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रोहतक साइबर थाना पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा, मोबाइल टावर लगाने का झांसा देकर ठगे थे 2.5 लाख

रोहतक साइबर थाना पुलिस (Rohtak cyber police) ने अखबार में मोबाइल टावर लगाने ( fraud of installing mobile tower) का विज्ञापन देकर ठगी करने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने रोहतक जिले के सांगाहेड़ा गांव के जिले सिंह से 2.5 लाख रुपए ठगे थे.

Rohtak cyber police caught two accused the fraud of installing mobile tower
रोहतक साइबर थाना पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा, मोबाइल टावर लगाने का झांसा देकर ठगे थे 2.5 लाख
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Published : Dec 1, 2022, 7:41 PM IST

रोहतक: साइबर थाना पुलिस की टीम (Rohtak cyber police) ने मोबाइल टावर लगवाने का झांसा ( fraud of installing mobile tower) देकर ठगी करने वाले 2 आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है. आरोपियों के खिलाफ सांगाहेड़ा निवासी जिले सिंह ने धोखाधड़ी से 2 लाख 49 हजार 150 रुपए ऐंठने का केस दर्ज कराया था. इस पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपियों को धर दबोचा.

रोहतक जिले के सांगाहेड़ा गांव के जिले सिंह ने अखबार में विज्ञापन देखकर मोबाइल टावर लगाने के लिए विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया था. जानकारी के अनुसार आरोपियों ने शुरुआत में प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 1,550 रुपए और सिक्योरिटी के नाम पर 12 हजार 900 रुपए की मांग की. जिले सिंह ने अपने भतीजे के मोबाइल नंबर से यह राशि उनके दिए अकाउंट में ट्रांसफर कर दी.

इसके बाद आरोपियों ने अन्य कई शुल्क बताते हुए पीड़ित को झांसा देकर 2 लाख 49 हजार 150 रुपए ले लिए. मोबाइल टावर नहीं लगने पर पीड़ित को इन पर शक हुआ तो उसने इसकी सूचना सेक्टर-14 स्थित साइबर क्राइम थाना पुलिस को दी. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. साइबर थाना पुलिस के एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि जांच के बाद उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के अहेरा गांव के दीपक और रविंद्र को (Rohtak cyber police caught two accused) गिरफ्तार किया है.

पढ़ें: हरियाणा में मुर्गिंयां मारने पर केस दर्ज, मृत मुर्गिंयों का कराया पोस्टमार्टम, जिंदा की पुलिस कर रही देखभाल

पुलिस के अनुसार आरोपी रविंद्र पहले वेल्डिंग का काम करता था और दीपक उसका चचेरा भाई है. दोनों आरोपियों की मुलाकात करीब 6 महीने पहले दिल्ली रेलवे स्टेशन पर विपिन शर्मा से हुई थी. विपिन ने दोनों को बताया कि वह बैंक में अकाउंट खुलवाकर ठगी करने वाले गिरोह के पास अकाउंट नंबर भेजने का काम करता है. दोनों आरोपी पैसे कमाने के चक्कर में विपिन की बातों मे आ गए. विपिन ने रविंद्र व दीपक को अपने बैंक अकाउंट का नंबर व उसका एटीएम कार्ड दे दिया. दोनों आरोपियों ने विपिन को 5 हजार रुपए दिए. आरोपी रविंद्र ने अखबार में विज्ञापन देखकर मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर विज्ञापन दिया. आरोपी ने चचेरे भाई दीपक के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर विपिन के द्वारा दिए अकाउंट नम्बर से रुपए निकाल कर वारदात को अंजाम दिया.

पढ़ें: Sonipat Crime News: शराब पीने के बाद 2 दोस्तों में लगी पहले मरने की शर्त, एक की मौत, दूसरा भागा

रोहतक: साइबर थाना पुलिस की टीम (Rohtak cyber police) ने मोबाइल टावर लगवाने का झांसा ( fraud of installing mobile tower) देकर ठगी करने वाले 2 आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर 3 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है. आरोपियों के खिलाफ सांगाहेड़ा निवासी जिले सिंह ने धोखाधड़ी से 2 लाख 49 हजार 150 रुपए ऐंठने का केस दर्ज कराया था. इस पर पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपियों को धर दबोचा.

रोहतक जिले के सांगाहेड़ा गांव के जिले सिंह ने अखबार में विज्ञापन देखकर मोबाइल टावर लगाने के लिए विज्ञापन में दिए गए मोबाइल नंबर पर संपर्क किया था. जानकारी के अनुसार आरोपियों ने शुरुआत में प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 1,550 रुपए और सिक्योरिटी के नाम पर 12 हजार 900 रुपए की मांग की. जिले सिंह ने अपने भतीजे के मोबाइल नंबर से यह राशि उनके दिए अकाउंट में ट्रांसफर कर दी.

इसके बाद आरोपियों ने अन्य कई शुल्क बताते हुए पीड़ित को झांसा देकर 2 लाख 49 हजार 150 रुपए ले लिए. मोबाइल टावर नहीं लगने पर पीड़ित को इन पर शक हुआ तो उसने इसकी सूचना सेक्टर-14 स्थित साइबर क्राइम थाना पुलिस को दी. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. साइबर थाना पुलिस के एसएचओ कुलदीप सिंह ने बताया कि जांच के बाद उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के अहेरा गांव के दीपक और रविंद्र को (Rohtak cyber police caught two accused) गिरफ्तार किया है.

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पुलिस के अनुसार आरोपी रविंद्र पहले वेल्डिंग का काम करता था और दीपक उसका चचेरा भाई है. दोनों आरोपियों की मुलाकात करीब 6 महीने पहले दिल्ली रेलवे स्टेशन पर विपिन शर्मा से हुई थी. विपिन ने दोनों को बताया कि वह बैंक में अकाउंट खुलवाकर ठगी करने वाले गिरोह के पास अकाउंट नंबर भेजने का काम करता है. दोनों आरोपी पैसे कमाने के चक्कर में विपिन की बातों मे आ गए. विपिन ने रविंद्र व दीपक को अपने बैंक अकाउंट का नंबर व उसका एटीएम कार्ड दे दिया. दोनों आरोपियों ने विपिन को 5 हजार रुपए दिए. आरोपी रविंद्र ने अखबार में विज्ञापन देखकर मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर विज्ञापन दिया. आरोपी ने चचेरे भाई दीपक के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर विपिन के द्वारा दिए अकाउंट नम्बर से रुपए निकाल कर वारदात को अंजाम दिया.

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