रोहतक: अप्रैल महीने में हुई बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि के चलते रबी की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. सरकार ने किसानों को भरोसा दिया है कि उनके नुकसान का पूरा मुआवजा दिया जायेगा. रोहतक जिले में 57 हजार 110 एकड़ कृषि क्षेत्र में गेहूं व सरसों की फसलों को नुकसान हुआ है. यह रिपोर्ट गुरुवार को डीसी अजय कुमार की अध्यक्षता में लघु सचिवालय में हुई बैठक में अधिकारियों ने प्रस्तुत की.
रिपोर्ट के अनुसार गेहूं की फसल का नुकसान 56751 एकड़ क्षेत्र जबकि सरसों का नुकसान 359 एकड़ में है. गेहूं की फसल का 25 से 33 प्रतिशत नुकसान 3985 एकड़ कृषि भूमि में हुआ है. इसी प्रकार से 33 से 50 प्रतिशत नुकसान 36 हजार 496 एकड़ कृषि भूमि में हुआ है. इसके अलावा 15670 एकड़ कृषि भूमि में गेहूं का नुकसान 50 से 75 प्रतिशत है, जबकि 75 से 100 प्रतिशत तक का नुकसान 600 एकड़ कृषि भूमि में हुआ है.
ये भी पढ़ें- राकेश टिकैत ने बारिश से खराब फसलों का लिया जायजा, राहुल गांधी और अमृतपाल मामले पर कही ये बात
इसी प्रकार 70 एकड़ कृषि भूमि में सरसों का नुकसान 33 से 50 प्रतिशत तक हुआ है, जबकि 50 से 75 प्रतिशत तक का नुकसान 55 एकड़ कृषि भूमि में हुआ है. 234 एकड़ कृषि भूमि में 75 से 100 प्रतिशत तक का नुकसान का आकलन किया गया है. रोहतक डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिले में बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की आकलन रिपोर्ट सरकार की हिदायतों के अनुसार निर्धारित अवधि में भिजवाए.
इस रिपोर्ट के अनुसार ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि पटवारियों के स्तर पर नुकसान का आकलन किया जा चुका है और जिला के किसानों ने क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से भी नुकसान को दर्ज करवाया है. उपायुक्त ने कहा कि कानूनगो व तहसीलदार स्तर के अधिकारी जल्द से जल्द इस डेटा का सत्यापन करें ताकि फाइनल रिपोर्ट सरकार को भेजी जा सके. किसानों को मुआवजा राशि सीधा उनके बैंक खातों के माध्यम से मिलेगी. अजय कुमार ने राजस्व अधिकारियों से ब्लॉक वाइज फसलों के नुकसान की रिपोर्ट प्राप्त की और आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए.
ये भी पढ़ें- बेमौसम बरसात से किसानों की फसल हुई बर्बाद, मुआवजे के लिए ऐसे करें आवेदन