करनाल: हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया आज करनाल पहुंचीं, जहां उन्होंने कई मामलों पर सुनवाई कीं. लड़की को विदेश ले जाने के झांसे के मामले में भाटिया ने परिवार को 10 दिन का समय दिया है. उन्होंने कहा कि पति-पत्नी को अपने रिश्ते को सूझबूझ के साथ चलाना चाहिए.
7 मामलों पर की सुनवाई : रेणु भाटिया ने कहा कि हर महीने एक जिले में हियरिंग सेशन होता है. अगर जरूरत पड़ती है तो एक से ज्यादा सेशन भी सुनवाई के रख सकते हैं. आज करनाल में सात मामलों की हियरिंग की गई. दो नए मामले सामने आए. इसमें एक मामला लिविंग रिलेशनशिप में परेशानी का था तो एक मामला सीआईए पुलिस के कर्मचारी के खिलाफ केस था. इस तरह के केस आए, जिन पर हमने नए ऑर्डर दिए हैं.
"परिवार को 10 दिन का समय दिया गया है" : उन्होंने कहा कि एक दिल दुखाने वाला मामला भी सामने आया है, जिसमें एक एनआरआई लड़का लड़की को विदेश लेकर जाने के नाम पर शादी कर लेता है. आज हमारी संबंधित लड़के से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बातचीत हुई. उसने सारे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि वह लड़की को बाहर लेकर जाना ही नहीं चाहता था. जबकि पैरेंट्स के दबाव में वो शादी कर रहा था. हमने पेरेंट्स पर मामला दर्ज करने को लेकर आदेश दिए हैं, क्योंकि बच्चों पर दबाव बनाकर एक लड़की की जिंदगी बर्बाद की गई है. पैरेंट्स को 10 दिन का समय दिया गया है कि या तो लड़के को विदेश से बुला लिया जाए या फिर हम कार्रवाई कर उस लड़के को डिपोर्ट करवाएंगे.
"गलत करेंगे तो कार्रवाई होगी" : पिछले दिनों महिला आयोग की उपाध्यक्ष सोनिया अग्रवाल के रिश्वत के मामले में गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि हर विभाग में हर तरह के लोग होते हैं. किसी को मालूम नहीं होता वो इस तरह का व्यवहार करेंगे, लेकिन हमारी सरकार का करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस है. एंटी करप्शन ब्यूरो को भी खुली छूट है. कोई भी गलत करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. रेणु भाटिया ने अतुल सुभाष आत्महत्या केस को लेकर कहा कि पति-पत्नी का रिश्ता सूझबूझ के साथ चलता है.
विदेश में जाकर दूसरा विवाह करने वालों पर होगी कार्रवाई : मीडिया से बातचीत में रेनु भाटिया ने कहा कि भारत में अपनी पत्नी को छोड़कर विदेश में जाकर दूसरा विवाह करने वाले लड़कों के साथ सख्ती बरती जाएगी. ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसलिए ऐसे आरोपियों को एंबैसी की मदद से वापस डिपोर्ट किया जाएगा, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके.
लिव इन पर की टिप्पणी : वहीं उन्होंने लिव इन के मामलों को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि लोग लिव इन को हद से अधिक आजादी के तौर पर ले रहे हैं. इस तरह के रिश्ते से जन्मे बच्चों के भविष्य के बारे में कोई विचार नहीं करते जो कि बेहद गलत है.
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