रोहतक: हरियाणा में हो रही बारिश से किसानों को काफी नुकसान हुआ है. सोमवार को हुई बारिश से रोहतक में गेहूं और सरसों की फसल खराब हो गई. किसानों का दावा है कि बेमौसम बारिश से उनकी गेहूं की खड़ी फसल 70 से 90 प्रतिशत तक खराब हो गई हैं. किसानों ने सरकार के मुआवजे की मांग है की है. रोहतक के किसानों ने कहा कि अगर सरकार उन्हें बचाना चाहती है तो खराब हुई फसलों का उचित मुआवजा दे.
किसानों ने कहा कि बेमौसम बारिश से उनपर दोहरी मार पड़ी है. एक तरफ उनकी गेहूं और सरसों की फसल खराब हो गई है तो दूसरी तरफ सब्जियों की फसल को भी नुकसान हुआ है. किसानों के मुताबिक खेतों में गेहूं की खड़ी फसल गिरने से पैदावार पर असर पड़ेगा. गिरी हुई फसल में गेहूं का दाना हलका होगा. जिससे मंडी में उन्हें अच्छा भाव नहीं मिलेगा. वहीं कटाई के वक्त भी दाना नीचे गिर जाएगा. ऐसे ही सरसों की फसल पककर तैयार हो चुकी है.
अब बारिश से सरसों भीग चुकी है. नमी होने की वजह से सरसों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं बिकेगी. अगर सरकार ने उनकी मदद नहीं की तो आर्थिक रूप से किसान काफी पिछड़ जाएंगे. रोहतक के किसानों का कहना है कि वो 6 महीने तक फसल को बच्चों की तरह पालते हैं. अचानक मौसम की मार से फसल बर्बाद हो जाती है. किसानों ने कहा कि यदि सरकार किसानों को बचाना चाहती है, तो उन्हें उनके नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाए.
किसानों का कहना है कि इस फसल पर ही उनका पूरा परिवार आधारित था. इस फसल के भरोसे किसी को बच्चों की शादी करानी थी, तो किसी को मकान बनाना था, लेकिन अब उनकी सारी उम्मीदें पानी में बह गई है. गौरतलब है कि बेमौसम बारिश और तूफानी हवाओं से गेहूं की फसल में काफी नुकसान हुआ है. अब किसानों ने मुआवजे की भी मांग की है, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके.