करनाल: अमेरिका में राहुल गांधी से मिलने वाला करनाल का युवक अमित मान 29 जनवरी 2025 को अपने गांव घोघड़ीपुर लौट आया है. घर लौटने के बाद उसने डंकी रूट और अपने साथ हुई बर्बरता की दर्द भरी दास्तां सुनाई. अभी तक अमित के शरीर पर चोटों के निशान हैं. वो अभी ढंग से चल नहीं पाता. डंकी रूट पर मिली यातनाओं को याद कर अमित मान सिहर जाता है. डर और घबराहट उसके चेहरे पर साफ दिखाई देती है.
अमित ने बताई डंकी रूट की आपबीती: अमित मान ने बताया "डंकी रूट का रास्ता बहुत ही खतरनाक है. मैं 17 अप्रैल 2023 को घर से चला था. तीन दिन और तीन रात तो मैं पानी के जहाज में ही रहा. इस दौरान परिवार वालों से कोई बात नहीं हुई. इसके बाद घने जंगलों में भूखा प्यासा पैदल चला. जंगल में कदम-कदम पर गली-सड़ी लाशें मिली. मानव कंकाल मिले. घुटनों तक कीचड़ मिला. जिसे पार करना पड़ा. रास्ते में टेररिस्ट और लुटेरे मिले. जिन्होंने मारपीट कर सामान लूट लिया."
डंकी रूट के दौरान किया गया टॉर्चर: अमित मान ने बताया कि "हमने कई देशों के बॉर्डर को अवैध तरीके से क्रॉस किया. वहां की पुलिस भी मारपीट कर लूटपाट करती थी. मेरे ग्रुप में विभिन्न देशों के करीब 350 युवा थे. अगर कोई घायल हो जाता या चलने की स्थिति में नहीं रहता, तो एजेंट उसे वहीं छोड़कर आगे बढ़ जाते. वो उसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेते. जिसके बाद युवक वहीं दम तोड़ देता है. जंगल में ना तो कुछ खाने के लिए होता है और ना ही कुछ पीने के लिए. इसलिए भूखा-प्यासा चलना पड़ता है."
अमेरिका जाने के लिए घर गिरवी रखा: अमित मान ने बताया "एक तो हम परिवार से दूर होते हैं और दूसरा लाखों रुपए लगते हैं. मेरे 42 लाख रुपए खर्च हुए और आज भी घर गिरवी पड़ा हुआ है. अलग-अलग एजेंट के अलग-अलग रेट हैं. मैं 42 लाख प्लस में गया था. कुछ 60 से 70 लाख रुपये तक लगा देते हैं. एक बार अगर कोई डंकी रास्ते पर पहुंच गया, तो वापस आना दोबारा जन्म लेने जैसा है."
अमेरिका में हुआ था एक्सीडेंट: अपने एक्सीडेंट के बारे में अमित मान ने बताया कि "मैं स्टोर से निकला ही था कि पीछे से कार ने टक्कर मार दी. करीब 22 दिन बाद मुझे होश आया. तब तेजिंदर ने परिजनों से बात करवाई. इस दौरान राहुल गांधी भी मिलने आए. राहुल गांधी ने कहा था कि हम तुम्हारी मदद करेंगे. फिलहाल मेरा इलाज कांग्रेस पार्टी करवा रही है."
कैसे मिले राहुल गांधी? राहुल गांधी से मिलने के सवाल पर अमित मान ने कहा "मेरे भाई हैं तेजिंदर मान और सोनीपत के भूपेंद्र सोलंकी. उनके थ्रू मेरी बात राहुल गांधी से हुई. राहुल गांधी ने मुझसे मिलकर हर संभव मदद का आश्वासन दिया था. उन्होंने मेरे परिजनों से भी मुलाकात करने का वादा किया था. जिसे उन्होंने पूरा किया."
अमित की मां वेदमती ने क्या कहा? अमित की मां वेदमती ने बताया कि अगर हमें पहले से पता होता कि डंकी का रास्ता इतना खतरनाक व तखलीफ़ देने वाला है, तो हम कभी भी अपने बच्चे को इस तरीके से अमेरिका ना भेजते. घर के हालात अच्छे ना होने के कारण हमने अमित को भेजा था. राहुल गांधी ने अमेरिका में अमित से किया हुआ अपना वादा निभाया और वो हमसे मिलने करनाल आये थे. उनके द्वारा हर संभव मदद का आश्वासन मिला और मदद मिल भी रही है.
क्या है डंकी रूट: डंकी रूट विदेश जाने का अवैध रास्ता. इसमें एजेंट युवकों से भारी भरकम रुपये लेकर उन्हें समुद्र, घने जंगल और बॉर्डर पार करवा कर दूसरे देश पहुंचाते हैं. इस दौरान युवकों से मारपीट की जाती है. उन्हें भूखा-प्यासा रखा जाता है. घंटों पैदल चलाया जाता है. रास्ते में उनसे लूटपाट की जाती है. जान से मारने की धमकी दी जाती है.