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लॉकडाउन की वजह से अधर में रोहतक एमडीयू के छात्रों का भविष्य

लॉकडाउन की वजह से रोहतक एमडीयू के छात्रों को काफी परेशानी आ रही है. छात्रों का करीब 30 प्रतिशत सिलेबस भी पूरा नहीं हुआ है. यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से ऑनलाइन सिलेबस पूरा कराने की कोशिश की जा रही है. पढ़ें पूरी खबर...

rohtak mdu students future
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Published : Apr 22, 2020, 8:47 PM IST

रोहतक: महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के लगभग सवा दो लाख छात्रों का भविष्य लॉकडाउन के कारण अधर में लटका हुआ है. बाकी बचे सिलेबस को पूरा करवाने की कोशिश ऑनलाइन की जा रही है. अगर 3 मई के बाद लॉकडाउन नहीं बढ़ा तो विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की परीक्षाओं पर विचार कर सकता है.

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रर डॉक्टर गुलशन तनेजा ने बताया कि विश्वविद्यालय के आधीन 283 कॉलेज आते हैं, जिनमें 2 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. लगभग 12 हजार छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय में विभिन्न कक्षा में पढ़ रहे हैं. लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालय के साथ छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

लगभग 30 से 40 प्रतिशत सिलेबस बचा है. इस सिलेबस को पूरा करवाने के लिए शिक्षक ऑनलाइन लगे हुए हैं. विश्वविद्यालय ने एक पोर्टल भी बनाया है, जिस पर छात्रों के लिए पाठ्य सामग्री डाली गई है. विश्वविद्यालय से जुड़े सभी छात्रों के ऊपर किसी तरह का मानसिक दबाव पैदा ना हो, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने समाधान नाम से एक टीम का गठन किया है, जिसमें मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक उपलब्ध रहते हैं.

ये भी पढ़ें:- पड़ताल: लॉकडाउन में चारे की कमी ने तोड़ी डेयरी उद्योग की कमर, आधा दूध दे रहे पशु

जिस भी छात्र को इस प्रकार की कोई समस्या आ रही है तो छात्र मोबाइल के माध्यम से समाधान टीम से संपर्क कर सकता है. विश्वविद्यालय के सामने सबसे बड़ी समस्या छात्रों के साथ समन्वयन ना होना है. जहां 24 घंटे छात्रों की चहल पहल रहती थी, लॉकडाउन के कारण पूरी यूनिवर्सिटी में सन्नाटा पसरा है. विश्वविद्यालय के सभी द्वार बंद कर पूरे विश्वविद्यालय को सैनिटाइज किया जा रहा है.

रोहतक: महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी के लगभग सवा दो लाख छात्रों का भविष्य लॉकडाउन के कारण अधर में लटका हुआ है. बाकी बचे सिलेबस को पूरा करवाने की कोशिश ऑनलाइन की जा रही है. अगर 3 मई के बाद लॉकडाउन नहीं बढ़ा तो विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की परीक्षाओं पर विचार कर सकता है.

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रर डॉक्टर गुलशन तनेजा ने बताया कि विश्वविद्यालय के आधीन 283 कॉलेज आते हैं, जिनमें 2 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं. लगभग 12 हजार छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय में विभिन्न कक्षा में पढ़ रहे हैं. लॉकडाउन के कारण विश्वविद्यालय के साथ छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

लगभग 30 से 40 प्रतिशत सिलेबस बचा है. इस सिलेबस को पूरा करवाने के लिए शिक्षक ऑनलाइन लगे हुए हैं. विश्वविद्यालय ने एक पोर्टल भी बनाया है, जिस पर छात्रों के लिए पाठ्य सामग्री डाली गई है. विश्वविद्यालय से जुड़े सभी छात्रों के ऊपर किसी तरह का मानसिक दबाव पैदा ना हो, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने समाधान नाम से एक टीम का गठन किया है, जिसमें मनोवैज्ञानिक और मनोचिकित्सक उपलब्ध रहते हैं.

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जिस भी छात्र को इस प्रकार की कोई समस्या आ रही है तो छात्र मोबाइल के माध्यम से समाधान टीम से संपर्क कर सकता है. विश्वविद्यालय के सामने सबसे बड़ी समस्या छात्रों के साथ समन्वयन ना होना है. जहां 24 घंटे छात्रों की चहल पहल रहती थी, लॉकडाउन के कारण पूरी यूनिवर्सिटी में सन्नाटा पसरा है. विश्वविद्यालय के सभी द्वार बंद कर पूरे विश्वविद्यालय को सैनिटाइज किया जा रहा है.

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