पंचकूला: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने 16 साल पहले पारित आदेशों का पालन नहीं करने पर हरियाणा शिक्षा विभाग के खिलाफ कड़ा रवैया दिखाया है. हाई कोर्ट ने दो आईएएस समेत पांच अधिकारियों का वेतन कुर्क करने का आदेश दिया है. इन अधिकारियों में निदेशक माध्यमिक शिक्षा (डीएसई) जितेंद्र कुमार, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक रिपु दमन सिंह ढिल्लों व तीन अन्य अधिकारी शामिल हैं. इन तीन अधिकारियों में कुरुक्षेत्र के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) रोहताश वर्मा, यमुनानगर के डीईओ धर्मेंद्र कुमार और हिसार के डीईओ प्रदीप नरवाल शामिल हैं.
हाई कोर्ट ने वर्ष 2008 में आदेश पारित किया: जस्टिस हरकेश मनुजा ने तेजपाल वालिया व अन्य द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश पारित किया है. दरअसल, मामले में याचिकाकर्ताओं ने शिक्षा विभाग में पदोन्नति के संबंध में निर्देश प्राप्त करने के लिए वर्ष 2007 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका में हाई कोर्ट को बताया गया कि कोर्ट ने वर्ष 2008 में उनकी याचिका स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया था, लेकिन विभाग ने उन्हें आज तक पदोन्नति का लाभ नहीं दिया.
सर्वोच्च न्यायालय से भी आदेश बरकरार: याचिका में बताया गया कि वर्ष 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी हाई कोर्ट के आदेश को याचिकाकर्ताओं के पक्ष में बरकरार रखा था. याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने हाई कोर्ट को बताया कि साल 2008 में याची को अनुमति दिए जाने के बाद से याची किसी भी मामले में काल्पनिक लाभों के बजाय वास्तविक परिणामी लाभ के हकदार हैं. हाई कोर्ट ने आदेशों के अनुपालन के लिए विभाग को पहले भी कई अवसर दिए, लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई जवाब नहीं मिलने के कारण मामले को अलग-अलग तारीख के लिए स्थगित किया गया.
जानबूझकर अवहेलना करने पर वेतन कुर्क: मामला सुनवाई के लिए आया तो हाई कोर्ट ने अदालत के आदेशों की कथित रूप से जानबूझकर अवहेलना करने के लिए उक्त संबंधित अधिकारियों के वेतन को कुर्क करने का आदेश सुना दिया. हाई कोर्ट ने मामले की आगामी सुनवाई अब 13 दिसंबर के लिए निर्धारित की है.