रोहतक: को-वैक्सीन ट्रायल के तीसरे चरण के लिए पीजीआई रोहतक को सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है. ये ट्रायल 19 नवंबर यानी कल से शुरू होगा. पीजीआई में वैक्सीन ट्रायल के 2 चरण पूरे हो चुके हैं. डॉक्टर्स का दावा है कि दोनों ट्रायल में किसी भी मरीज में दवा के साइड इफेक्ट नहीं मिले. इसी आधार पर सरकार ने देशभर में दवा ट्रायल के तीसरे चरण को मंजूरी दी है.
देशभर में 26 हजार वॉलंटियर्स पर को-वैक्सीन का ट्रायल किया जाना प्रस्तावित है. पीजीआई में क्लीनिकल ट्रायल के लिए गठित टीम हेल्थ केयर वर्कर और क्रोनिक पेशेंट सहित पीजीआई में करीब 1200 वॉलंटियर्स को शामिल किया गया है.
दूसरे चरण का ट्रायल रहा था सफल
रोहतक पीजीआई में को-वैक्सीन ट्रायल के दूसरे फेज में 16 से लेकर 65 साल के लोगों को शामिल किया गया. पीजीआई में दूसरे चरण का ट्रायल भी सफल रहा था. पीजीआई में को वैक्सीन के दूसरे चरण के ट्रायल में 130 वॉलंटियर्स को शामिल किया गया था. जिनमें वैक्सीन की डोज दिए जाने के बाद उनमें एंटीबॉडी लेवल बढ़ा हुआ पाया गया. इसी आधार पर वैक्सीन को सफल मानते हुए डीसीजीआई ने हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी को तीसरे चरण के ट्रायल शुरू करने को मंजूरी दे दी है. जो 19 नवंबर से शरू होगा.
दूसरे चरण के को-वैक्सीन के ट्रायल में 16 महिलाओं समेत किशोर, 80 युवा और बुजुर्गों को वैक्सीन डोज दी गई थी. जिसके बाद चिकित्सकों ने उनकी हेल्थ मॉनीटरिंग की. डॉक्टर्स ने बताया कि चार महीने के अंतराल में एक भी वॉलंटियर कोरोना संक्रमण से ग्रस्त नहीं हुआ और ना ही उनमें कोरोना वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट पाया गया.
पहले चरण में 81 वॉलंटियर को दी गई थी डोज
को-वैक्सीन ट्रायल के पहले फेज में 18 से 55 साल की उम्र के लोगों को शामिल किया गया था. पहले चरण में 81 वॉलंटियर्स को दो-दो डोज दी गई थी. सभी के सैंपल कलेक्ट कर दिल्ली की लैब में एंटीबॉडी लेवल टेस्ट किए गए. हालांकि डीसीजीआई की ओर से आधिकारिक रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं दी गई है.
अब तीसरे चरण के ट्रायल में हेल्थ केयर वर्कर और क्रॉनिक मरीजों को शामिल करने की प्लानिंग है. तीसरे ट्रायल में देश भर में एक हजार से ज्यादा वॉलंटियर्स को को-वैक्सीन की डोज दी जाएगी. ट्रायल कमेटी का दावा है कि तीसरे फेज में होने वाला वैक्सीन का ट्रायल सफल होते ही सरकार वैक्सीन को मंजूरी दे सकती है.
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पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर और को वैक्सीन ट्रायल टीम की प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉक्टर सविता वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि को-वैक्सीन ट्रायल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 13 संस्थानों में 375 वॉलिंटियर को वैक्सीन देने का लक्ष्य रखा गया था. जो पूरा हो गया है. इसमें अकेले पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस में 81 वालंटियर को वैक्सीन दी गई. जिस में खुशी की बात ये रही कि किसी भी वॉलिंटियर को वैक्सीन का कोई भी साइड इफेक्ट दिखाई नहीं दिया है.