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रोहतक: कृषि कानूनों के खिलाफ महिला किसानों ने निकाला मशाल जुलूस - rohtak farm laws protest

रोहतक जिला मुख्यालय और टोल प्लाजा पर दर्जनों जगह कार्यक्रम किए गए, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने हिस्सेदारी की. रोहतक में किसान मजदूर संघर्ष सहयोग मंच की अगुवाई में महिलाओं का मशाल जुलूस भी निकाला गया.

rohtak woman farmer protest
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Published : Jan 18, 2021, 10:31 PM IST

रोहतक: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रोहतक शहर के नागरिकों के सांझा मंच किसान मजदूर संघर्ष सहयोग मंच की अगुवाई में महिलाओं का मशाल जुलूस निकला. महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया. जिसका पूरा संचालन और नेतृत्व महिला किसानों ने ही किया.

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में अब हर रोज महिलाओं की हाजिरी बढ़ेगी. आगामी 26 जनवरी की किसान मजदूर परेड में महिलाएं भारी संख्या में हिस्सा लेंगी. मशाल जुलूस से पहले हुई सभा को संबोधित करते हुए राजकुमारी दहिया ने कहा कि आज खेती में सबसे ज्यादा योगदान देश की महिलाओं का है.

ये भी पढे़ं- यमुनानगर: किसान आंदोलन के समर्थन में कडकोली गांव के सरपंच ने दिया इस्तीफा

खेती, पशुपालन अन्य सभी तरह के कार्य महिला किसानों द्वारा ही किए जाते हैं, इसलिए उनके इस योगदान को रेखांकित करने और आंदोलन में महिलाओं को शामिल किया जाएगा. आज प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों और टोल प्लाजा पर दर्जनों जगह कार्यक्रम किए गए, जिसमें सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने हिस्सेदारी की.

महिला किसान नेता ने कहा कि सरकार कानूनों को लेकर दुष्प्रचार में लगी हुई है और आंदोलन को बदनाम करने के लिए ओछे हथकंडे अपना रही है. लेकिन सरकार की इन कारगुजारियों से आंदोलन टूटने वाला नहीं है.

रोहतक: संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर रोहतक शहर के नागरिकों के सांझा मंच किसान मजदूर संघर्ष सहयोग मंच की अगुवाई में महिलाओं का मशाल जुलूस निकला. महिला किसान दिवस का आयोजन किया गया. जिसका पूरा संचालन और नेतृत्व महिला किसानों ने ही किया.

कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में अब हर रोज महिलाओं की हाजिरी बढ़ेगी. आगामी 26 जनवरी की किसान मजदूर परेड में महिलाएं भारी संख्या में हिस्सा लेंगी. मशाल जुलूस से पहले हुई सभा को संबोधित करते हुए राजकुमारी दहिया ने कहा कि आज खेती में सबसे ज्यादा योगदान देश की महिलाओं का है.

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महिला किसान नेता ने कहा कि सरकार कानूनों को लेकर दुष्प्रचार में लगी हुई है और आंदोलन को बदनाम करने के लिए ओछे हथकंडे अपना रही है. लेकिन सरकार की इन कारगुजारियों से आंदोलन टूटने वाला नहीं है.

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