रोहतक: सीवरेज की सफाई के दौरान 2 कर्मचारियों की मौत के मामले में राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने संज्ञान लिया है. आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पंवार बुधवार को रोहतक पहुंची और प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक ली. उन्होंने बताया कि दोनो मृतक सफाई कर्मचारियों के आश्रितों को 30-30 लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी. दोनों कर्मचारियों की मौत के मामले में एक दिन पहले ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
एक सप्ताह पहले अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के सीवरेज की सफाई करते समय जहरीली गैस की चपेट में आने से 2 कर्मचारियों की मौत हो गई थी. अंजना पंवार ने जानकारी दी कि मृतकों के किसी एक आश्रित को नौकरी दिलवाने का भी प्रयास किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि कार्यस्थल पर सफाई कर्मचारियों के लिए यूनिफार्म, चेंजिंग रूम, आई कार्ड और सुरक्षा उपकरण उपलब्ध हों.
राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष ने देश भर में सीवरेज सफाई के दौरान कर्मियों की मौत पर कहा कि सीवरेज में सफाई के दौरान कर्मचारियों की मौत रोकने के लिए ही एमएस (मैनुअल स्कैवेंजिंग) अधिनियम 2013 में प्रावधान किया गया है. यह अधिनियम दिसंबर 2014 से लागू हुआ. अंजना पंवार ने बताया कि अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि मैनुअल तौर पर सफाई नहीं की जा सकती. रोबोट जैसी मशीन सफाई के लिए आ गई हैं. ऐसे में सब लोगों को इस बारे में जानकारी होनी चाहिए और जागरूकता के लिए कदम उठाने चाहिए.
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