रोहतक: मां और नवजात शिशु की मौत के मामले में गुरुवार को पुलिस की टीम ने शिशु के शव को शमशान घाट से निकाला. पुलिस ने शिशु के शव को पोस्टमार्टम के लिए रोहतक पीजीआई में भिजवा दिया है. अब शुक्रवार को डॉक्टर्स की टीम शिशु के शव का पोस्टमार्टम करेगी. गौरतलब है कि आजादगढ़ की रिशू ने सुखपुरा चौक के नजदीक प्रगति अस्पताल में 2 जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था. बाद में एक लड़के की इसी अस्पताल में मौत हो गई थी, जबकि लड़की गंभीर हालत में है. इसके बाद महिला को पॉजीट्रॉन अस्पताल में रेफर किया, जहां उसकी भी मौत हो गई.
जिसके बाद महिला के पति ने दोनों निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के खिलाफ इलाज में लापरवाही बरतने का मामला दर्ज करवाया. अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन रोहतक में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. दरअसल आजादगढ़ निवासी रणजीत सिंह की पत्नी रिशू 9 माह की गर्भवती थी. गर्भावस्था की शुरुआत से ही उनका इलाज सुखपुरा चौक स्थित प्रगति अस्पताल में चल रहा था. उस अस्पताल में एक महिला और पुरुष डॉक्टर उपचार कर रहे थे. डॉक्टरों ने रिशू के ऑपरेशन की तारीख 2 मार्च निर्धारित कर रखी थी, लेकिन 27 फरवरी की सुबह रिशू के पेट में हल्हा दर्द महसूस हुआ तो रणजीत उसे प्रगति अस्पताल में ले गया.
डॉक्टरों ने कहा कि आज ही ऑपरेशन करना होगा. इसलिए रक्त का इंतजाम कर लें, फिर ऑपरेशन के लिए दोपहर 3 बजे का समय दिया गया. 3 बजे की जगह फिर शाम 7 बजे का समय दे दिया. ऑपरेशन के लिए बाहर से डॉक्टर बुला गए. इसके बाद बताया कि रिशू ने जुड़वां बच्चों, लड़के व लड़की को जन्म दिया है. रणजीत ने देखा तो लड़के में जान नहीं थी और लड़की हालत भी गंभीर थी. हालांकि ये बताया गया कि रिशू की हालत ठीक है, लेकिन रात 1 बजे डॉक्टरों ने कहा कि प्रगति अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं, इसलिए बड़े अस्पताल में रेफर करना होगा. रणजीत ने कहा कि वो रात को पत्नी को लेकर कहां जाएगा.
इसके बाद अस्पताल के डॉक्टरों ने खुद ही एंबुलेंस का इंतजाम कर रिशू को सनसिटी सेक्टर-35 स्थित पॉजीट्रॉन अस्पताल में भेज दिया. मंगलवार सुबह पॉजीट्रॉन अस्पताल के डॉक्टरों ने रिशू को मृत घोषित कर दिया. रणजीत ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत कर दी. अर्बन अस्टेट पुलिस स्टेशन की टीम ने बयान दर्ज किए. रणजीत का कहना है कि पहले प्रगति अस्पताल और फिर पॉजीट्रॉन अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उसकी पत्नी की मौत हो हुई. प्रगति अस्पताल में तो स्त्री रोग विभाग का कोई विशेषज्ञ डॉक्टर ही नहीं है.
जबकि अस्पताल के डॉक्टरों ने धोखे में रखा था कि उनके यहां सभी प्रकार की सुविधाएं हैं. वहीं, पॉजीट्रॉन अस्पताल में भी इलाज में लापरवाही हुई है. इसलिए दोनों अस्पताल के डॉक्टरों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए. साथ ही पत्नी के शव का डॉक्टरों के बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया. पुलिस ने रिशू के शव को पोस्टमार्टम के लिए पीजीआईएमएस रोहतक भिजवा दिया. जांच अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा कि इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है. परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम के बच्चे के शव को दफना दिया था. ऐसे में गुरुवार को नवजात बच्चे के शव को श्मशान घाट से निकाला गया है.