रोहतक: हरियाणा की सभी यूनिवर्सिटी में कार्यरत अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर के संगठन हरियाणा यूनिवर्सिटी कांटेक्टचुअल टीचर्स संघ हरियाणा (हुकटा) के प्रतिनिधिमंडल ने नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की. इस दौरान हुकटा के प्रतिनिधिमंडल ने भूपेंद्र हुड्डा को मांग पत्र सौंपा. जिसमें कहा गया कि यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर पिछले 3 वर्ष से 15 वर्ष से काम कर रहे अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर पर छंटनी की तलवार लटक गई है.
छंटनी के डर की वजह से असिस्टेंट प्रोफेसर में रोष है. उनको भविष्य को लेकर भारी चिंता है. उनकी मांग को सुनने के बाद पूर्व सीएम ने आश्वासन दिया कि उनकी आवाज को हरियाणा विधानसभा के सत्र में उठाया जाएगा. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि शिक्षक समाज के निर्माता होते हैं और उनका रोजगार छीनना बिल्कुल भी न्याय संगत नहीं है. हुकटा संगठन के अध्यक्ष विजय मलिक ने बताया कि प्रदेश की 14 सरकारी यूनिवर्सिटी में करीब एक हजार असिस्टेंट प्रोफेसर अनुबंधित अस्थाई और विजिटिंग फैकल्टी के रूप में 3 से 15 वर्षों से वर्कलोड पर कार्यरत हैं.
उन्होंने कहा कि सभी की नियुक्ति यूजीसी के मानदंडों के अनुसार ही की गई थी. वो शुरुआत से ही सभी प्रारंभिक वेतनमान पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और अधिकतर सेवारत शिक्षक नियमित सेवा में आने की अधिकतम आयु सीमा को भी पार कर चुके हैं या उसके आस-पास पहुंच चुके हैं. नई भर्ती की पोस्टों पर कैटेगरी व अन्य कारणों के कारण पहले से कार्यरत अस्थाई असिस्टेंट प्रोफेसर अपने विभाग या कॉलेज में आवेदन ही नहीं कर सकेंगे और ग्रॉस सैलरी ना मिलने के कारण अपने खुद के अनुभव का लाभ भी नहीं ले सकेंगे.
उन्होंने मांग की है कि भर्ती करते समय अस्थाई रूप से कार्यरत एक हजार असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदों को भरा हुआ मानकर या छोड़कर शेष क्लीयर कट वैकेंसी पर भर्ती की जाए ताकि उनका रोजगार सुरक्षित रह सके. यूनिवर्सिटी में सभी विभागों में 10 से 15 वर्ष से वर्कलोड वाली पोस्टों को स्वीकृत कराया जाए. महानिदेशक उच्च शिक्षा, हरियाणा, पंचकूला द्वारा हरियाणा की यूनिवर्सिटी के सभी कुलपतियों को अनुबंध के आधार पर पहले से कार्यरत प्राध्यापकों की सेवा सुरक्षा लागू करने के लिए ठोस सकारात्मक कार्रवाई करके रिपोर्ट द्वारा सबका रोजगार सुरक्षित किया जाए, ताकि भविष्य में किसी का रोजगार ना जाए.
हर वर्ष नियमित कर्मचारियों की भांति वेतन में बढ़ोतरी और डीए की अधिसूचना जारी की जाए. हिमाचल प्रदेश, उड़ीसा व पंजाब की तर्ज पर यूनिवर्सिटी के अनुबंधित शिक्षकों का रोजगार (हरियाणा के सरकारी विद्यालयों के अतिथि अध्यापकों की तरह) पॉलिसी बनाकर नियमित करें या नियमित होने तक रोजगार की सुरक्षा प्रदान की जाए.