रोहतक: धामड़ गांव में बिजली विभाग के आठ कर्मचारियों को गांव वालों के विरोध का सामना करना पड़ा. यही नहीं बिजली विभाग के एक जेई और एक अन्य कर्मचारी से मारपीट भी की गई है. कर्मचारियों का कहना है कि वे धामड़ गांव में घरों के बाहर बिजली मीटर लगाने पहुंचे थे. इसी दौरान गांव के कुछ लोगों ने उनके साथ गाली गलौच करते हुए मारपीट की. जेई और एक अन्य कर्मचारी को तो गांव की चौपाल में ले जाकर भी पीटा (Electricity department team beaten in rohtak) गया. सदर पुलिस स्टेशन जेई की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है.
मामले का खुलासा तब हुआ तब हुआ जब जेई ने इस बारे में सदर पुलिस स्टेशन में कंप्लेन दी. पुलिस को दी गई कंप्लेन में जेई सत्यवान ने बताया कि उनकी टीम म्हारा गांव, जगमग गांव योजना के तहत धामड़ गांव में बिजली मीटरों को घरों से बाहर लगाने के लिए गई थी. इस टीम में जेई सत्यवान के अलावा देवेंद्र, रविंद्र, अनुज, बिजेंद्र, संदीप, जगबीर और सत्यवान सिंह कर्मचारी शामिल थे. इस टीम ने जैसे ही घरों से बाहर बिजली मीटर लगाने का काम शुरू किया तो काफी संख्या में ग्रामीण इक्कठा होकर विरोध करने लग गए.
विरोध करने वालों में महिलाएं भी शामिल थी. इसके बाद इन गांव के लोगों ने बिजली निगम की टीम के साथ गाली गलौच करनी शुरू कर दी. इसके बाद सभी कर्मचारियों के साथ मारपीट की गई. इतने से भी उनका मन नहीं भरा तो गांव वाले उन्हें धमकी देते हुए गांव की चौपाल में ले गए. चौपाल में जेई सत्यवान और कर्मचारी देवेंद्र के साथ दोबारा से मारपीट की गई. इसके बाद उनकी पूरी टीम को दोबारा कभी भी गांव में न घुसने की धमकी दी गई. बाद में बिजली निगम की टीम गांव से चली गई और जेई सत्यवान ने सदर पुलिस स्टेशन में शिकायत दे दी.
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पुलिस ने जेई सत्यवान की शिकायत पर धामड़ गांव के वजीर, मोनू, रामचंद्र, राज सिंह, संतोष, संदीप, धनवीर, निर्मला, जगबीर, लीलू, दिनेश, वजीर व अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है. शिकायत में इन सभी को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. सदर पुलिस स्टेशन में इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,149,186,332, 342,353 व 506 के तहत केस दर्ज किया है.
क्या है म्हारा गांव, जगमग गांव योजना- हरियाणा में शहर की तर्ज पर गांवों में 24 घंटे बिजली सप्लाई के लिए म्हारा गांव, जगमग गांव योजना लागू की गई है. सरकार ने जुलाई 2015 से इस योजना की शुरूआत की थी. इस योजना के तहत ग्रामीणों से बिजली बिलों का भुगतान करने और बिजली चोरी रोकने का आग्रह किया जाता है. फिर गांवों की पहचान कर बिजली मीटर घरों से बाहर लगाए जाते हैं और 24 घंटे बिजली सप्लाई दी जाती है.
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