रोहतक: हरियाणा में रोजगार की स्थिति किस कदर तक कमजोर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रोहतक में एक पूर्व भारतीय सैनिक (Retired Indian soldier in Rohtak) ने इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है. दरअसल भारतीय सेना में सेवा के दौरान रोहतक के सैनिक 6 साल पहले चोट लगने से विकलांग हो गये थे. जिसके बाद रिटायर होने के पश्चात हरियाणा सरकार से मदद की आस लगाये बैठे पूर्व सैनिक को अभी तक रोजगार नहीं मिला. काम न मिलने से पूर्व सैनिक अशोक कुमार ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु दिए जाने की मांग (soldier demands euthanasia in Rohtak) की है.
दरअसल रोहतक के मकड़ौली कलां के अशोक कुमार भारतीय सेना में सेवारत थे. जहां 6 साल पहले ड्यूटी के दौरान चोट लगने से वो विकलांग हो गये. भारतीय सेना ने उन्हें 80 प्रतिशत तक विकलांग घोषित कर रिटायर कर दिया. पूर्व सैनिक होने के नाते अशोक को उम्मीद थी कि हरियाणा सरकार उनकी मदद के लिए आगे आएगी और रोजगार मुहैया कराएगी, लेकिन सरकार की तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिले, रोजगार नहीं.
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गौरतलब है कि अशोक कुमार ने हरियाणा सरकार की ओर से निकाले गए कई पदों के लिए आवेदन किया, लेकिन कहीं से भी नौकरी का बुलावा नहीं आया. इसके बाद राज्य सैनिक बोर्ड हरियाणा व हरियाणा सरकार के तमाम आला अधिकारियों से पत्र व्यवहार भी किया, लेकिन नतीजा शून्य ही निकला. हालांकि पूर्व सैनिक होने के नाते उन्हें पेंशन मिलती है, लेकिन इस पेंशन से पूरे परिवार का गुजारा होना मुश्किल है. वो अपने बच्चों की स्कूली फीस भरने में भी असक्षम हैं.
ऐसे में पूर्व भारतीय सैनिक अशोक कुमार ने रोहतक में डीसी कैप्टन मनोज कुमार से मुलाकात की. इस दौरान डीसी मनोज कुमार को अपना मांग पत्र सौंपा. साथ ही डीसी के जरिए राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग भी की है. बता दें कि इससे पहले भी अशोक डीसी को 6 बार अपना मांग पत्र सौंप चुके हैं.
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