनाई गई हैं. जो सरपंचों की निगरानी में काम करेंगी. ये समितियां गांव के हर व्यक्ति को नशे के दलदल से निकालने की कोशिश करेंगी.
जिस तेजी से सिरसा में नशे का कारोबार फैल रहा है. उससे तो यही लगता है कि सिरसा से नशे को उखाड़ फेंकना उतना आसान नहीं होगा. आंकड़ों पर नजर डालें तो-
- इस साल सिरसा में NDPS के तहत 543 मामले दर्ज किए गए
- जिसमें से 993 लोगों को गिरफ्तार किया गया
- 15 किलो हेरोइन और 9 लाख 36 हजार नशीली दवाइयां बरामद की गई
- पिछले 2 सालों में सिरसा में 1166 FIR दर्ज की गई
- 2008 लोग NDPS के तहत गिरफ्तार किए गए
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सिरसा के डीएसपी आर्यन चौधरी ने बताया कि जिले में नशे को कंट्रोल करने के लिए 3 CIA और 1 नारकोटेक्स सेल बनाया गया है. जो नशा तस्करों पर लगाम लगाने की कोशिश कर रही है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत के कई राज्यों के 247 जिले ऐसे हैं जहां नशा अपने पांव पसार चुका है. इन जिलों में से एक हरियाणा का सिरसा भी है. ऐसे में सिरसा को नशा मुक्त करने के लिए हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन लगातार कोशिशें कर रहा है. ये कोशिशें कब रंग लाती हैं. ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा.