रोहतक: तेल की बढ़ती कीमतें जनता की जेब ढीली कर रही हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है जब डीजल और पेट्रोल के दाम बराबर हो गए हैं. पिछले 20 दिनों में पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है. जिसका घर के चूल्हे से लेकर व्यावसाय और खेती तक पर असर पड़ रहा है.
हरियाणा में इस वक्त धान की बुआई का सीजन है, जिसके लिए किसान पानी निकालने के लिए ट्यूबवेल और खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं. ये दोनों ही चीजें डीजल पर पूरी तरह से आधारित होती हैं, लेकिन देश में लगातार तेल के दाम बढ़ रहे हैं. ऐसे में डीजल के दाम बढ़ने से किसानों पर दोगुना असर पड़ने वाला है, क्योंकि लॉकडाउन के दौरान पहले प्रवासी मजदूर नहीं मिलने की वजह से किसानों को काफी नुकसान हो चुका है.
क्यों किसानों के लिए जरूरी है डीजल ?
डीजल किसान के लिए सबसे जरूरी है, क्योंकि खेती लगभग डीजल पर ही आधारित होती है. ट्रैक्टर हो कंबाइन हो या फिर पानी निकालने के लिए ट्यूबवेल. इन सभी चीजों में डीजल का ही इस्तेमाल होता है. लगातार बढ़ रहे डीजल के दामों से किसान काफी परेशान हैं. साल भर मेहनत करके जो कुछ किसान खेती में बचाने की कोशिश करता है वो सीजन में बढ़ रहे तेल के दामों की वजह से नहीं हो पाता.
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अब किसान चाहते हैं कि सरकार डीजल के दामों को कम करें या फिर किसानों को सब्सिडी दे, ताकि उनके लिए भी खेती घाटे का नहीं बल्कि फायदे का सौदा साबित हो. गौरतलब है कि तेल कंपनियां पिछले 20 दिनों से लगातार पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ा रही हैं. पिछले 19 दिन में डीजल की कीमत में 10.79 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी हुई है. वहीं 18 बार में पेट्रोल के दाम 8.86 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं.