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लॉकडाउन से पहले तक थे प्लांट हेड, अब गली-गली जाकर बेच रहे सब्जी - rohtak vegetable seller youth

एक समय था जब रिंकू के कंधों पर पूरे कूलर फैक्ट्री की जिम्मेदारी थी, लेकिन अब उनके हाथों में सब्जी बेचने का तराजू आ गया है. लॉकडाउन के बाद उनकी नौकरी चली गई और अब वो सब्जी बेचने को मजबूर हैं.

rinku Selling vegetables in rohtak after losing job in lockdown
rinku Selling vegetables in rohtak after losing job in lockdown
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Published : Sep 6, 2020, 10:56 PM IST

रोहतक: कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन ने लोगों का रोजगार खत्म कर दिया है. हालात ये हैं कि प्लांट हेड जैसी पोस्ट पर काम करने वाले रिंकू, अब गली-मोहल्लों में सब्जी बेच रहे हैं. एक समय था जब इनके कंधों पर पूरे प्लांट की जिम्मेदारी होती थी, लेकिन अब उन्हीं कंधों पर परिवार चलाने के बोझ ने हाथों में सब्जी बेचने के लिए तराजू थमा दी है.

रिंकू के कंधों पर उनके पूरे परिवार की जिम्मेदारी है. रिंकू के भाई भी उनकी सब्जी बेचने में मदद करते हैं. रिंकू का कहना है कि अगर उन्होंने सब्जी बेचने का फैसला ना लिया होता तो आज भूखे मरने की नौबत आ जाती.

कल तक थे प्लांट हेड, अब गली-गली जाकर बेच रहे सब्जी

ये भी पढ़ें- पहले लॉकडाउन ने मारा अब कम दाम ने निकाला धान किसानों का दम

हमारे देश में ऐसे हजारों बेरोजगार हैं जो अब सड़कों पर सब्जी और फल बेच कर गुजारा कर रहे हैं. ये युवा सरकार से सवाल कर रहे हैं कि कहां गए वो 20 लाख करोड़, जिसका वादा किया गया था. आखिर वो कौन लोग हैं जिनको सरकार नौकरी दे रही है, क्योंकि जमीनी स्तर पर हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं.

रोहतक: कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन ने लोगों का रोजगार खत्म कर दिया है. हालात ये हैं कि प्लांट हेड जैसी पोस्ट पर काम करने वाले रिंकू, अब गली-मोहल्लों में सब्जी बेच रहे हैं. एक समय था जब इनके कंधों पर पूरे प्लांट की जिम्मेदारी होती थी, लेकिन अब उन्हीं कंधों पर परिवार चलाने के बोझ ने हाथों में सब्जी बेचने के लिए तराजू थमा दी है.

रिंकू के कंधों पर उनके पूरे परिवार की जिम्मेदारी है. रिंकू के भाई भी उनकी सब्जी बेचने में मदद करते हैं. रिंकू का कहना है कि अगर उन्होंने सब्जी बेचने का फैसला ना लिया होता तो आज भूखे मरने की नौबत आ जाती.

कल तक थे प्लांट हेड, अब गली-गली जाकर बेच रहे सब्जी

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